BJP का दावा...आप ने आबकारी नीति में हुए उल्लंघनों व विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को किया नजरअंदाज

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Published : Aug 23, 2022, 3:03 PM IST

Updated : Aug 23, 2022, 3:48 PM IST

दिल्ली

दिल्ली की आबकारी नीति और शराब घोटाले को लेकर सीबीआई की छापेमारी अब भाजपा के लिए एक ऐसा मौका हैं, जिसे वो किसी भी कीमत पर हाथ से जाने देना नहीं चाहती है. लिहाजा प्रेस कांफ्रेंस का जवाब प्रेस कांफ्रेंस से दिया जा रहा है. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की ये रिपोर्ट...

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ हमले तेज करते हुए मंगलवार को दावा किया कि दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति में हुए उल्लंघनों और एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया था. भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली की आबकारी नीति (delhi excise policy) के अनुसार शराब के उत्पादक, खुदरा विक्रेता और वितरक एक नहीं हो सकते. इतना ही नहीं, इनसे जुड़ी कंपनियों के निदेशक और हितधारक भी एक नहीं हो सकते.

उन्होंने दावा किया कि 25 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली के आबकारी विभाग द्वारा ऐसे कुछ मामलों को सरकार के संज्ञान में लाया गया था, जिनमें उत्पादक, खुदरा विक्रेता और वितरक एक समान थे लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि एक विशेषज्ञ समिति ने सुझाव दिया था कि शराब की ब्रिकी बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार नहीं किया जाना चाहिए लेकिन दिल्ली सरकार ने शराब के एक कार्टन पर एक कार्टन मुफ्त देना आरंभ कर दिया.

उन्होंने कहा कि समिति ने सुझाया था कि आबकारी नीति में कर्नाटक के मॉडल को अपनाया जाना चाहिए जिसमें थोक व्यापार का काम सरकार का होगा. समिति ने कहा था कि व्यक्ति विशेष को एक से अधिक लाइसेंस नहीं दिया जा सकता है. वर्मा ने आरोप लगाया कि समिति ने गांवों और कॉलोनियों में जहां व्यापारिक बाजार नहीं है, वहां शराब की दुकानें ना खोलने का सुझाव दिया था लेकिन सरकार ने सभी सुझावों को नजरअंदाज किया.

भाजपा नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से इन आरोपों का स्पष्ट जवाब मांग और कहा कि जो सवाल उठाए जा रहे हैं वह नीतिगत हैं ना कि राजनीतिक. त्रिवेदी ने कहा, "जवाब हमें आबकारी नीति पर चाहिए. ना तो ईमानदारी की बात करिए और ना ही बिरादरी की." वर्मा ने आप नेताओं पर तंज कसते हुए कहा किशिक्षा मंत्री से जब हम केमिस्ट्री का सवाल पूछते हैं तो वह हिस्ट्री का जवाब देते हैं. सिसोदिया दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री भी हैं.

दिल्ली की आबकारी नीति पर चल रहे बवाल को लेकर भारतीय जनता पार्टी पीछे हटती नजर नहीं आ रही. हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी आम आदमी पार्टी से सवाल कर रही है. हालांकि इस आबकारी नीति को वापस ले लिया गया है बावजूद इसके नई आबकरी नीति के तहत हुए घोटाले को लेकर भारतीय जनता पार्टी बार-बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से सवाल कर रही है

आम आदमी पार्टी ने यह आरोप लगाया था कि भाजपा के दूसरे नंबर के नेता ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को ऑफर भेजा था. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा आम आदमी पार्टी के विधायकों को तोड़ना चाहती है और उन्हें पैसे के ऑफर और धमकी भी दी गई थी जिसका जवाब देते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने इस बात का खंडन किया.

भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने आज यह आरोप लगाया कि कुछ ऐसी निजी कंपनियां हैं जिन्हें शराब के डिस्ट्रीब्यूशन उत्पादन और मार्केटिंग तीनों की ही जिम्मेदारी दी गई. जबकि नई आबकारी नीति के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, उन्होंने ऐसी कोई अनुशंसा नहीं की थी. बल्कि उसमें यह ताकीद की गई थी कि जो उत्पादक होंगे, उन्हें डिस्ट्रीब्यूशन की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। लेकिन दो कंपनियों को उत्पादन और डिस्ट्रीब्यूशन की जिम्मेदारी दे दी गई. प्रवेश वर्मा ने कहा कि उन कंपनियों से आम आदमी पार्टी के क्या संबंध हैं, ये जनता जानना चाहती है.

भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने सवाल किया कि पिछले सात सालों में शराब दिल्ली में डेढ़ गुना ज्यादा बिकी है, जबकि सरकार को जितना रेवेन्यू मिलना चाहिए था वह सरकार के पास नहीं आया, तो वो पैसा कहां गया. प्रवेश वर्मा ने आरोप लगाया कि एक तरफ तो शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली में शिक्षा को बढ़ाने का दावा कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ शराब पीने वालों की उम्र घटाकर 21 साल कर दी गई है. कॉलेज के छात्रों को वह शराब पिला रहे हैं. यह कैसी आबकरी नीति है जो दिल्ली को बर्बाद कर रही है.

आप की शराब नीति पर भाजपा का पत्रकार सम्मेलन

वर्मा ने ये भी कहा कि नई आबकारी नीति में यह तय किया गया था कि सरकार नई नीति का प्रचार प्रसार नहीं करेगी. बावजूद उसके एक के ऊपर एक फ्री दिल्ली में शराब बांटी गई और उसका प्रचार-प्रसार भी किया गया, जो एक गंभीर मामला है. आप के इस आरोप के जवाब में कि भाजपा उनकी पार्टी तोड़ना चाहती है, भाजपा का कहना है कि उन्हें आरोपों के सही जवाब नहीं मिल रहे. शराब घोटाले पर सवाल पूछा जाता है, तो जवाब शिक्षा योजनाओं का दिया जाता है.

दरअसल भाजपा कथित शराब घोटाले का हर मुमकिन फायदा उठाना चाहती है. पार्टी के एक भरोसेमंद सूत्र का कहना है कि हिमाचल और गुजरात के चुनावों से ठीक पहले हाथ लगे इस मुद्दे को पार्टी पूरी तरह निचोड़ लेना चाहती है. केजरीवाल के खिलाफ उनकी ये मुहिम भाजपा की 2024 के लिए शुरू किए गए उस एजेंडे पर फिट भी बैठती है, जिसके चलते पार्टी दिखाना चाहती है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं को बर्दाश्त नहीं करेगी. पहले बंगाल और फिर दिल्ली में सरकारी एंजेंसियों का ऐक्शन इसी की बानगी है. ध्यान रहे कि आम आदमी पार्टी के नेता पहले से कहते रहे हैं कि गुजरात में उनका जनाधार बढ़ रहा है, जो भारतीय जनता पार्टी को डरा रहा है.

Last Updated :Aug 23, 2022, 3:48 PM IST
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