रंग लाई मेहनत : गरियाबंद में कांस्टेबल का बेटा बनेगा डीएसपी, पिता बोले-सैल्यूट कर चौड़ा होगा सीना

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Published : Sep 20, 2021, 9:33 AM IST

DM feeding sweets to Deepak

गरियाबंद के एक हेड कांस्टेबल का बेटा अब उन्हीं के विभाग में उनका वरीय अधिकारी बनेगा. कल तक किसी दूलरे को सैल्यूट करने वाला अब अपने बेटे को सलामी देगा. अपने पहले ही प्रयास में सीजीपीएससी का एग्जाम क्रैक करने के बाद दीपक कुमार ठाकुर को गरियाबंद में ही डीएसपी की पोस्ट मिलेगी.

गरियाबंद : कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. कभी-कभी अभाव के बीच भी पल रहा बच्चा अपना, अपने माता-पिता का और अपने समाज का नाम रोशन कर देता है. जबकि कभी-कभी सभी भौतिक सुख-सुविधाओं के बीच पल-बढ़ रहा बच्चा भी कुछ नहीं कर पाता. बहरहाल, सूबे के गरियाबंद जिले से एक सुखद खबर आई है कि यहां पुलिस डिपार्टमेंट (police department) में पदस्थ एक हेड कांस्टेबल (head constable) का बेटा अब डीएसपी (DSP) बनेगा. यह सुनकर जहां माता-पिता फूले नहीं समा रहे वहीं छोटी बहन ने भी अपने भाई से बड़ा अफसर बनने की प्रेरणा ले रही है. यह कमाल कर दिखाया है गरियाबंद पुलिस लाइन निवासी सुरेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे दीपक ठाकुर ने. सीजीपीएससी (CGPSC) की परीक्षा में अपने कैटेगरी में दीपक ने 17वां रैंक हासिल किया है तथा ओवरऑल 326वीं रैंक प्राप्त की है. दीपक आईएएस अफसर बनना चाहता है और इसके लिए वह जी तोड़ मेहनत कर रहा है.

दीपक के चयन पर खुश परिवार

बता दें कि दीपक ने शुरुआत से ही शासन की योजनाओं का पूरा लाभ उठाया. छठी कक्षा से जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ाई की और जवाहर उत्कर्ष योजना के तहत छत्तीसगढ़ शासन की ओर से चयनित होकर सरकारी खर्च पर दिल्ली में अच्छे कोचिंग में पीएससी की तैयारी की. इसके बाद उसका यह चयन गरियाबंद जिले के लिए होना गर्व की बात है. दीपक अपनी सफलता में शासन की इन दोनों योजनाओं का भरपूर योगदान होने की बात कहता है. वहीं दीपक की इस सफलता पर जिले के कलेक्टर निलेश क्षीरसागर और जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर, जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर, उपाध्यक्ष संजय नेताम और नगर पंचायत अध्यक्ष गफ्फार मेमन ने कलेक्ट्रेट में दीपक का सम्मान कर उसका मुंह मीठा कराया. बता दें कि दीपक के पिता सुंदर सिंह ठाकुर छुरा विकासखंड के एक गांव के स्थानीय निवासी हैं.

इधर, गरियाबंद में कॉन्स्टेबल की पोस्ट पर काम करने वाले सुंदर सिंह ठाकुर को उनके अफसर बधाई दे रहे हैं. वजह है बेटे की कामयाबी. सुंदर सिंह के बेटे दीपक ठाकुर ने पहले ही प्रयास में CGPSC 2019 के एग्जाम को क्लीयर कर लिया है. 367 रैंक की बदौलत दीपक को DSP की पोस्ट मिल सकती है. अपनी इस कामयाबी की खबर सबसे पहले दीपक ने अपने पिता को सुनाई. पिता बेटे की इस कामयाबी पर बेहद खुश हैं. जबकि दीपक का कहना है कि यह खुशखबरी जब उसने अपने पिता को फोन पर सुनाई तो वो बोले मुझे पता था तुम जरूर कर दिखाओगे.



दीपक ने बताया कि बचपन से ही पिता को वर्दी में देखा है. पुलिस अधिकारियों को देखकर उसने भी अफसर बनने की सोच रखी थी. पढ़ने में अच्छे थे, लिहाजा छत्तीसगढ़ सरकार की योजना के तहत यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली जाने का उसे मौका मिला. दीपक ने बताया कि दिल्ली में काफी राज्यों से होनहार स्टूडेंट पहुंचे थे, जिन्हें देखकर इंस्पायर होते रहे. अपनी तैयारी में उनसे गाइडेंस भी लेते रहे. इस वजह से सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए खुद को मोटिवेट कर पाए और आखिरकार कामयाबी मिली.


अपनी पढ़ाई के शेड्यूल को दीपक ने हफ्तों में बांट रखा था. दीपक ने बताया कि हर हफ्ते मैं किसी टॉपिक या सब्जेक्ट की तैयारी पूरी करता रहता था. दिमाग में इस बात का बोझ नहीं था कि 6 या 7 घंटे पढ़ाई करनी है. मैं बस ये ध्यान में रखता था कि इस सप्ताह तैयारी पूरी कर लूं. ऐसे में दो घंटे की पढ़ाई भी करता तो वह फोकस्ड तरीके से हो पाती थी. हर सब्जेक्ट को पूरा करने के बाद उसे रिवाइज करने और लगातार प्रैक्टिस करने पर जोर देते रहे, जिसकी वजह से CGPSC की तैयारी काफी मजबूती से की. कांसेप्ट को समझते हुए मेंस को ध्यान में रखकर तैयारी की और पहले प्रयास में ही कामयाबी मिल गई.

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