राकेश टिकैत बोले, किसानों पर लाठीचार्ज निंदनीय

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Published : Feb 3, 2021, 10:25 AM IST

Updated : Feb 3, 2021, 9:14 PM IST

किसान आंदोलन

21:12 February 03

सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान ने तोड़ा दम, अब तक 16 किसानों की हुई मौत

सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान ने तोड़ा दम, अब तक 16 किसानों की हुई मौत

सोनीपत: केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में 25 नवंबर से ही किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. एक तरफ जहां किसान धरना देने के लिए सोनीपत के सिंघु दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. वहीं सोनीपत सिंघु बॉर्डर से धरनारत किसानों की मौत की खबरें भी सामने आ रही हैं.

सोनीपत सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान धरने में एक और किसान ने आज दम तोड़ दिया. मृतक किसान की पहचान जसमेल निवासी पंजाब बरनाला के रूप में हुई है. जसमेल की उम्र लगभग 47 साल के करीब थी. सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की संख्या अब 16 हो गई है.

25 नवंबर से सिंघु बॉर्डर पर किसान दे रहा था धरना
मिली जानकारी के मुताबिक मृतक किसान 25 नवंबर से ही सिंघु बॉर्डर पर धरने में शामिल था. पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत के सरकारी अस्पताल में भिजवा दिया है. जहां कल पोस्टमार्टम करवाया जाएगा.

मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग उठी

मृतक के साथी निर्भय सिंह ने बताया कि सरकारी हमारी मांगें नहीं मान रही है. जिसके चलते हम यहां पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और हमारे बहुत सारे किसान इस आंदोलन में शहादत प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन सरकार झुकने का नाम नहीं ले रही है. वहीं उन्होंने सरकारी अस्पताल की व्यवस्था पर भी सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि यहां व्यवस्था अच्छी नहीं है. हमारी सरकार से मांग है कि मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए.

मामले की जांच जारी 
मामले की जानकारी देते हुए कुंडली थाने में तैनात अधिकारी सुमित ने बताया कि सिंघु बॉर्डर पर जसमेल नाम के एक किसान की हृदय गति रुकने से मौत बताई जा रही है. इसकी परिजनों को सूचना दे दी गई है. मृतक पंजाब के बरनाला का रहने वाला था. कल पोस्टमार्टम कराया जाएगा. फिलहाल मामले की जांच जारी है.

18:13 February 03

पोस्टर के माध्यम से अपनी बात पहुंचा रहे किसान

टिकरी बॉर्डर: पोस्टर के जरिए समाज और सरकार को संदेश दे रहे किसान

किसानों के आंदोलन को 60 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है. किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के बॉर्डरों पर डटे हुए हैं. ऐसे में टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा-पंजाब से आए किसान पोस्टर लगाकर अपने आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. आंदोलन स्थल पर किसानों ने अलग-अलग स्लोगन और नारे लिखकर पोस्टर लगाए हुए हैं.

हरियाणा के सिरसा से आए किसान राजेश कुमार ने कहा सभी किसान भाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए पोस्टर पर महान क्रांतिकारी और योद्धाओं की बातें लिखी गई हैं. यह पोस्टर हिंदी अंग्रेजी और पंजाबी तीनों भाषाओं में लगाए गए हैं. जिससे कि सभी लोग हमारी बातें समझ सकें और हमारे आंदोलन से जुड़ सकें.


 

18:07 February 03

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत

राकेश टिकैत बोले, किसानों पर लाठीचार्ज निंदनीय

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बुधवार को पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों पर लाठी चार्ज की निंदा की है. उन्होंने कहा कि बड़ौत में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया है. सरकार व प्रशासन को ऐसा नहीं करना चाहिए था. जहां किसानों का धरना चल रहा था, वहां किसानों को एक बार फिर धरना शुरू करना चाहिए. सरकार अगर कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो किसानों के बड़े - बड़े आंदोलन चलते रहेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अपनी तैयारी कर लें. यदि समाधान नहीं हुआ तो अक्टूबर तक किसानों का आंदोलन चलता रहेगा. राकेश टिकैत ने दिल्ली हिंसा के मामले में उन पर गंभीर धाराओं में मुकदमे पर बोलते हुए कहा कि जब तक किसानों का आंदोलन चलेगा तब तक तो किसानों के आंदोलन में रहूंगा. उसके बाद जेल में चला जाऊंगा. इसके बाद वह हरियाणा के जींद में होने वाली महापंचायत में शामिल होने के लिए बागपत से रवाना हो गए.

हमारा कोई घर नहीं है
हमारा कोई घर नहीं है. गाजीपुर में चल रहा ये आंदोलन स्थल ही अब हमारा घर है. अभी हम महाराष्ट्र गए थे. आज बागपत में हूं. अब देशभर में मीटिंग चलेगी. हमारी कमेटी में जो 40 लोग हैं, वो अपने-अपने स्टेट में मीटिंग करेंगे.

