चिरमिरी के लामीगोंडा गांव में बुनियादी सुविधाओं को तरसे लोग
Updated on: Dec 5, 2022, 11:45 PM IST

चिरमिरी के लामीगोंडा गांव में बुनियादी सुविधाओं को तरसे लोग
Updated on: Dec 5, 2022, 11:45 PM IST
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने शायद ये सोच कर तीन नए राज्यों का गठन किया था कि छोटे राज्य गठन के बाद पिछड़े हुए लोगों का विकास होगा . लेकिन क्या छोटे राज्यों में रहनें वाले आदिवासियों का समुचित विकास हो सका?. ऐसा ही एक राज्य है छत्तीसगढ़. जिसे आदिवासी बाहुल्य राज्य का दर्जा प्राप्त है. यहां भारतीय जनता पार्टी के पंद्रह साल और मौजूदा समय में कांग्रेस का शासन है. लेकिन आज भी आदिवासी ग्रामीण खुद को विकास के नाम पर ठगा सा महसूस कर रहे हैं. इसकी जीती जागती तस्वीर चिरमिरी निगम में देखने को मिल रही है. Municipal Corporation Chirmiri
मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ के नव निर्मित जिला मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के वनांचल क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों को आज भी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. दूर दराज की बात छोड़िए. निगम का दर्जा पा चुके चिरमिरी में ही आपको समस्याओं का अंबार देखने को मिल जाएगा.People yearn for basic amenities in Chirmiri
बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे लोग : नगर निगम चिरमिरी (Municipal Corporation Chirmiri) के वार्ड क्रमांक एक में लामीगोंडा गांव है. जहां के लोगों तक सुविधाएं आज भी नहीं पहुंची है. इस जगह में ना तो सड़क है और ना ही बिजली न ही अस्पताल. वार्डवासियों के बच्चे चिमनी की रोशनी से पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं विधायक और अधिकारी एयर कंडीशनर चमकदार ऑफिस में बैठकर ड्यूटी बजा रहे. बिजली नहीं होने से वार्डवासियों के घरों में कोई रिश्तेदार भी नहीं आना चाहता.Chirmiri Lamigonda village
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ईटीवी भारत ने की पड़ताल : ईटीवी भारत की टीम जब वार्ड नम्बर एक के लामीगोंडा पहुंची तो वार्ड की सारी समस्याएं धीरे धीरे करके सामने आने लगी.बिना सड़क के उबड़ खाबड़ जमीन से चलते हुए टीम मौके पर पहुंची.ऐसे में आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि आपातकाल में इस उबड़ खाबड़ रास्ते से मरीज कैसे अस्पताल पहुंचता होगा. विधायक विनय जायसवाल खुद विधायक है उनकी पत्नी कंचन जायसवाल महापौर है और वार्ड नम्बर एक के पार्षद वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष है. जिसके बाद भी रोड बिजली से लगभग 500 लोग प्रभावित हैं.
