सेवा बहाली नहीं हुई तो करेंगे उग्र आंदोलन: अतिथि शिक्षक

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Published : Sep 8, 2021, 6:05 PM IST

Demonstration of guest teachers for service restoration in Narayanpur

अपनी लंबित सेवा बहाली (service resumption) के लिए नारायणपुर के अतिथि शिक्षकों (guest teachers) ने धरना-प्रदर्शन (Protest) किया. उन्होंने अपनी मांगों की अनदेखी के लिए डीएम से लेकर जन प्रतिनिधियों पर उदासीनता के आरोप लगाए.

नारायणपुरः अतिथि शिक्षकों ने सेवा बहाली के लिए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. अतिथि शिक्षकों की मांग है कि उनकी सेवा बहाली जल्द से जल्द की जाए. अतिथि शिक्षकों का कहना है, उनके द्वारा कई बार कलेक्टर (DM) को ज्ञापन सौंपा गया. इसके साथ ही क्षेत्र के विधायक (MLA) चंदन कश्यप से भी मिलकर, उन्होंने अपनी परेशानी से उन्हें अवगत कराया. लेकिन आज तक उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ है.

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धरना-प्रदर्शन में भाजपा कार्यकर्ता भी उनके समर्थन (BJP workers support) के लिए पहुंचे और भूपेश सरकार पर निशाना साधा. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि सत्ता पाने की लालच में 'गंगाजल' हाथ में लेकर भूपेश सरकार ने झूठे वादे किए हैं. बेरोजगारों को रोजगार दिलाने व बेरोजगारी भत्ता दिलाने का झूठा सपना दिखाया. लेकिन अब ऐसी स्थिति हो गई है कि अतिथि शिक्षकों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. सीएम ने सैकड़ों अतिथि शिक्षकों की लड़ाई में हमेशा साथ खड़े होने की बात कही थी लेकिन वह खुद ही अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज बेरोजगार युवा आर्थिक तंगी से इस कदर जूझ रहे हैं कि उसकी कल्पना नहीं की जा सकती.

अतिथि शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर इतनी बार सौंपा है ज्ञापन-

  • 2 जुलाई 2020 को कलेक्टर नारायणपुर
  • 3 सितंबर 2020 को कलेक्टर नारायणपुर
  • 5 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन
  • 9 नवंबर 2020 को कलेक्टर नारायणपुर
  • 25 नवंबर 2020 को कलेक्टर नारायणपुर
  • 27 नवंबर 2020 को विधायक नारायणपुर
  • 14 दिसंबर 2020 को कांग्रेस महामंत्री
  • 21 जुलाई 2021 को कलेक्टर नारायणपुर
  • 13 अगस्त 2021 को कलेक्टर नारायणपुर
  • 07 सितंबर 2021 को कलेक्टर नारायणपुर


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जानें क्या है पूरा मामला?

नारायणपुर में कुल 359 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई थी और फिर कोरोना काल से ही अतिथि शिक्षकों का वेतन नहीं दिया जा रहा था. जिसके बाद अतिथि शिक्षकों ने 25 दिनों तक हड़ताल की. कलेक्टर अभिजीत सिंह ने अतिथि शिक्षकों से बात कर उन्हें अप्रैल 2020 तक का वेतन दिलवाया और यह भी आश्वासन दिया था कि स्कूल खुलने पर सभी अतिथि शिक्षकों को दोबारा स्कूल में पदस्थापना दी जाएगी.

लेकिन स्कूल खुलने के बाद भी अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली नहीं हुई है. जिसके बाद अतिथि शिक्षकों का एक दल कलेक्टर से मिलने पहुंचा. कलेक्टर ने अतिथि शिक्षकों से कहा कि डीएमएफ पॉइंट से अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना की गई थी, लेकिन अभी जिले में डीएमए फंड नहीं है और शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है. इसलिए अभी अतिथि शिक्षकों की दोबारा सेवा बहाली नहीं की जा सकती है. वहीं इस मामले में अतिथि शिक्षकों का कहना है कि अतिथि शिक्षकों एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के बाद भी अगर अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली नहीं की जाती है तो वह लोग उग्र आंदोलन करेंगे.

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