World Tuberculosis Day: जानिए इसलिए हर साल मनाया जाता है विश्व टीबी दिवस
Published: Mar 16, 2023, 7:35 PM


World Tuberculosis Day: जानिए इसलिए हर साल मनाया जाता है विश्व टीबी दिवस
Published: Mar 16, 2023, 7:35 PM
हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है. इस दिन को टीबी के मरीजों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. इसी दिन डॉ रॉबर्ट ने इस बीमारी के जीवाणु की खोज की थी.raipur health news
रायपुर: हर साल जाने कितने लोग क्षयरोग यानी कि टीबी बीमारी के कारण मारे जाते हैं. देश में लगातार टीबी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. कहीं ये बीमारी महामारी का रूप न ले ले, इसलिए हर वर्ष 24 मार्च को विश्व क्षयदिवस यानी की टीबी दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य टीबी बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना और इस बीमारी के प्रति सजग रहना है.
डॉ रॉबर्ट ने की थी खोज: 24 मार्च सन 1882 को प्रसिद्ध डॉ.रॉबर्ट कॉख ने टीवी के जीवाणु की खोज की थी. ये जीवाणु टीबी बीमारी को जन्म देते है. यही कारण है कि हर साल इसी दिन यानी कि 24 मार्च को विश्य क्षयदिवस मनाया जाता है.
यह एक संक्रामक रोग: टीबी यानी कि ट्यूबरक्लोसिस एक संक्रामक रोग है, जो बैक्टीरिया की वजह से होता है. जब हम सांस लेते हैं, खांसते या छींकते है तो ये बैक्टिरिया काफी समय तक हवा में मौजूद रहता है. इन्हीं बैक्टिरिया के कारण टीबी होता है. यही बैक्टिरिया हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देते हैं, जिसके कारण टीबी का मरीज कमजोर होता जाता है.
अधिकतर फेफड़ों को करता है कमजोर: टीबी ज्यादातर फेफड़ों में ही पाया जाता है. इसके अलावा आंतों, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा और हृदय भी टीबी से ग्रसित हो सकता हैं. क्षयरोग को कई नामों से जाना जाता है, टीबी, तपेदिक, ट्यूबरकुलासिस, राजयक्ष्मा, दण्डाणु आदी. टीबी का मरीज इतना कमजोर होता है कि उसे कोई भी गंभीर बीमारी तुरंत अपनी चपेट में ले सकती है.
इसके लक्षण: इस बीमारी के कई लक्षण हैं, जैसे लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना, खांसी करने पर बलगम में थूक का आना, छाती में दर्द और सांस फूलना, अचानक वजन कम होना, अधिक थकान फील होना, शाम को बुखार आना, अधिक ठंड लगना, भूख कम लगना, फेफड़ों का इंफेक्शन होना, सांस लेने में प्रोबलम होना. ये सभी टीबी के लक्षण हैं.
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इससे बचाव के उपाय: इस बीमारी से बचाव के लिए टीबी के मरीज से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रहें. इस बीमारी के मरीज को मास्क पहनाने पर जोर दें. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर न जाएं. मरीज का कमरा अलग हो. टीबी के मरीज के सारी चीजें अलग होनी चाहिए.
