Ratha Saptami 2023 आरोग्यता के लिए इस विधि से कीजिए रथ सप्तमी पर पूजा

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Published : Jan 22, 2023, 7:12 AM IST

Updated : Jan 28, 2023, 12:07 PM IST

Ratha Saptami 2023

रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव के 12 नाम लेकर कम से कम 12 बार सूर्य नमस्कार करें. सूर्य को शुद्ध जल से अर्घ्य देकर लाल फूल अर्पित करें. सूर्यदेव से प्रार्थना करें. भक्ति के साथ आदित्य हृदयस्त्रोतम, सूर्याष्टकम और सूर्य कवचम में से कम से कम किसी एक स्त्रोत का पाठ करें. रथ सप्तमी को माघ सप्तमी, सूर्य जयंती, आरोग्य सप्तमी, अचला सप्तमी और भानु सप्तमी भी कहा जाता है.

रायपुर/हैदराबाद: माघ महीने में शुक्ल पक्ष सप्तमी को रथ सप्तमी या माघ सप्तमी के रूप में जाना जाता है. इस बार 28 जनवरी को रथ सप्तमी मनाई जाएगी. सप्तमी तिथि भगवान सूर्य को समर्पित है. सूर्य को सात सफेद घोड़ों वाले रथ पर विराजमान माना गया है. मान्यता है कि, भगवान सूर्य देव ने रथ सप्तमी के दिन पूरी दुनिया का ज्ञानवर्धन करना शुरू किया था. इसे भगवान सूर्य का जन्म दिवस भी माना जाता है. इसलिए इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.

रथ सप्तमी पर सूर्य मंत्र

सूर्यग्रहणतुल्या तु शुक्ला माघस्य सप्तमी ।

अचला सप्तमी दुर्गा शिवरात्रिर्महाभरः ॥

रथ सप्तमी को दान पुण्य के लिए सूर्य ग्रहण के समान अत्यधिक शुभ माना गया है. रथ सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए. वैसे भी सूर्योदय से पहले स्नान करना हमेशा ही अच्छा माना जाता है. इससे ना सिर्फ शरीर स्वस्थ और निरोग रहता है. बल्कि जीवन में सकारात्मकता भी आती है. इस मान्यता के कारण रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. संतों के बीच यह दिन अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.

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विष्णु पुराण के अनुसार सूर्य देव के रथ में लगे सात घोड़े के नाम गायत्री, वृहति, उष्णिक, जगती, त्रिष्टुप, अनुष्टुप और पंक्ति हैं. रथ सप्तमी के दिन स्नान करने के बाद सूर्योदय के समय सूर्यदेव को जल चढ़ाए. इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए. कपूर, धूप और लाल फूलों से सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. सूर्यदेव को प्रातः काल स्नान कर अर्घ्य दान देने से लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है.

सूर्य के उत्तरायण दिशा की ओर बढ़ने का सूचक: रथसप्तमी ये बताया है कि सूर्य उत्तरायण में मार्गक्रमण कर रहा है. उत्तरायण यानी सूर्य उत्तर दिशा की ओर झुका होता है. रथसप्तमी किसानों के लिए फसल का दिन और दक्षिण भारत में धीरे-धीरे बढ़ते तापमान का दर्शक है. साथ ही वसंत ऋतु नजदीक आने का प्रतीक भी है.

Last Updated :Jan 28, 2023, 12:07 PM IST
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