Genome Sequencing in Chhattisgarh 2021 : छत्तीसगढ़ से जांच के लिए विशाखापट्टनम भेजे जा रहे सैंपल

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Published : Nov 30, 2021, 4:32 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 4:42 PM IST

Samples being sent from Chhattisgarh to Visakhapatnam for investigation

छत्तीसगढ़ में जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing in Chhattisgarh 2021) के लिए आईजीएसएल के आवंटन के अनुसार छत्तीसगढ़ से जांच के लिए सैंपल विशाखापट्टनम (Samples being sent from Chhattisgarh to Visakhapatnam for genome sequencing) भेजे जाते हैं. सैंपल भेजने की यह सुविधा एम्स रायपुर में प्रारंभ हुई है.

रायपुर : देश के सभी राज्यों में कोविड के नए वैरिएंट 'ओमीक्रोन' को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि कोविड का यह नया वैरिएंट काफी खतरनाक है और तेजी से दूसरों को भी संक्रमित करता है. 12 हाई रिस्क वाले देशों से भारत आने वाले लोगों की दिल्ली, मुंबई, कोलकाता एयरपोर्ट पर कोविड टेस्टिंग की जा रही है. अगर कोई व्यक्ति पॉजीटिव पाया जाता है तो उसे तत्काल आइसोलेशन सेंटर भेज दिया जा रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ में जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing in Chhattisgarh 2021) के लिए आईजीएसएल के आवंटन के अनुसार छत्तीसगढ़ से जांच के लिए सैंपल विशाखापट्टनम (Samples Being Sent From Chhattisgarh to Visakhapatnam for Genome Sequencing) भेजे जाते हैं. सैंपल भेजने की यह सुविधा एम्स रायपुर में प्रारंभ हुई है.

छत्तीसगढ़ से जांच के लिए विशाखापट्टनम भेजे जा रहे सैंपल

कोरोना के नए वैरिएंट का पता लगाने सरकार करा रही जीनोम सीक्वेसिंग

कोरोना के नए वैरिएंट के बारे में पता लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग ( Government of India is Conducting Genome Sequencing Test) की जा रही है. दरअसल हमारी कोशिकाओं के भीतर जेनेटिक मैटेरियल होते हैं, इसे डीएनए और आरएनए कहते हैं. इन सभी पदार्थों को ही सामूहिक रूप से जीनोम कहा जाता है. एक जीन किस तरीके से व्यवहार करता है, एक जीन की दूसरे से कितनी दूरी है. इन सबके बारे में पूरी जानकारी के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है. इसी से पता चलता है कि जीनोम में किस तरह के बदलाव आए हैं और ये कोरोना वायरस से कितना अलग है.

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12 देश हैं हाई रिस्क पर, वहां से आने वालों का हो रहा कोरोना टेस्ट

विश्व के 12 देशों को हाई रिस्क पर रखा गया है. इनमें यूके, यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरिशस, न्यूजीलैंड, जिंबाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग, इजरायल यह वह 12 देश हैं. जिन देशों को हाई रिस्क पर रखा गया है, वहां से आने वालों का दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट समेत देश के अन्य एयरपोर्ट पर कोविड टेस्ट किया जा रहा है. 7 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. अगर एयरपोर्ट में हुए टेस्ट में कोई व्यक्ति पॉजीटिव पाया जाता है तो उसे तुरंत आइसोलेशन सेंटर भेज दिया जा रहा है. वहीं अगर क्वॉरेंटाइन के दौरान कोई पॉजीटिव पाया जाता है तो तत्काल उसे आइसोलेशन सेंटर भेज दिया जा रहा है. 7 दिन बाद सबका दोबारा कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. अगर कोई व्यक्ति पॉजीटिव नहीं पाया जाता है तो उन्हें बाहर जाने दिया जा रहा है. लेकिन लगातार उनकी ट्रेसिंग की जा रही है. अगर वह बाद में पॉजीटिव पाया जाता है तो उसे तुरंत आइसोलेशन सेंटर भेज दिया का रहा है.

रायपुर एम्स में हो रही कोरोना जांच, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए विशाखापट्टनम भेजे जा रहे सैंपल

वहीं सैंपलों की टेस्टिंग की बात की जाए तो रायपुर एम्स में कोरोना सैम्पलों की टेस्टिंग की जा रही है, लेकिन भारत सरकार द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईजीएसएल द्वारा कुछ लैब आवंटित किये गए हैं. वहां पर जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर टेस्ट किया जाता है. भुवनेश्वर और विशाखापट्टनम (Genome Sequencing Being Done in Bhubaneswar and Visakhapatnam) जैसे कुछ सेंटर्स है, जहां जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर टेस्ट किये जाते हैं. संचालक एपिडेमिक कंट्रोल डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईजीएसएल के आवंटन अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य से सैंपल विशाखापट्टनम भेजे जाते हैं. एम्स रायपुर में इसकी सुविधा प्रारंभ हुई है. सेंटिनल सेंटर की मान्यता के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है.

Last Updated :Nov 30, 2021, 4:42 PM IST

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