Navratri 2022 अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर बना दुर्गा पंडाल, नैला में विराजेंगी 37 फीट ऊंची दुर्गा मां

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Published : Sep 26, 2022, 12:36 PM IST

Updated : Sep 26, 2022, 5:37 PM IST

अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर बना दुर्गा पंडाल

Navratri 2022 जांजगीर नैला रेलवे परिसर में अक्षर धाम के तर्ज पर पंडाल बनाया गया है. इस पंडाल में दुर्गा मां की 37 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है. नवरात्र के तीसरे दिन से भक्तों के लिए पंडाल खोला जाएगा.

जांजगीर चांपा : जिले का नाम देश के कोने कोने तक पहुंचाने वाले नैला की मां दुर्गा सेवा समिति ने इस बार माता की इको फ्रेंडली मूर्ति स्थापना की तैयारी की है. मिट्टी और नेचुरल रंगों का इस्तेमाल करके छत्तीसगढ़ के मूर्तिकारों की टीम ने 35 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई है. जिसका श्रृंगार सोने चांदी के सिक्के और आर्टिफिशियल ज्वेलरी से किया जा रहा है.अक्षर धाम मंदिर के पंडाल में माता की स्थापना की जा रही (Durga pandal built like Akshardham temple ) है. जो नवरात्रि के तीसरे दिन से जनता को दर्शन देंगी.

Navratri 2022 अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर बना दुर्गा पंडाल


नैला में अनोखी होती है दुर्गा पूजा : वैसे तो नैला रेलवे स्टेशन परिसर (janjgir champa naila railway station ) क्षेत्र में 50 साल से शारदीय नवरात्र में माता का पूजन किया जा रहा है.पहले रेलवे के कर्मचारी इसे संचालित करते थे. लेकिन समय बदलने के साथ समिति भी बदल गई और नैला के युवाओं ने पूजा की जिम्मेदारी उठाई. अब 35 साल से माता के अलग-अलग स्वरूप का दर्शन युवा करा रहे हैं. कभी सोने के सिक्का से माता का स्वरूप बनाया ,कभी चांदी के सिक्के से तो कभी नारियल की प्रतिमा लोगों के आकर्षण का केंद्र बनीं. इस छत्तीसगढ़ के ही नही दूसरे प्रांत से भी श्रद्धालु माता के स्वरूप का दर्शन करने आए. कोरोना महामारी के कारण आयोजन रुक गया था. लेकिन इस बार फिर से समिति ने अनूठा प्रयोग किया. प्रकृति को समर्पित करते हुए माता दुर्गा की प्रतिमा मिट्टी और नेचुरल रंगों से बनवाना शुरू की. जिसे सजाने के लिए माता को स्वर्ण कमल का आसन बनाया और विशाल छत्र लगाया जा रहा है.वहीं कई देवी देवताओं की झांकी भी बनाई गई है,इसके अलावा अक्षर धाम मंदिर का पंडाल बनाया गया है .जिसे लाइट साउंड से सजाया जा रहा है.



भटगांव के मूर्तिकार की टीम को आमंत्रित कर मिट्टी से माता की 35 फीट ऊंची प्रतिमा बनवानी शुरू की गई. 2 माह के अथक परिश्रम के बाद मूर्तिकारों ने माता के स्वरूप को अंतिम टच दिया. मूर्तिकार ने बताया कि '' उन्होंने माता का स्वरुप बनाने के लिए कहीं कोई प्रशिक्षण नही लिया है बल्कि बचपन में एकलव्य की तरह दूर से मूर्ति बनता देख खुद से बनाने की प्रयास किया. धीरे-धीरे माता के स्वरूप बनाने में पारंगत हासिल कर लिया.हालांकि मूर्ति बनाने के इस काम को माता सेवा के रूप में ही करते का दावा किया और खुद का दूसरा बड़ा कारोबार होने की बात की. उन्होंने कहा कि अब तक छोटी-छोटी बहुत मूर्तियां बनाई हैं. लेकिन नैला में जिस आकर की प्रतिमा बनाई गई. उसको देख कर अब खुद भी आश्चर्य में है.


नैला के रेलवे स्टेशन परिसर में हर वर्ष होने वाला नवरात्रि पूजा का इंतजार साल भर से जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश के लोगों को रहता है. इस बार नवरात्र के तीसरे दिन से विधि विधान के साथ पूजा कर माता के दर्शन के लिए द्वार खुल जाएगा. लोगों की भीड़ को देखते हुए 1 किलो मीटर दूर वाहनों के प्रवेश बंद कर दिया जाएगा. बुजुर्ग बच्चों के लिए बैटरी चालित ऑटो का इंतजाम किया जा रहा है.वहीं पूजा के दौरान दिन और रात भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है. इसके साथ ही 25 सीसीटीवी कैमरे से लोगों पर नजर रखी जा रही है. इसके अलावा भंडारा और प्रसाद का इंतजाम करने की तैयारी की गई है.Navratri 2022

Last Updated :Sep 26, 2022, 5:37 PM IST
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