दिल्ली में साजिश
दिल्ली में लाल किले पर कोई नहीं गया. कुछ लोग किसानों को बहकाकर ले गए. हम पिछले 35 सालों से किसानों के लिए आंदोलन कर रहे हैं. हम हमेशा कहते हैं कि पार्लियामेंट जाएंगे, आर-पार की लड़ाई करेंगे लेकिन आज तक कोई आंदोलनकारी पार्लियामेंट नहीं गया. फिर यह कैसे संभव है कि कोई लाल किले पर चला गया. वास्तव में कुछ किसानों को बहकाकर वहां भेजा गया. उनको रास्ता दिया गया. उनको लाल किले की बुलंदी तक जाने दिया गया. धार्मिक झंडा उनसे लगवाया गया. एक बड़ी साजिश है.

तिजोरी में बंद होगा अनाज
राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन जब तक चलता रहेगा मैं शामिल रहूंगा, नहीं तो जेल में रहूंगा. सरकार आंदोलनस्थल पर कील लगा रही है. मजबूत किलेबंदी है. ये ही किलेबंदी बाद में जो अनाज के गोदाम बनेंगे, उनके चारों तरफ लगेगी. जब अनाज तिजोरी में बंद हो जाएगा तो इसके बाहर इसी तरह की किलेबंदी होगी. उसको कैसे भेद पाओगे.


 

18:04 February 03

मंगलौर में किसानों की महापंचायत.

कृषि कानूनों के विरोध में मंगलौर में भी किसान महापंचायत, उमड़ा जनसैलाब

रुड़की :  मंगलौर में किसानों की महापंचायत शुरू हो चुकी है. सुबह से ही किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं. अभी तक बड़ी तादाद में किसान महापंचायत में पहुंच चुके हैं. बताया जा रहा है कि कुछ ही देर में भाकियू टिकैत के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी महापंचायत में पहुंचने वाले हैं. महापंचायत को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में मंगलौर की गुड़मंडी में किसानों ने महापंचायत बुलाई है. इस महापंचायत में किसानों के सभी संगठनों के किसान शामिल हैं. महापंचायत के लिए किसान सुबह से ही मंगलौर गुड़ मंडी में जमा हो रहे हैं. ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान महापंचायत का रुख कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी महापंचायत में पहुंचेंगे. जिसके बाद वे किसानों को संबोधित करेंगे.

दरअसल, दिल्ली में पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में इस महापंचायत का आयोजन किया गया है. बीती 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसानों में जोश भरने के लिए महापंचायत का सिलसिला शुरू हुआ था. शामली और मुजफ्फरनगर के बाद अब मंगलौर की गुड़मंडी में किसानों की महापंचायत की जा रही है. सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

एसपी देहात प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बताया महापंचायत के मद्देनजर एक सीओ के नेतृत्व में करीब 6 इंस्पेक्टर और दो कंपनी पीएसी को लगाया है. उन्होंने बताया सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर तमाम एहतियात बरती गई है.

18:03 February 03

किसानों ने अभी तो कानून वापसी की बात की है, अगर गद्दी वापसी पर आ गए तो क्या होगा : टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने जींद में आयोजित महापंचायत में कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी के अलावा किसान मानने वाला नहीं है.

उन्होंने सरकार को चेताया कि अभी तो किसानों ने सिर्फ कानून वापसी की बात कही है, अगर किसान गद्दी वापसी की बात पर आ गए तो उनका क्या होगा. इस बात को सरकार को भलिभांति सोच लेना चाहिए. 

हरियाणा में जींद के कंडेला में गांव आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस की घेरांबदी को लेकर कहा कि सरकार ने कीलें गाडी, तार लगवाए, लेकिन ये चीजें किसानों को नहीं रोक पाएंगी.

उन्होंने कहा कि राजा जब डरता है तो किलेबंदी करता है. मोदी सरकार किसानों के डर से किलेबंदी करने में जुटी है.

टिकैत ने कहा कि किसान इन्हें उखाड़ कर अपने घरों में ले जाएंगे और अपने-अपने गांवों की चौपालों में रखेंगे और आने वाली नस्लों को बताएंगे कि किस प्रकार सरकार ने उनका रास्ता रोकने के लिए प्रोपेगंडे रचे थे.

उन्होंने कहा कि यह किलेबंदी एक नमूना है, आने वाले दिनों में गरीब की रोटी पर भी किलेबंदी होगी. टिकैत ने कहा कि किसी भी गरीब की रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसीलिए किसानों ने यह आंदोलन शुरू किया है.

उन्होंने सरकार से तीनों बिलों को वापस लेने की मांग की.

