जशपुर दिव्यांग केंद्र : महिला आयोग का दावा-तत्काल होगी कार्रवाई, साय बोले-तय हो बड़े अधिकारियों की जिम्मेदारी

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Published : Sep 27, 2021, 2:16 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 4:39 PM IST

Kiranmayi Nayak and Nand Kumar Sai

जशपुर के दिव्यांग (Jashpur ke divyang) केंद्र में गूंगी-बहरी बच्चियों से दुष्कर्म (Deaf girls raped) मामले में महिला आयोग (Women's Commission) सख्ती बरत रहा है. आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक (President Kiranmayi Nayak) ने कहा है कि जशपुर मामले को स्वतः संज्ञान में लिया गया है. मामला बहुत ही गंभीर है. महिला आयोग द्वारा इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाएगी. जबकि राष्ट्रीयअनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंद कुमार साय (Nand Kumar Sai, former chairman of the National Commission for Scheduled Tribes) बड़े अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है.

रायपुर : जशपुर के समर्थ दिव्यांग केंद्र (Samarth Divyang Center of Jashpur) में 22 सितंबर की रात मूक-बधिर एक बच्ची (Deaf Girl) से केंद्र के ही चौकीदार ने दुष्कर्म किया. जबकि हॉस्टल के केयर टेकर ने पांच बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया था. बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न या फिर दुष्कर्म की घटनाएं लंबे समय से हो रही हैं. इस मामले में शासन-प्रशासन समेत हॉस्टल प्रबंधन और स्थानीय लोगों को भी अब सख्ती बरतनी होगी, तब जाकर ऐसे मामले रुकेंगे. इधर, सोमवार को महिला आयोग की अध्यक्ष (Women's Commission President) किरणमयी नायक ने कहा है कि जशपुर मामले को स्वतः संज्ञान में लिया गया है. मामला बहुत ही गंभीर है. महिला आयोग द्वारा इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाएगी. वहीं भाजपा नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंद कुमार साय (Nand Kumar Sai) भी दिव्यांग केंद्र पहुंचे और केंद्र में बच्चियों के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटना को अमानवीय कृत्य बताया. उन्होंने इस मामले में बड़े अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है.

महिला आयोग का दावा-तत्काल होगी कार्रवाई

रात में केंद्र में रुकते ही नहीं थे अधीक्षक

केंद्र में हुई इस शर्मनाक घटना का मामला सामने आने के बाद एफआईआर दर्ज हुई थी और आरोपी केयर टेकर समेत चौकीदार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. लेकिन जब पुलिस इस मामले की तह में पहुंची तो पाया कि केंद्र में अधीक्षक रात में रुकते ही नहीं थे. इतना ही नहीं कई दिनों से वे केंद्र आए भी नहीं थे. इस कारण चौकीदार और केयर टेकर ने केंद्र को नशाखोरी का अड्डा बना रखा था. और एक दिन शराब के नशे में दोनों ने इस घिनौनी हरकत को अंजाम दे दिया. इस मामले में घटना के 3 दिन बाद केंद्र अधीक्षक संजय राम निलंबित कर दिये गए. जबकि राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक विनोद पैकरा को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया था.

बच्चियों के साथ हुए अब तक के कुछ चर्चित मामले

  • साल 2013 में बीजापुर के भोपालपट्टनम के छात्रावास में बच्ची से शिक्षक ने की थी छेड़छाड़.
  • साल 2013 में कांकेर के झलियामारी छात्रावास में 15 छात्राओं के साथ हुआ था दुष्कर्म.
  • साल 2016 में बालोद के अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में उजागर हुआ था दुष्कर्म का मामला.
  • 28 अगस्त 2016 को जशपुर के बरटोली कन्या छात्रावास में घुसकर छात्रा से हुई थी छेड़छाड़.
  • 15 सितंबर 2016 को कांकेर के प्रयास छात्रावास में तीन बदमाशों ने आधी रात घुसकर छात्राओं से की थी छेड़छाड़.
  • 31 जुलाई 2017 को दंतेवाड़ा में पालनार के छात्रावास में सीआरपीएफ जवानों पर लगा था छात्राओं से छेड़छाड़ का आरोप.
  • 22 सितंबर 2021 को जशपुर के समर्थ दिव्यांग केंद्र में मूक-बधिर बच्ची से चौकादार ने किया दुष्कर्म, केयर टेकर ने यौन उत्पीड़न.

दरिंदगी से सीख...अब हॉस्टल की निगरानी डीएम-एसपी के हाथ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जशपुर जिले के छात्रावास में हुई घटना के बाद सख्त तेवर अपनाए हैं. उन्होंने सभी जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को अपने जिले के सभी छात्रावासों के औचक निरीक्षण के निर्देश दिये हैं. साथ ही अब छात्रावासों की निगरानी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के जिम्मे होगी. इतना ही नहीं इस कार्य में जो भी अधिकारी और कर्मचारी लापरवाही बरतेंगे तो उन्हें सस्पेंड करते हुए उनपर केस कराया जाएगा. मुख्यमंत्री बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को शासकीय छात्रावासों के निरीक्षण के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सहित अन्य वरिष्ठ जिला स्तरीय अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिये हैं. ये अधिकारी वहां बच्चों से बात कर संचालित हो रही गतिविधियों की जानकारी लेंगे और सरकार को रिपोर्ट देंगे.

दुर्ग में निजी स्कूल की 4 से 5 साल की तीन मासूमों संग हुआ था दुष्कर्म

दुर्ग की अदालत ने एक निजी स्कूल में तीन बच्चियों से दुष्कर्म के जुर्म में 33 वर्षीय सफाई कर्मी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अदालत ने मामले में स्कूल के प्रधान अध्यापक डेनियल वर्गीस, एक अन्य कर्मचारी साजन थॉमस और दो महिला शिक्षकों प्रतिभा होल्कर और सुंदरी नायक को भी यौन शोषण की घटनाओं में त्वरित कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए दोषी ठहराया था. यौन शोषण की यह घटना चार से पांच वर्ष की बच्चियों के साथ हुई थी. इसको लेकर 25 फरवरी 2016 को पीड़ित एक बच्ची के पिता ने जिले के भिलाई नगर थाने में मामला दर्ज कराया था. फिर दो अन्य बच्चियों के परिजनों ने भी स्कूल में अपनी ​बच्चियों से हुए यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था.

रायपुर में हुआ था अवैध बाल गृह का खुलासा

रायपुर में अवैध बाल गृह का खुलासा हुआ था. यहां से महिला बाल विकास विभाग और चाइल्ड लाइन की टीम ने 19 नाबालिगों को छुड़ाया था. इनमें 10 लड़के और 9 लड़कियां शामिल थीं. सभी बच्चे मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट के रहने वाले थे. बच्चों के परिजनों ने बताया कि संस्था ने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की बात कही थी. इतना ही नहीं संस्था ने कहा था कि वह बच्चों का खर्चा खुद उठाएगी. तब जाकर परिजनों ने बच्चों को बाल गृह भेजा था. घटना से महज 10 दिन पहले ही बच्चों को मंडला से रायपुर लाया गया था. इस मामले में बाल संरक्षण टीम की ओर से भी लिखित शिकायत दर्ज की गई थी. बता दें कि नया रायपुर स्थित मंत्रालय से महज 5 किमी की दूरी पर अवैध रूप से इस बाल गृह का संचालन हो रहा था. बाकायदा पोस्टर जारी कर लोगों से बाल गृह के लिए डोनेशन, मदद और अनुदान भी मांगे गए थे.

Last Updated :Sep 27, 2021, 4:39 PM IST
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