Life at risk for education in Kanker: कांकेर में शिक्षा के लिए जोखिम में जान
Students going to school crossing river in kanker : कांकेर के अन्तागढ़ विकासखण्ड में कोलर गांव और उसके पास के तीन गांव बड़े साल्हेभाट, डांगरा और फुलपार के बच्चे बारिश के मौसम में जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचते हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण विकास की गति धीमी है. लेकिन बच्चों में जहां भविष्य संवारने का जज्बा है तो इनके माता पिता भी इन्हें वनांचल से निकालकर बड़े शहर भेजने का सपना देख रहे हैं शायद इसी वजह से वे भी अपने बच्चों को खतरों के बीच स्कूल जाने छोड़ दे रहे हैं. बच्चे हर रोज सरण्डी नदी पार कर स्कूल जाते हैं. नदी पार करने के दौरान ना सिर्फ यूनीफॉर्म भीग जाती है बल्कि जान को भी खतरा रहता है. हालांकि अच्छी बात ये रहती है कि बाढ़ के दिनों में स्कूल के टीचर छात्रों को स्कूल आने से मना कर देते हैं. लेकिन इस दौरान बच्चों को पढ़ाई का काफी नुकसान होता है. छात्रों और उनके परिजनों की माने तो कई बार पुल और सड़क के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ मिला नहीं. लिहाजा बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर है. Life at risk for education in Kanker
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