रायपुर : सोमवार को सकरी कचरा डंप मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति पीपी साहू की युगल बेंच ने निगम और राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि निगम पर्यावरण संरक्षण मंडल की बात माने. पानी और प्रदूषित हुआ तो निगम और राज्य को कंपनसेशन देना पड़ेगा. कोर्ट ने सवाल किया कि जब आसपास लोग रहते थे और वहां तलाब था तो कचरा डंप के लिए जमीन कैसे अलॉट हो गई?
कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि 'जब सकरी डंपिंग ग्राउंड के बीच में वाटर बॉडी थी और आसपास पहले से ही लोग रह रहे थे तो वहां जमीन कचरा निष्पादन के लिए नगर निगम को कैसे आवंटित कर दी गई'?
'देना होगा कंपनसेशन'
नगर निगम द्वारा सीधे कचरा डंप करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि 'निगम कोई भी कार्य नियम विरुद्ध न करे और पर्यावरण संरक्षण मंडल की बात माने. वहां का पानी और प्रदूषित न हो, नहीं तो निगम और राज्य सरकार दोनों को कंपनसेशन देना पड़ेगा'.
बता दें कि सकरी में रायपुर नगर निगम सूखा कचरा और गीला कचरा अलग किए बिना कचरा डंप कर रहा है.
विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश
गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण मंडल ने निगम को लिखित में कचरा डंप न करने के लिए पहले ही आदेशित कर दिया था, इसके बावजूद निगम सकरी में कचरा डंप कर रहा है. कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण मंडल को आदेशित किया है कि मंडल अगली सुनवाई तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे.
हाईकोर्ट में जनहित याचिका
प्रकरण की अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह में होगी. सकरी सरपंच टीआर सिन्हा, पिरदा सरपंच विजय साहू और तुलसी सरपंच नेमीचंद ईश्वर और निवासी व्यास मुनि द्विवेदी ने निगम द्वारा सकरी में कचरा डाले जाने के विरोध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.