छत्तीसगढ़ में नहीं बिक रही चिटफंड कंपनियों की संपत्ति, कैसे निवेशकों की होगी धनवापसी

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Published : Sep 20, 2022, 8:14 PM IST

Updated : Sep 20, 2022, 9:12 PM IST

Chit Fund Company Property Auction

Chit Fund Company Property Auction मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कड़े निर्देश के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस चिटफंड कंपनियों के संचालकों के खिलाफ एक्शन ले रही है. निवेशकों की धन वापसी के लिए चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों को नीलाम करने जिला प्रशासन भी कार्रवाई कर रही है, लेकिन चिटफंड कंपनी की संपत्ति खरीदने में लोग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. इससे कंपनी में निवेश करने वाले हजारों निवेशक के करोड़ों रुपए फंस गए हैं.Chit Fund Company Property Auction

रायपुर: चिटफंड कंपनियों में हजारों निवेशकों ने निवेश किया (Chit Fund Company Property Auction). वे डूबी रकम मिलने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन चिटफंड कंपनियों की संपत्ति की दो से तीन बार नीलामी की प्रक्रिया किए जाने के बाद भी खरीदारों के आवेदन नहीं पहुंच रहे हैं. रायपुर जिला प्रशासन अब फिर से नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर रही है (Chit Fund Company Property Auction).

कैसे निवेशकों की होगी धनवापसी

तीन बार नीलामी, नहीं आए खरीददार: राजधानी रायपुर में कई चिटफंड कंपनियां निवेशकों को चूना लगाकर फरार हो गई. पुलिस चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. लेकिन उनकी संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया के लिए आवेदन नहीं मिल रहे हैं. गुरुकृपा इनफॉर्मेलिटी आरंग इलाके की 0.296 हेक्टेयर जमीन को 31 जनवरी को न्यायालय ने नीलामी के संबंध में आदेश जारी किया था. तहसीलदार आरंग ने 15 मार्च, 21 मार्च, 16 मई नीलामी के लिए पेशी तय की, लेकिन कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण नीलामी नहीं की गई. इसके बाद 8 सितंबर को फिर से नीलामी प्रक्रिया हुई, लेकिन उसमें भी खरीददार नहीं पहुंचे.

डंगनिया के लिए भी नहीं आए आवेदन: शहर के पॉश इलाके में स्थित डगनिया में चिटफंड कंपनी निर्मल इंफ्राहोम कारपोरेशन लिमिटेड की शाखा है. यह शाखा उत्तरायण एनक्लेव के सेकंड फ्लोर में है. इसकी कीमत 35 लाख रुपए बेस्ट प्राइस तय किया गया था. इसकी नीलामी 18 अगस्त को होनी थी, लेकिन अभी तक नीलामी नहीं हो पाई. इसके अलावा कई कंपनी की संपत्ति की नीलामी आदेश 4 से 5 माह पहले कलेक्टर द्वारा जारी किया जा चुका है, लेकिन प्रकरण अभी तहसीलदारों के पास लंबित है. बताया जा रहा है कि इसकी मुख्य वजह खरीददारों के आवेदन नहीं पहुंच पाना है.

इनकी नीलामी की प्रक्रिया जारी

केस 1:एचबीएन डेयरी एंड एलाइड लिमिटेड की रायपुर स्टेट 288/54, 288/56, 313/4 रकबा 0.250, 0.113, 0.250, 0.109 हेक्टेयर की नीलामी के लिए आदेश जारी किया गया है. जल्द ही नीलामी की प्रक्रिया की जा रही है.

केस 2: किम इंफ्रा एवं डेवलपर्स लिमिटेड एवं नेक्टर कमर्शियल एस्टेट लिमिटेड की तिल्दा के सरोरा में रकबा 5.920 हेक्टेयर और ग्राम गातापार तहसील अभनपुर में 1.14 हेक्टेयर ग्राम बेंद्री में 0.761 हेक्टेयर और ग्राम चुरकी तहसील बागबाहरा रा. नि.म. खल्लारी जिला महासमुंद में रकबा 13.230 हे. 1.660 हे. और 1.750 हेक्टेयर और ओमकारबंद में 3.88 हेक्टेयर और तेलीबांधा में 0.830 हेक्टेयर जमीन है. अभी इसकी नीलामी की प्रक्रिया जारी है.