उन्होंने कहा कि पिछले 35 साल से किसानों के हित में आंदोलन करते आ रहे हैं. हमने संसद घेरने की बात भी कही थी, लाल किले की बात तो कभी नहीं कही और न ही किसान वहां कभी गए. लाल किले पर जो लोग गए वो किसान नहीं थे. यह किसानों को बदनाम करने के लिए साजिश रची थी.'

किसान आंदोनल को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी कमेटी का न तो कोई मेम्बर बदला जाएगा और न ही कार्यालय बदला जाएगा तथा जो भी फैसला होगा यही 40 सदस्यीय कमेटी फैसला करेगी.

उन्होंने कहा कियुद्ध में कभी घोड़े नहीं बदले जाते. हम इन्हीं घोड़ों के बल पर किसानों की लड़ाई जीतने में कामयाब होंगे.

टिकैत ने कहा कि अभी सरकार को अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है, आगे जैसे भी हालात रहेंगे, उसी मुताबिक आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने खेत की मिट्टी और पानी की पूजा करें, क्योंकि युवा जब तक खेत की मिट्टी और पानी की पूजा नहीं करेंगे तो उन्हें आंदोलन का अहसास नहीं होगा.

18:02 February 03

जींद की महापंचायत में किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में बुधवार को जींद के कंडेला गांव में हुई महापंचायत में केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई. नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में हुई महापंचायत के दौरान वह मंच भी टूट गया जिस पर वक्ता बैठे हुए थे.

शुरुआती खबरों के मुताबिक जींद जिले के कंडेला गांव में बनाए गए मंच के टूटने से कोई घायल नहीं हुआ. मंच पर काफी संख्या में लोग इकट्ठा थे, जिसके कारण यह भार सहन नहीं कर पाए.

14:28 February 03

हरियाणा : जींद ज़िले में महापंचायत के दौरान स्टेज टूटा.

जींद ज़िले में महापंचायत के दौरान स्टेज टूटा

जींद जिले में चल रहे महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हिस्सा लिया. 

13:03 February 03

जींद में महापंचायत का आयोजन.

6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम के ऐलान के बाद किसान आंदोलन फिर से गति पकड़ने लगा है. किसान लगातार दिल्ली की और कूच कर रहे हैं. वहीं हरियाणा में किसानों को इकट्ठा करने के लिए महापंचायतों का दौर जारी है. आए दिन अलग-अलग जिलों में महापंचायत की जा रही हैं. चक्का जाम के ऐलान के बाद जींद के कंडेला में कुछ ही देर में महापंचायत होगी. जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी थोड़ी देर में पहुंचने वाले हैं. 


 

11:08 February 03

बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैट की प्रतिक्रिया.

बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैट ने कहा कि आज हम जींद जा रहे हैं. गांवों को इकट्ठा करेंगे. जब तक भारत सरकार हमारी मांगों को नहीं मानेगी, हमारी पंचायत ऐसे ही जारी रहेगी. बातचीत से समाधान निकल जाएगा तो, हमारे लिए बहुत अच्छा है.   

10:16 February 03

हरियाणा में किसानों को इकट्ठा करने के लिए लगातार महापंचायतों का दौर जारी है. आज जींद के कंडेला गांव में किसानों और खापों की महापंचायत का आयोजन किया जाएगा. खास बात ये है कि महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहुंचेंगे.

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महापंचायत में भाकियू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष रतनमान सहित प्रदेश भर के किसान भाग लेंगे. भाकियू की ओर से पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद, सिरसा, करनाल, पानीपत, भिवानी, सोनीपत, झज्जर, दादरी सहित कई जिलों के किसानों को इस महापंचायत में आमंत्रित किया गया है.

6 फरवरी को किसानों का चक्का जाम

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन अब विशाल रूप लेता जा रहा है. अभी तक जहां इस आंदोलन को सिर्फ हरियाणा और पंजाब का बताया जा रहा था. वहीं अब इस आंदोलन में राजस्थान, उत्तरप्रदेश और कई राज्यों के किसान अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसी बीच किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के विरोध में 6 फरवरी को देश भर में चक्का जाम करने का फैसला लिया है.

10:01 February 03

किसान आंदोलन लाइव

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ जारी गतिरोध आज 70वें दिन भी जारी है. आज भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत, किसान महापंचायत में हरियाणा के जींद जाएंगे. इससे पहले मंगलवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने टिकैत से गाजीपुर सीमा पर भेंट की थी.

बता दें कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड में हुए उत्पात के बाद किसानों के आंदोलन को लेकर प्रशासन सख्त दिख रहा है. प्रशासनिक तैयारियों की एक बानगी टीकरी और गाजीपु बॉर्डर पर दिखी, जब लगभग पक्की बैरिकेडिंग बनाने के अलावा सड़कों पर कीलें भी बिछाई गईं. इन तैयारियों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी ने सरकार पर सवाल भी खड़े किए हैं.

Last Updated :Feb 3, 2021, 9:14 PM IST
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