भिलाई में डायरिया प्रभावित क्षेत्र में पहुंची जांच कमेटी, जल आपूर्ति की खामियों का लिया जायजा

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Published : Nov 30, 2022, 1:10 PM IST

भिलाई में डायरिया प्रभावित क्षेत्र का जांच कमेटी ने किया दौरा

भिलाई के खुर्सीपार क्षेत्र में डायरिया फैलने से कई लोग बीमार पड़ गए और दो लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद स्थानीय लोगों में निगम के खिलाफ आक्रोश है. वहीं निगम ने डायरिया फैलने की जांच के लिए कमेटी गठित की है. जो घर घर जाकर बीमार हुए लोगों से जानकारी इकट्ठा कर रही है. Investigation committee reached diarrhea affected area in Bhilai

भिलाई : खुर्सीपार एरिया में डायरिया प्रभावितों की जांच के लिये भिलाई निगम ने कमेटी गठित की है. भिलाई निगम की 9 सदस्यीय जांच समिति के सदस्यों ने प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया. कमेटी ने डायरिया फैलने के मुख्य कारणों का परीक्षण किया है. समिति के सदस्यों ने लोगों से घर घर संपर्क कर बीमार लोगों से पूछताछ की. जगह-जगह नाली से गुजरी पाइपलाइन के पंचर करने और गड्ढा कर पानी की व्यवस्था करने को लेकर भी लोगों से जानकारी ली.Investigation committee reached diarrhea affected area in Bhilai

डायरिया की जांच के  लिए बनीं कमेटी
डायरिया की जांच के लिए बनीं कमेटी

इस दौरान लोगों ने कहा कि '' नलों में प्रेशर नहीं होने के कारण पाइपलाइन को गड्ढा कर पानी की व्यवस्था की गई है.'' इसके बाद जांच समिति ने निगम द्वारा वितरण किए जा रहे क्लोरिन टेबलेट और दवाई की जानकारी ली. जांच समिति को 9 बिंदुओं पर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी है.

डायरिया की जांच के  लिए बनीं कमेटी
डायरिया की जांच के लिए बनीं कमेटी

कमेटी में कौन कौन हैं शामिल : महापौर नीरज पाल (Mayor Neeraj Pal) के पहल पर गठित समिति में जलकार्य प्रभारी केशव चौबे, खाद्य लोक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रभारी लक्ष्मीपति राजू, सामान्य प्रशासन एवं विधायी कार्य संदीप निरंकारी, अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार जोशी, अधीक्षण अभियंता बीके देवांगन कार्यपालन अभियंता जलकार्य संजय शर्मा, उपायुक्त रमाकांत साहू, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेन्द्र मिश्रा को शामिल किये गये हैं.

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किन क्षेत्रों का किया अवलोकन : बैकुंठधाम, जेपीनगर के घनी गलियों में घूमकर पेयजल आपूर्ति के स्थिति को जाना.उन्होंने देखा कि लोगों ने अपने घर के दरवाजे के सामने गड्ढा खोद लिया है. जिसमें लगी टोटी से पानी भरते हैं. जलापूर्ति बंद होने के बाद दूषित जल पाइप लाइन में घुसने की आशंका रहती है. बोर एवं सिंटेक्स टंकी लगाई नालियों की सफाई, वर्तमान में शुद्ध पेयजल के लिये बोर खनन तथा सिंटेक्स टंकी का भी अवलोकन किया. टीम के सदस्यों ने बैकुंठधाम पानी टंकी पहुंचकर मेन राइजिंग पाइपलाइन का भी अवलोकन किया.

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