Anemia Disadvantages: खून में हीमोग्लोबिन कम होने को कहते हैं एनीमिया, जानिए इसके क्या हैं नुकसान
Published: Mar 15, 2023, 5:54 PM


Anemia Disadvantages: खून में हीमोग्लोबिन कम होने को कहते हैं एनीमिया, जानिए इसके क्या हैं नुकसान
Published: Mar 15, 2023, 5:54 PM
शरीर में खून की कमी होना आजकल आम समस्या हो गई है. यह छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं में अधिक हो रहा है. दरअसल, खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा का एक स्तर से कम हो जाना मेडिकल की भाषा में एनीमिया कहा जाता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनियाभर में 5 साल से कम उम्र के 42 प्रतिशत बच्चों के साथ ही 40 फीसदी गर्भवती महिलाएं एनीमिक हैं. raipur latest news
रायपुर: शरीर में हीमोग्लोबिन की जरूरत ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए होती है. यदि खून में हीमोग्लोबिन बहुत कम हो या लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य हों, तो शरीर में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है. इससे भूख नहीं लगना, थकान, कमजोरी, चक्कर आना और सांस की तकलीफ जैसे कई समस्याएं दिखाई देने लगती हैं. एनीमिया की स्थिति में आरबीसी काउंट या उनमें हीमोग्लोबिन सामान्य स्तर से कम हो जाता है.
उम्र और लिंग के मुताबिक अलग अलग होती है इसकी मात्रा: शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी हीमोग्लोबिन की मात्रा व्यक्ति के उम्र, लिंग, निवास स्थल की ऊंचाई, शारीरिक अवस्था जैसे गर्भावस्था की स्थिति में अलग अलग होती है. सीजी हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक "आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे आम है, जो समान्य तौर पर महिलाओं को प्रभावित करता है. खून की ज्यादा जरूरत के कारण हीमोग्लोबिन की कमी गर्भावस्था के दौरान समस्या पैदा कर सकता है. खून में हीमोग्लोबिन की सही मात्रा होने से बच्चे का उचित शारीरिक और मानसिक विकास होता है. साथ ही शरीर चुस्त रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है."
बलरामपुर में एनीमिया विकराल, झाड़-फूंक के चक्कर में जान गंवा रहे हैं पंडो
इन लक्ष्णों से पहचानें एनीमिया: स्किन, चेहरे, जीभ और आंखों में लालिमा की कमी होने या काम करने पर जल्दी ही थक जाना एनीमिक होने की निशानी है. इसके अलावा सांस फूलना या घुटन होना, चक्कर आना, भूख न लगना, चेहरे और पैरों में सूजन भी इसके लक्षण हैं.
इन वजहों से एनीमिक होते हैं बच्चे: जन्म के समय एनीमियाग्रस्त माता से, जन्म के एक घंटे में स्तनपान न कराए जाने, मां के दूध के अलावा भोजन देर से शुरू करने, कम मात्रा में आयरन वाले भोजन लेने से या पेट में कीड़े होने से बच्चों में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है. गर्भवतियों में भोजन में आयरन तत्वों की कमी, कम उम्र में गर्भधारण, दो बच्चों के जन्म के बीच में दो साल से कम अंतराल होने या गर्भपात के कारण हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है.
एनीमिया के कारण होती हैं ये परेशानियां: महिलाओं में जहां माहवारी में अधिक खून बह जाता है, वहीं प्रसव के दौरान मौत होने की भी आशंका रहती है. नवजात बच्चे का वजन कम होने के साथ ही उसमें भी खून की कमी हो सकती है. वहीं बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकास कम हो जाता है.
एनीमिया से बचाव के लिए सही पोषण है जरूरी: सभी उम्र के लोगों को आयरन युक्त भोजन लेना चाहिए. सोयाबीन, काले चने और दाल को भोजन में प्राथमिकता दें. हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे चौलाई, पालक, सहजन, सरसों, चना, अरबी और मेथी के साग को आहार में शामिल करें. अन्य सब्जियां जैसे कच्चा केला, सीताफल आदि का भी सेवन करें. मांसाहारी लोग अण्डा, मीट, कलेजी, मछली आदि का सेवन कर सकते हैं. जंक फूड और तले भुने भोजन से दूरी बनाए. सोडा, चाय, कॉफी या नशीले पदार्थों को भी हाथ न लगाएं.
