कोरबा के अमन ज्योति जाहिरे को राज्य वीरता पुरस्कार, जान पर खेलकर बचाई थी डूबते दोस्त की जान

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Published : Jan 13, 2022, 10:10 PM IST

Chhattisgarh government will give gallantry award to Aman Jyoti

state gallantry award to Aman Jyoti Zahire of Korba: कोरबा अमन ज्योति जाहिरे को राज्य वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा. अमन ने नदी की धार में डूबते अपने दोस्त की जान बचाई. उनके इस साहसी कार्य के लिए उन्हें राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

कोरबा: ये जिला जितना मनोरम है उतना ही खतरनाक भी. यही कारण है कि यहां घटनाएं भी आम है. हालांकि इस जगह में कई वीर भी अपनी वीरता का परिचय देते नहीं चूकते... हम बात कर रहे हैं अमन ज्योति जाहिरे की. जिसे तैरना नहीं आता था, लेकिन इसने डूबते हुए अपने दोस्त को नदी के तेज बहाव से बचा कर अपनी वीरता का परिचय दिया. पर्यटन स्थल परसाखोला के पानी में डूबते अपने दोस्त को बचाने वाले 16 साल के किशोर अमन ज्योति जाहिरे को राज्य वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

कोरबा के अमन ज्योति जाहिरे से खास बातचीत

राज्य स्तर की कमेटी जिसमे महिला एवं बाल विकास मंत्री सहित नेता प्रतिपक्ष और इंटेलिजेंस के पुलिस महानिदेशक शामिल हैं. उसने राज्य वीरता पुरस्कार के लिए कोरबा के अमन सहित धमतरी के शौर्य का चयन किया है. दोनों ही वीर बहादुरों को आगामी 26 जनवरी को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा. अमन के पिता ब्रह्म ज्योति जाहिरे पूर्व पुलिसकर्मी हैं, जबकि चाचा कमल ज्योति जाहिरे छत्तीसगढ़ शासन में सहायक जनसंपर्क अधिकारी हैं.

ईटीवी भारत ने अमन से खात बातचीत की जिसमें अमन ने उस वक्त के बारे में बताया जब उसने अपनी जान को हथेली पर रखकर अपने दोस्त की जान बचाई.

साल 2021 और 01 अगस्त का दिन था. इस दिन फ्रेंडशिप डे था. रविवार का दिन 15 ब्लॉक, पंप हाउस, कोरबा के कुछ छात्र दोपहर लगभग 2 बजे अपने एक मित्र साहिल पैगवार का जन्मदिन मनाने के लिए शहर से 20 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पॉट परसाखेला बांध के झरना पहुंचे थे. सभी बाइक से परसाखोला पहुंचे थे. इस दौरान लगभग 10 से 12 मित्र पिकनिक स्पॉट पर मौजूद थे. सभी की उम्र 15 से 18 वर्ष के बीच थी. लड़के पिकनिक स्पॉट पर जा रहे थे. इसकी सूचना उन्होंने अपने घरों में भी नहीं दी थी. इनमें से कक्षा 12 वीं में पढ़ने वाला एक छात्र आशीष ठाकुर जलप्रपात के पहले किनारे में अपना हाथ-पैर धोने के लिए गया. वहां चट्टान में पैर फिसल कर गिरने के कारण वह पानी के तेज बहाव में बहने लगा. आगे गहरी खाई होने के कारण उसमें गिरने का खतरा था. खतरनाक फिसलन, चट्टान और पानी की तेज धार में आशीष को बहते देख सभी मित्र घबरा गए. चूंकि किसी को भी तैरना नहीं आता था. सभी बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगे. तभी 15 वर्षीय छात्र अमन ज्योति अपने मित्र आशीष की जान बचाने को पानी के तेज बहाव में कूद गया. अमन को भी तैरना नहीं आता था, लेकिन मित्र को डूबता देखा वो खुद को रोक नहीं पाया और उसकी जान बचा लेने की सोच कर, वह पानी में कूद गया.इस दौरान अमन का एक पैर पानी में चट्टानों के बीच फंस गया.जिसके सहारे उसने अपने बहते मित्र आशीष को पकड़ लिया और उसकी जान बच गई.

