ईडी और सीबीआई निदेशकों के कार्यकाल काे बढ़ाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ : कांग्रेस

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Published : Nov 15, 2021, 3:09 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 9:57 PM IST

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी

ईडी और सीबीआई निदेशकों के कार्यकाल बढ़ाकर 5 साल किए जाने के फैसले पर कांग्रेस ने हमला बोला है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि यह एक अवैध अध्यादेश है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि सरकार ने ये कदम सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करने तथा अपने हितों की रक्षा करने के मकसद से उठाया है.

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश का सहारा लिया है. कांग्रेस ने इस फैसले की आलोचना की है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि केंद्र सरकार का अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के 1998 के जैन हवाला मामले में सुनाए गए फैसले के खिलाफ है.

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ईडी, सीबीआई के कार्यकाल को 5 तक बढ़ाने संबंधी अध्यादेश के संबंध में कहा है कि केंद्र सरकार का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है.

मनीष तिवारी ने कहा कि यह अध्यादेश उन अधिकारियों को यह संदेश है कि यदि आप उनके (केंद्र) आदेश के मुताबिक काम करते हैं तो आपका कार्यकाल साल दर साल ऐसे ही बढ़ाया जाता रहेगा. उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को इस फैसले के खिलाफ एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सीबीआई, ईडी निदेशक के कार्यकाल को 2 साल घोषित किया है.

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि ये कदम उसने सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करने तथा अपने हितों की रक्षा करने के मकसद से उठाया है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा भी किया कि 29 नवंबर से आरंभ होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से 15 दिन पहले अध्यादेशों को लाना संसद का अनादर करना है.

सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, 'भाजपा सरकार जानबूझकर संस्थाओं की साख गिरा रही है और खुद के लिए सुरक्षा पैदा कर रही है. कार्यकाल बढ़ाने का मतलब है कि मोदी सरकार अध्यादेशों के जरिये यह अधिकार प्राप्त कर रही है कि वह पदासीन व्यक्ति का कार्यकाल पांच वर्ष तक एक-एक साल के लिए बढ़ा सके. इसका मकसद संस्थाओं पर नियंत्रण करना है.'

उन्होंने दावा किया, 'सरकार ने इस कदम से उच्चतम न्यायालय के एक हालिया निर्णय का अनादर किया है. यह सब एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए किया गया है. आपने अगले कुछ वर्षों के लिए अपना इरादा बता दिया है.'

सिंघवी ने कहा, 'संसद के शीतकालीन सत्र से 15 दिन पहले ये अध्यादेश क्यों जारी किए गए? इसमें जनहित क्या है? इसमें सरकार का हित और भाजपा का हित है. पांच साल तो बहाना है, साहब को बहुत छिपाना है, अपने दोस्तों को बचाना है और विपक्ष को झुकाना है.'

उन्होंने यह भी कहा, 'अगर आपका (सरकार) इरादा सही है तो फिर आप कह सकते थे कि पांच साल का एक तय कार्यकाल होगा. लेकिन आपका इरादा कुछ और है. आप सिर्फ कार्यकाल एक-एक साल बढ़ाने की व्यवस्था करके पदासीन व्यक्तियों पर दबाव बनाए रखना चाहते हैं.'

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गौरतलब है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों का कार्यकाल मौजूदा दो वर्ष की जगह अधिकतम पांच साल तक हो सकता है. सरकार ने रविवार को इस संबंध में दो अध्यादेश जारी किये.

(एएनआई इनपुट)

Last Updated :Nov 15, 2021, 9:57 PM IST
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