महासमुंद : जिले में 16 जून से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो गई है. 16 जून से 30 जून तक शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है. लेकिन जिले में आज भी सैकड़ों स्कूलों के भवन जर्जर हैं. कई स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक है. यही कारण है कि शिक्षा सत्र शुरू होते ही बच्चों के पालकों ने स्कूलों में ताला जड़ना शुरू कर दिया (Lock in government school in Mahasamund) है. पालक समस्या का समाधान नहीं होने तक आंदोलन की चेतावनी देते नजर आ रहे हैं. वहीं स्कूल भवन का निर्माण और बजट पास करने का अधिकार शिक्षा विभाग के आला अधिकारी के पास नहीं होने से वे बेबस दिख रहे हैं.
क्यों लगाया स्कूल में ताला :अभिभावक पिछले तीन साल से स्कूल भवन बनाने की मांग कर (Mahasamund Government Primary School ) रहे हैं. वहीं शिक्षकों ने भी उच्च अधिकारियों को स्कूल में निर्माण कार्य करने को कहा है. लेकिन किसी के कान में जूं तक नहीं रेंग रही. बारिश में छत टपकती है. ऐसे में कैसे बच्चे पढ़ेंगे. लिहाजा अभिभावकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया है.
कई स्कूलों की हालत है खस्ता : ऐसा नहीं है कि महासमुंद (Mahasamund news ) में ये एक इकलौता स्कूल है. जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या 144 है. जिसमें से 45 स्कूलों के भवन को तोड़ने का आदेश आ चुका है. शेष 99 स्कूल ऐसे ही संचालित हो रहे हैं या फिर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत आंगनबाड़ी , पंचायत भवन में संचालित हो रहे हैं. जिले में एकल शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या 268 है. जैसे-जैसे नए शिक्षकों की भर्ती हो रही है, वैसे-वैसे स्कूलों में भेजा जा रहा है. कब तक सभी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती हो जाएगी, किसी को नहीं पता.
क्या है जिम्मेदारों का कहना : शिक्षा अधिकारी का कहना है कि ''स्कूलों के लिए नये भवन की स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार उन्हें नहीं है. मौजूदा संसाधन में वैकल्पिक व्यवस्था करना ही उनका काम है ,जो किया जा रहा है.''
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शिक्षा विभाग के दावे खोखले : शिक्षा विभाग नया सत्र शुरू होने से पहले ही सभी तैयारियां पूरी कर लेने का दंभ भरता है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.