Congress protest against Adani : अडाणी मामले में जेपीसी जांच की मांग, केंद्र पर अघोषित इमरजेंसी लगाने का आरोप

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Published : Mar 13, 2023, 6:36 PM IST

Congress protest against Adani in raipur

अडाणी मामले को लेकर आज पूरे देश में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी कांग्रेस ने राजभवन का घेराव कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान कांग्रेस ने इस पूरे मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की है. Congress targets Modi government on Adani issue

अदानी मुद्दे पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

रायपुर : अंबेडकर चौक पर कांग्रेस ने एक आम सभा का आयोजन किया. इस सभा में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, आबकारी मंत्री कवासी लखमा सहित पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे. इस दौरान सभी ने एक स्वर में इस पूरे मामले की जेपीसी जांच की मांग की है.

राजभवन की ओर किया कूच : सभा के बाद सैकड़ों की संख्या में पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने राजभवन के लिए कूच किया. राजभवन परिसर के बाहर इन कांग्रेसियों को रोकने के लिए भारी बल तैनात था. इस बीच सभी कार्यकर्ता पैदल मार्च करते हुए राजभवन तक पहुंचे. फिर वहां केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यह प्रदर्शन काफी देर तक चलता रहा. इसके बाद कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल मोहन मरकाम के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात करने गया और ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच की मांग की.

देश में चल रही अघोषित इमरजेंसी : इस दौरान प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने कहा कि '' एक समय कहा जाता था कि देश में सबसे अमीरों में अदानी दूसरे नंबर पर है. उसी समय सबको लगने लगा कि दाल में कुछ काला है. आज राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़के के द्वारा सदन में सवाल पूछा जाता है उसका जवाब नहीं आता है. उनके बयानों को विलोपित कर दिया जाता है. यह लोकतंत्र नहीं है. यह अघोषित इमरजेंसी देश में चल रही है''


एक पेपर ने अमीर आदमी को नीचे गिराया : वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि '' जैसे ही हिंडनबर्ग पेपर निकला. वैसे ही इनका शेयर मार्केट गिरता गया. दो दो बार मार्केट को बंद करना पड़ा, दूसरे बार फिर बंद करना पड़ा.उस पेपर में ऐसा क्या था. जो दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा पैसे वाला था, वह गिरते-गिरते छठे नंबर में आ गया. अब कितने नंबर पर है कोई पूछता नहीं है. ऐसा क्या हुआ उस पेपर में जो उसके प्रकाशित होते ही, जो ताश का महल बनाते हैं एक पत्ता खींचने से गिर जाता, उसी तरीके से ये भी गिर गया.''

गड़बड़ी करके पैसा कमाया : सीएम भूपेश बघेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि '' इसका मतलब यही है कि आपने दुनिया भर में सारी गड़बड़ियां की और गड़बड़ी करके आपने पैसा अर्जित किया. सबके साथ धोखाधड़ी की शेयरधारकों जनता सरकार के साथ धोखाधड़ी की.''

मोदी अपने साथ मित्रों को भी खिला रहे : इसी बीच ईटीवी भारत संवाददाता प्रवीण कुमार के साथ खास बातचीत के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि ''केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार कहती है ना खाऊंगा ना खाने दूंगा और खुद भी खा रहे हैं और अपने मित्रों को भी खिला रहे हैं. हमारी मांग है जो आम जनता का पैसा है एलआईसी स्टेट बैंक में जमा है आम जनता का पैसा सुरक्षित हो अडानी की कंपनियों में लगभग 50 हजार करोड़ से अधिक पैसा लगा है, वह पैसा आम जनता का है. यह पैसा सुरक्षित वापस आए.''

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राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में क्या : आइए आपको बताते हैं कि कांग्रेस ने जो ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा है उसमें क्या लिखा है.

कांग्रेस के ज्ञापन में लिखा है कि" अमेरिका की शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर शेयर बाजार में हेरफेर करने और हिसाब किताब में धोखाधड़ी जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं. यह रिपोर्ट इतनी गंभीर थी कि शेयर बाजार में अडानी समूह की कंपनियों का भारी भरकम अवमूल्यन हो गया. इसके बाद अमरीकी कंपनी फोर्ब्स ने भी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए. भारतीय शेयर बाजार में मंदी से निवेशकों के लाखों करोड़ रुपए डूब गए हैं."

"महोदय, अत्यंत चिंता का विषय है कि निवेशकों के अलावा उन कंपनियों के पैसे भी डूबे हैं जिन्होंने अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किया था. इनमें एलआईसी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल है. बाजार की रिपोर्ट बता रही है कि इन दोनों संस्थानों को भी भारी नुकसान हुआ है. जाहिर है कि यह भारत के मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों का सीधा नुकसान है."

"कांग्रेस पार्टी की ओर से हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने संसद के दोनों सदनों में अडानी समूह को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. राहुल गांधी जी ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे सवाल पूछा है कि भारत सरकार क्यों अडानी पर ही इतनी मेहरबान है, लेकिन उन्होंने चुप्पी साध रखी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच करवाने की स्वीकृति देते हुए एक समिति का गठन किया है लेकिन उसकी जांच का दायरा अत्यंत सीमित है."

"हम आपके माध्यम से भारत सरकार से अडानी समूह के घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग करते हैं.हम यह भी मांग करते हैं कि भारतीय नागरिकों के हित में एलआईसी और स्टेट बैंक का जो निवेश अडानी समूह की कंपनियों में है, उसे वापस लिया जाए."

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