रावघाट संघर्ष समिति और प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच विवाद

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Published : Aug 23, 2022, 10:22 PM IST

Dispute between Rawghat Sangharsh Samiti and villagers

नारायणपुर में वर्षों के इंतजार के बाद आखिर में लौह अयस्क निकालने की रावघाट परियोजना का खुलने का रास्ता साफ हो गया. नारायणपुर क्षेत्र के खनन प्रभावितों का कहना यह परियोजना जल्दी शुरू हो.

नारायणपुर: वर्षों के इंतजार के बाद आखिर में लौह अयस्क निकालने की रावघाट परियोजना का खुलने का रास्ता साफ हो गया. रावघाट संघर्ष समिति और रावघाट प्रभावित गांव के ग्रामीणों और युवाओं के बीच आज झूमा झटकी (Dispute between Rawghat Sangharsh Samiti) हो गई. रावघाट संघर्ष समिति द्वारा फिर से बैरियर लगाने खोड़गांव में लोग इकट्टा हुए थे. ग्रामीणों और युवाओं ने विरोध करते हुये पहले संघर्ष समिति को वापस जाने कहा. संघर्ष समिति द्वारा नहीं मानने पर युवाओं ने बैरियर में आग लगा दिया और वापस जाने के लिए कहा गया. इस बीच रावघाट संघर्ष समिति और प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच झुमा-झटकी भी हुई.

रावघाट संघर्ष समिति और ग्रामीणों के बीच विवाद
रावघाट परियोजना के खुलने का रास्ता साफ: पिछले दिनों रावघाट प्रभावित गांव (villagers of affected area) के प्रमुखों ने आपसी सहमति से संघर्ष समिति द्वारा लगाए बैरियर को पूजा पाठ करके तोड़ा था. इस दौरान सभी गांव के प्रमुख उपस्थित थे. जिसके बाद आज रावघाट संघर्ष समिति बैरियर लगाने खोड़गांव आये थे. प्रभावित गांव के सभी ग्रामीण अब चाहते हैं कि यह परियोजना चालू हो. जिससे युवाओं को रोजगार, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.

परियोजना को शुरू कराना नहीं था आसान: भिलाई स्टील प्लांट के लिए आक्सीजन की भूमिका निभाने वाले रावघाट परियोजना को शुरू कराना इतना आसान नहीं था. वर्षों की रणनीति एवं उचित प्रबंधन की वजह से इंजीनियरों और सुरक्षा बलों ने इस परियोजना को लगभग अमलीजामा पहना ही दिया है. ग्रामवासियों के सपोर्ट से यह परियोजना शुरू होगी. आज बैरियर आगजनी की सूचना मिलते ही तत्काल भरांडा थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला हैं.


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परियोजना को जल्दी शुरू करने की मांग: रावघाट परियोजना को विरोध के चलते फिलहाल रोक दिया गया है. नारायणपुर क्षेत्र के खनन प्रभावित ग्रामवासियों का कहना है कि "अब बैरियर तोड़ दिया गया है. बाहरी लोगों के विरोध के कारण यह परियोजना रुका हुआ था. अब विरोध का सवाल ही नहीं है, हम सब एक हैं. इस परियोजना को हम लोग चलाएंगे. हम नारायणपुर क्षेत्र के खनन प्रभावित ग्रामवासी इसे शुरू करवाएंगे. हमारे क्षेत्र में विकास कार्य आरंभ हो चुका है. जिसके कारण बाहरी लोग तिलमिलाए हुए हैं. यह परियोजना शुरू होने से हमारे गांव तथा हमारे जिले को लाभ होगा."

युवाओं को रोजगार, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में होगी बढ़ोतरी: परियोजना को बेहतर तरीके से जानने वालों का कहना है कि "इस परियोजना के शुरू होने से युवाओं को रोजगार मिलेंगे. बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी. कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है प्रभावित क्षेत्र के लोगों और युवाओं के जीवन मे परिवर्तन आएगा और गांवों का विकास होगा."

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