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लोग बना रहे थे वीडियो

चूंकि पिकनिक स्पॉट काफी मशहूर है, वहां कई लोग मौजूद थे. लेकिन मदद करने के बजाय लोग इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना रहे थे. इस बीच एक अन्य मित्र दीपांशु के भी वहां पहुंच जाने से अमन और एक अन्य ने आशीष को किनारे तक पहुंचाया. कुछ समय बाद पुलिस भी वहां पहुंच गई थी. पानी के तेज बहाव में बहने के कारण आशीष बेहोश हो चुका था, लेकिन अमन ने आशीष को पकड़े रखा था, जिससे कि वह तेज बहाव में भी बहने से बच गया. इसके बाद किनारे पर लाकर वे आशीष के पेट में भरे पानी को बाहर निकाले. अमन की सूझबूझ और साहस से उसके मित्र आशीष की जान बच गई. पानी के तेज बहाव और चट्टानों में टकराने के कारण अमन के हाथ की हड्डी खिसक गई थी.अमन को एक महीने तक प्लास्टर भी लगा. हाथ, पैर, गले और छाती में गहरे चोट भी लगे थे.

पहले मिली डांट, अब मिलेगा वीरता पुरस्कार

वीरता पुरस्कार की घोषणा होने पर ईटीवी भारत ने अमन से खास बातचीत की. अमन से जब पूछा गया कि वह क्या सोचकर पानी मे कूदे जबकि उन्हें तैरना नहीं आता था, तब अमन ने बड़ी सहजता से कहा कि मेरी आंखों के सामने मेरे भाई जैसा दोस्त डूब रहा था..वह बचाओ-बचाओ की पुकार लगा रहा था. इसलिए मुझसे रहा नहीं गया और मुझे तैरना तो नहीं आता लेकिन उसे बचा लूंगा यह सोच कर कूद गया. किस्मत से मेरा पैर चट्टानों के बीच फंस गया. आशीष लगभग बेहोश हो चुका था, लेकिन मैंने उसे पकड़े रखा.अभी भी आशीष से बात होती है. हमारी मित्रता और भी गहरी हो गई है. जब हम घर वापस लौटे तो खूब डांट पड़ी थी. बिना बताए पिकनिक मनाने जाने की बात पर पिता ने खूब डांटा था, लेकिन अब जब वीरता पुरस्कार मिलने जा रहा है. तब सभी बेहद खुश है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे वीरता पुरस्कार मिलेगा.

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इस समिति ने किया चयन

छत्तीसगढ़ में प्रति वर्ष राज्य वीरता पुरस्कार बहादुर बच्चों को दिया जाता है. राज्य वीरता पुरस्कार चयन के लिए अधिकृत नोडल एजेंसी छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद ने इस वर्ष के वीरता पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. इन पुरस्कारों के लिए छत्तीसगढ़ शासन की मंत्री अनिला भेड़िया की अध्यक्षता में ज्यूरी समिति की बैठक में ज्यूरी समिति की अनुशंसा पर प्रदेश के 2 बहादुर बच्चों, जिनमें धमतरी से शौर्य प्रताप चंद्राकर और कोरबा से अमन ज्योति जाहिरे का चयन किया गया है. जिन्हें राजधानी रायपुर में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में राज्यपाल अनुसुईया उईके सम्मानित करेंगी. इन बच्चों ने साहस का परिचय देते हुए अपनी जान की परवाह किये बगैर अपनी सूझबूझ से दूसरों की जान बचाई है. बच्चों को पुरस्कार में 15-15 हजार रूपए की नगद राशि (चेक द्वारा) प्रशस्ति पत्र और चांदी का मेडल प्रदान किया जाएगा.

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