कृषि कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर किसान, बीज की मांग को लेकर उपसंचालक को सौंपा ज्ञापन

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Published : Jun 26, 2021, 12:40 PM IST

Farmers demanding hybrid seeds

नारायणपुर में कृषि कार्यालय (agriculture office) से किसानों को प्रमुख फसल धान, मक्का की कई प्रकार के हाइब्रिड बीज (hybrid seed) निःशुल्क वितरित किए जाने थे, लेकिन कृषि विभाग कार्यालय के बार-बार चक्कर काटने के बाद भी किसानों को बीज नहीं मिले. निःशुल्क बीज की मांग को लेकर ग्रामीण कृषि अधिकारियों के द्वारा कृषि विभाग के उपसंचालक को ज्ञापन सौंपा गया है.

नारायणपुर: खरीफ की प्रमुख फसल (major kharif crop) धान, मक्का की विभिन्न प्रजातियों के बीज कृषि विभाग के कृषि कार्यालय (agriculture office) से किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत निःशुल्क वितरण किए जाते हैं, लेकिन खरीफ वर्ष 2021 के लिए कृषि बीज किसानों को नहीं मिल रहे हैं. किसान कई दिनों से विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. उन्हें उम्मीद थी कि हाइब्रिड धान (hybrid seed) और मक्का के बीज मिलेंगे, ताकि वे अच्छी खेती कर सकें, लेकिन किसानों को इस बार हाइब्रिड बीज नहीं मिल पाए हैं, जिसे लेकर वे कृषि विभाग से निःशुल्क बीज की मांग कर रहे हैं.

हाइब्रिड बीज की मांग करते किसान

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किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत उन्नत कृषि करने के लिए हाइब्रिड धान और मक्का सहित अन्य कई तरह की किस्म के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं. खरीफ 2021 वर्ष में वरिष्ठ कृषि कार्यालय नारायणपुर ओरछा दोनों ब्लॉक को अभी तक कृषि बीज प्राप्त ही नहीं हुए हैं. जिससे किसानों को अब तक बीज नहीं मिल पाए हैं. किसानों का कहना है कि हमें प्रतिवर्ष धान मक्का सहित अन्य कृषि विभाग से निःशुल्क बीज मिलता था. हमें उम्मीद थी कि इस वर्ष भी बीज प्राप्त होगा, पर नहीं हो रहा. अभी धान बोने के साथ अन्य कृषि कार्य का समय भी आगे बढ़ता जा रहा है, इसलिए मजबूरन दुकानों से महंगे दाम पर बीज खरीदना पड़ रहा है. जिससे हम गरीब किसानों को कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक तंगी की मार झेलनी पड़ रही है. किसानों को निःशुल्क हाइब्रिड बीज उपलब्ध नहीं होने के चलते दोहरी मार पड़ रही है.

नहीं मिल रहा कृषि योजनाओं का लाभ

कृषि विभाग के द्वारा संचालित ग्रामीण किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की योजनाएं संचालित होती हैं, लेकिन लोगों तक कितनी योजनाएं पहुंच पाती हैं, यह अंदाजा लगाया जा सकता है. जब इस सीजन में किसानों को मिलने वाली निःशुल्क हाइब्रिड बीज सहित और अन्य मिलने वाली योजनाओं से वंचित किसान मजबूरन हताश होकर दुकानों और प्राइवेट संस्थानों से महंगे दामों में बीज की खरीदी करते हैं.


किसान विभाग के दफ्तर के चक्कर काट रहे किसान, उठ गया है भरोसा

वरिष्ठ कृषि कार्यालय नारायणपुर और ओरछा दोनों कार्यालयों में प्रतिदिन सुबह से दर्जनों किसान पहुंचते हैं. उन्हें उम्मीद थी कि कुछ कृषि योजनाओं का लाभ इस बरसात के सीजन में सही समय पर मिल जाए, लेकिन किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा. उल्टे उन्हें विभाग और दफ्तर के कई चक्कर लगाकर आश्वासन के बाद मायूस होकर लौटना पड़ रहा है. जिससे किसान विभागों से दूरी बनाना ही सही समझ रहे हैं.

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किसान हाइब्रिड बीज की कर रहे मांग

वरिष्ठ कृषि कार्यालय अधिकारी गंगेश्वर भोयर (Senior Agriculture Office Officer Gangeshwar Bhoyar) ने बताया कि इन किसानों को वरिष्ठ कार्यालय से मुफ्त में बांटने वाले बीज प्राप्त नहीं हुए हैं. वर्तमान में 50 प्रतिशत अनुदान के साथ बांटने वाले 228 क्विंटल बीज ग्राम योजना के तहत प्राप्त हुए हैं. जिसमें 115 क्विंटल ब्रहबेड़ा आश्रम को दिया गया है. इसे उनके द्वारा वितरण किया जाना है. शेष ओरछा और नारायणपुर ब्लॉक के किसानों को कर्मचारियों के माध्यम से वितरण किया जाना है, लेकिन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान में किसान बीज प्राप्त नहीं करना चाहते हैं. किसानों को बीज पूर्णतः निःशुल्क उपलब्ध कराने की मांग को लेकर ग्रामीण कृषि अधिकारियों के द्वारा कृषि विभाग के उपसंचालक को ज्ञापन सौंपा गया है. जिसके कारण अब तक 50% अनुदान वाली हाइब्रिड बीज भी बांटनी शुरू नहीं हुई है.


किसानों को दी जा रही प्रमाणित बीज

कार्यालय उपसंचालक कृषि नारायणपुर बीएस बघेल ने बताया कि किसानों को प्रति वर्ष हाइब्रिड धान के बीज वितरित किए जाते थे. इसमें ज्यादातर प्रमाणित बीज वितरित किए जाते हैं. इस वर्ष हाइब्रिड बीज का टारगेट प्राप्त नहीं होने की वजह से अब तक बीज निगम से आया ही नहीं है, इसलिए इसे बांटा नहीं जा सका है. किसानों को फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के अनुसार लेम्प्स के माध्यम से कृषि ऋण प्राप्त करने के समय प्रमाणित बीज आवश्यकता अनुसार दिए जा रहे हैं.

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