गरियाबंद: अभयारण्य क्षेत्र पर अब नक्सलियों की नजर है. यहां नक्सलियों ने वन भैंसा प्रजनन केंद्र पर चारा रखने के गोदाम में आग लगा दी. इसके अलावा भवन को कुछ और नुकसान भी पहुंचाया है. साथ ही नक्सलियों ने बैनर लगाया है. नक्सलियों के आने की भनक पाकर प्रजनन केंद्र में मौजूद ट्रैक्टर चालक पहले ही भाग गए थे. नक्सलियों ने वन भैंसों के बारे को भी नुकसान पहुंचाया है. लेकिन अच्छी बात यह रही कि सभी वन भैंसे सुरक्षित हैं. यहां बाड़ा टूटने के बावजूद कोई वन भैंसा भागा नहीं.
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उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट के तहत आने वाला वन भैंसा प्रजनन केंद्र बीहड़ और जंगलों में स्थित है. नक्सलियों ने यहां एक वारदात को अंजाम देते हुए, वन विभाग द्वारा 60 एकड़ में बनाए गए वन भैंसा प्रजनन केंद्र के बारे में पहुंचकर बाड़े के तार घेरे को तोड़ने की कोशिश की. इसके बाद नक्सली अंदर घुसे और भैंसों के लिए रखे जाने वाले चारा के स्टोर रूम को आग लगा दी.
हालांकि आग अधिक नहीं भड़क पाई. नक्सलियों ने इसके साथ ही वहां बैनर पोस्टर भी लगाए. जिसमें उन्होंने जल, जंगल, जमीन पर स्थानीय निवासियों के अधिकार की बात लिखी है. नक्सलियों ने अभयारण्य क्षेत्र होने के कारण लोगों को परेशानी होने की बात लिखी है. साथ ही कृषि कानून के विरोध की बातें भी लिखी हैं.
बाकी क्षेत्रों में वन भूमि पर सालों से काबिज लोगों को वन अधिकार पत्र दिया जाता है. लेकिन अभयारण्य के बीच के क्षेत्र में वन अधिकार नहीं मिल पाता. जिससे स्थानीय निवासियों में कुछ नाराजगी रहती है. जिसके चलते इन इलाकों में नक्सली लोगों को अपनी तरफ करने का प्रयास करते हैं. इस क्षेत्र में नक्सली बीते कई साल से निष्क्रिय हैं. लेकिन कुछ महीनों से नक्सली फिर सक्रिय होने लगे हैं और वह अपनी मौजूदगी दिखाने का प्रयास कर रहे हैं.