कोंडागांव में बाल तस्करी को लेकर BJP का प्रदर्शन, लता उसेंडी ने SIT गठन की मांग

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Published : Aug 5, 2021, 6:51 PM IST

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने कहा कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग को पलायन का नाम देकर जिला प्रशासन नजर अंदाज कर रहा है. बीजेपी नेता ने एसआईटी गठन की मांग है और कहा कि प्रशासन को जानकारी ही नहीं कितने बच्चे हैं और अपने घरों से कितने गायब हुए है.

कोंडागांव: भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने बाल तस्करी को लेकर शासन-प्रशासन को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा कि मासूम बच्चों को ज्यादा मजदूरी देने के बहाने से दूसरे राज्यों में ले जा रहे हैं. जिसकी सुध न तो जिला प्रशासन को है और न ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस पर गंभीर नजर आ रही है. वहीं, आयोजित प्रेस वार्ता के बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा के नेतृत्व में स्थानीय बस स्टैंड में सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और केशकाल विधायक संतराम नेताम का पुतला दहन किया गया. प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की होने लगी. बीजेपी नेता बाल तस्कर मामले में SIT गठन की मांग की.

बाल तस्करी को लेकर बीजेपी का प्रदर्शन

लता उसेंडी ने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं सटे सीमावर्ती राज्य ओडिशा से भी नाबालिगों को काम के बहाने से लाया जाया जा रहा है. कथित तौर पर NH-30 में जैतपुरी ढाबे के पास से इनको एकत्र कर देर रात चोरी छिपे ले जाया जाता है. 2 दिन पहले भी जब वे वहां से गुजर रहे थे. 25 से 30 नाबालिग मजदूरों को उन्होंने जैतपुरी ढाबे के बगल रोड में बैठे देखा. रात 11 बजे संदेहास्पद स्थिति जानते हुए जब उन्होंने उनसे कुछ पूछना चाहा तो सभी भाग खड़े हुए. कुछ भागने में कामयाब नहीं हो सके तो उनको पुलिस और श्रम विभाग को सूचना देते हुए उनके द्वारा सुपुर्द कर दिया गया.

वहां मौजूद बच्चों से जब उन्होंने बात की तो कई चौंका देने वाले तथ्य उनके सामने आए, बीते दिन उनके द्वारा क्षेत्र का दौरा करने के बाद उन्हें पता चला कि गांवों से सैकड़ों की संख्या में नाबालिग लड़के-लड़किया और युवा-युवती काम करने अन्य राज्यों जैसे तमिलनाडु चले गए हैं. कई पालकों को तो पता ही नहीं है कि उनके बच्चे कहां हैं और किस हाल में हैं? इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रेस वार्ता आयोजित करते हुए लता उसेंडी ने मजदूरी के नाम पर पलायन की आड़ में हो रहे मानव तस्करी की जांच की मांग की है. लता उसेंडी ने कहा कि शासन-प्रशासन के लोग इस मामले को गंभीरता से न लेते हुए जांच नहीं करते हैं तो वे आगे और भी उग्र आंदोलन करते हुए सड़क की लड़ाई लड़ेंगे ताकि मजदूरी की नाम पर पलायन की आड़ में हो रहे मानव तस्करी के गोरख धंधे पर लगाम लगा सकें.

प्रेस वार्ता के बाद जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा के नेतृत्व में स्थानीय बस स्टैंड में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और केशकाल विधायक संतराम नेताम का पुतला दहन किया. प्रदर्शन के दौरान बंधुआ मजदूरी, बाल श्रम और मानव तस्करी के विरोध में आवाज बुलंद की गई. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कार्रवाई के नाम पर केवल खाना पूर्ति कर रही है. इस मामले में SIT गठन की मांग की है.

ह्यूमन ट्रैफिकिंग को पलायन का नाम देकर नजर अंदाज कर रहा प्रशासन

कुछ दिन पहले भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष को शिकायत मिली थी कि नाबालिग बच्चों को प्रदेश से बाहर देर रात चोरी-छिपे ले जाया जा रहा है. जिस पर दबिश देकर उन्होंने जिला प्रशासन की उदासीनता को उजागर किया. पूर्व मंत्री लता ने प्रेस को बताया कि बाकायदा गांवो में दलाल नियुक्त कर रखा गया है. उन फर्जी प्लेसमेंट एजेंसियों ने व्यक्ति 2 हजार के दाम से दलाल को पैसे देते हैं. मासूमों को बरगलाने के लिए इसके लिए स्थानीय युवकों व युवतियों को इस्तेमाल किया जाता है.

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