Lockdown Love Story लॉकडाउन की लव स्टोरी उपन्यास, लेखक ने कोरोना को बनाया प्रेमिका और खुद बने प्रेमी

Lockdown Love Story लॉकडाउन की लव स्टोरी उपन्यास, लेखक ने कोरोना को बनाया प्रेमिका और खुद बने प्रेमी
साल 2020 में करोना का संक्रमण भारत के साथ ही विश्व में देखने को मिला था. कोरोना संक्रमण की वजह से लाखों लोगों की जान चली गई. भारत के साथ ही दूसरे देशों में लॉकडाउन लगा दिया गया था. लॉकडाउन लगने के बाद लोग घरों के अंदर कैद होकर रह गए. ऐसा मंजर लोगों ने अपने जीवन में शायद ही कभी देखा होगा. इन्हीं सब बातों का उल्लेख उपन्यासकार महेंद्र कुमार ठाकुर ने अपने उपन्यास लॉकडाउन की लव स्टोरी में किया है, इस उपन्यास की सबसे खास बात ये है कि उपन्यासकार ने कोरोना को प्रेमिका और अपने आप को प्रेमी दर्शाया है. love story of lockdown
रायपुर: अपने व्यंग्य नोवेल लॉकडाउन की लव स्टोरी को लेकर उपन्यासकार महेंद्र कुमार ठाकुर ने ETV भारत से चर्चा में बताया "दूसरों पर व्यंगय करना बहुत आसान है, लेकिन अपने ऊपर व्यंगय करना सबसे कठिन काम है. ऐसे में दूसरे को माध्यम ना बनाकर खुद माध्यम बना. कोरोना को अपनी प्रेमिका और खुद प्रेमी बना. कोरोना को प्रेमिका मानकर उनके वशीभूत होकर कोरोना के होकर रह गए. कोरोना प्रेमिका और स्वयं प्रेमी बनकर व्यंग्य श्रृंगार के माध्यम से इस पूरे उपन्यास को लिखा है."
लॉकडाउन की लव स्टोरी उपन्यास: "लॉकडाउन के समय पूरा देश ही नहीं पूरी दुनिया डरी और सहमी हुई थी. लोगों के पास करोड़ों रुपए थे, लेकिन इन रुपए पैसों को खर्च कहां किया जाए. लॉकडाउन के दौरान लोगों का घर से बाहर निकलना या कहीं भी आना जाना पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ था. लोग ना अपने मन से कहीं जा सकते थे, और ना कहीं आ सकते थे. जो जहां था जैसे था सब ठीक था. वहां पर एक ठहराव की स्थिति बन गई थी. कोरोना लॉकडाउन ने पूरी तरह से सिद्ध कर दिया कि सारी सुख सुविधाएं बेकार है. हिंदी में व्यंग्य और श्रृंगार दोनों एक दूसरे के विरोधाभासी हैं. जहां पर व्यंगय होगा वहां श्रृंगार नहीं होगा और जहां पर श्रृंगार होगा वहां पर व्यंग्य नहीं हो सकता. लेकिन मैंने लॉकडाउन की लव स्टोरी नामक इस उपन्यास में श्रृंगार और व्यंगय का प्रयोग किया है."
नोवेल में कोरोना को बताया अप्सरा: उपन्यासकार महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "इस उपन्यास में कोरोना एक अप्सरा है, जैसे उर्वशी, रंभा और मेनका ने लोगों का मन मोह लिया और उन्हें अपने प्रेम जाल में जकड़ लिया. ठीक उसी तरह कोरोना ने लोगों को अपने जाल में जकड़ लिया. इस उपन्यास में उन्होंने बीते लगभग 80 सालों के दौरान जिस तरह से प्रशासनिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सभ्यता, संस्कृति और शिक्षा नीति को कोरोना ने अपने माया जाल में जकड़ लिया. उपन्यास में इस बात का भी जिक्र किया है कि कोरोना काल के दौरान लोगों को 2 गज दूरी बहुत जरूरी है, बावजूद इसके लोगों ने इसका पालन नहीं किया. जिसकी वजह से कोरोनावायरस अपने मायाजाल से सभी को अपनी चपेट में ले लिया और अपनी जड़ें मजबूत कर ली."
इस तरह के उपन्यास को लिखने के पीछे महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया " मैं हमेशा नया प्रयोग करने के बारे में सोचता हूं. इसलिए यह बात मन में आई और इसी को ध्यान में रखकर इस उपन्यास का सृजन किया." कविता, गजल या अन्य दूसरी चीजों में नया कुछ करने की चाह में उपन्यासकार ने कोरोना को लेकर लिख डाली लॉकडाउन की लव स्टोरी.