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चिटफंड कंपनी बीएन गोल्ड real-estate एलाइड लिमिटेड टिकरापारा 144 में एमएम शॉपिंग सेंटर में निर्मित ऑफिस क्रमांक 27 तेलीबांधा में निर्मित व्यवसायिक परिसर स्पार्क प्लाजा में कार्यालय क्रमांक 112, 113, 114, 115 रकबा 1576 वर्ग फुट तहसीलदार रायपुर द्वारा जमीन की नीलामी की कार्रवाई की जा रही है. इसी तरह सनशाइन इंफ्राबिल्ड की और शुष्क इंडिया कंपनी लिमिटेड कंपनी की जमीन की नीलामी प्रक्रिया चल रही है.

इनकी संपत्ति हो चुकी नीलाम: जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक कई चिटफंड कंपनियों की संपत्ति नीलाम की जा चुकी है. इसमें गोल्ड की इंफ्रा वेंचर लिमिटेड एवं डेसिड बेनिफिट एंड लिमिटेड की प्रॉपर्टी, देवयानी प्रॉपर्टी प्रा, निर्मल इंफ्राहोम कारपोरेशन लिमिटेड की, आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स प्रा लि, सुजुका इंडिया कंपनी लिमिटेड छछानपैरी की संपत्ति नीलाम की जा चुकी है. जिला प्रशासन को इन कंपनियों की संपत्ति को नीलाम करने से 8 करोड़ से अधिक रुपये मिल चुके हैं.

क्या कहते हैं अफसर: अपर कलेक्टर वीरेंद्र बहादुर पंचभई ने बताया कि ''जिला प्रशासन की ओर से विशेष न्यायाधीश से अनुमति के बाद 4 प्रकरणों में नीलामी कार्रवाई से राशि मिली है. शुष्क इंडिया कंपनी दुर्ग का प्रकरण है. जिसमें हम लोगों ने नीलामी की कार्रवाई कर दी है. इसमें 2 करोड़ 10 लाख रुपये की राशि मिली है. इस राशि को हम दुर्ग जिला प्रशासन को भेज रहे हैं. हमारे जिले में और भी नीलामी कार्रवाई चल रही है. कुछ मामलों में नीलामी नहीं हो पा रही है. जिसमें मकान और कार्यालय भवन बने हैं. तीन चार बार नीलामी की कार्रवाई के लिए प्रक्रिया की गई, लेकिन उसमें कोई नहीं पहुंचा. लगातार हमारी ओर से नीलामी की प्रक्रिया की जा रही है.''

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सरकार ने मंगाए थे आवेदन: छत्तीसगढ़ सरकार ने चिटफंड कंपनियों में डूबे धन वापसी के लिए निवेशकों से आवेदन मंगवाए थे. जिसके बाद 1 से 20 अगस्त तक 25 लाख से अधिक निवेशकों ने आवेदन जमा किए. यह आवेदन तहसील कार्यालयों में निवेशकों ने जमा किये थे. ये वे लोग हैं, जिन्होंने 5 हजार से 50 लाख तक के निवेश किए हैं. इन आवेदनों में 110 से ज्यादा चिटफंड कंपनियों के ठगने की बात सामने आई है. निवेशकों के द्वारा किए गए आवेदनों के आधार पर तहसील में निवेशकों के नाम, पता, मोबाइल नंबर, जमा की गई राशि, कंपनी का नाम, जमा करने की तारीख व मैच्योरिटी की तारीख की एंट्री की गई है. उसी के आधार पर प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी.

कहां से कितने आवेदन आए

रायपुर 3,66,330
बलोदा बाजार1,68,435
जांजगीर चांपा 1,90,465
गरियाबंद 40,658
कांकेर1,80,000
सूरजपुर49,270
राजनांदगांव1,10,240
बलरामपुर 31,943
धमतरी 89,920
अंबिकापुर 47,265
महासमुंद 1,22,343
नारायणपुर 6,452
कोंडागांव31,279
कोरबा 77, 320
सुकमा 4,454
बिलासपुर1,50,000
बस्तर 3,000
बीजापुर18,324
दंतेवाड़ा2,100
जशपुर22,033
दुर्ग1,65,328
Last Updated :Sep 20, 2022, 9:12 PM IST
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