छत्तीसगढ़ ने पूरे किये 21 वर्ष तो 23 साल का हुआ धमतरी, जानिए कितना हुआ विकास

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Published : Oct 31, 2021, 1:01 PM IST

Updated : Oct 31, 2021, 6:31 PM IST

people still waiting for development

1 नवंबर को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) 21 साल (21 year) का हो जाएगा. 6 जुलाई 1998 को रायपुर (Raipur)से अलग होकर धमतरी (Dhamtari) भी जिला बन गया था. अपने 23 साल के सफर में धमतरी ने विकास (Dhamtari developed) के अनेक सोपान तय किये. लेकिन मौजूदा समय ये जिला विकास से अछूता है.

धमतरीः 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) 21 साल (21 year) का हो जाएगा. 1 नवम्बर को ही मध्यप्रदेश से विभाजित कर इसे नया राज्य बनाया गया था. इन 21 वर्षो में प्रदेश में विकास कार्यो के साथ कई बदलाव हुए और आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ ने अपनी पहचान बना ली है. 6 जुलाई 1998 को रायपुर से अलग होकर धमतरी (Dhamtari) जिला बन गया. अपने 23 साल के सफर में धमतरी ने विकास (Dhamtari developed)के अनेक सोपान तय किये. हालांकि मौजूदा समय में इसके कुछ सपने अधूरे भी है, जिसके पूरे होने का इंतजार यहां के लोगों को है.

23 साल के सफर में धमतरी ने विकास

धमतरी जिले का कुल क्षेत्रफल 3 हजार 930 वर्ग किलोमीटर है. उत्तर में रायपुर और दक्षिण में कांकेर के साथ-साथ बस्तर, पूर्व में ओडिशा राज्य के हिस्से में और पश्चिम में जिला दुर्ग और कांकेर से घिरा हुआ है. यहां की प्रमुख नदी महानदी है. इसके अलावा सोंढुर, पैरी ,खारुन सहायक नदियां है. जिले की भूमि का उपजाऊ होने का कारण यहां की प्रमुख फसल धान है. जिले में गंगरेल बांध के जरिए लगभग 3 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई मुक्कमल होती है. इसके अलावा राज्य की राजधानी रायपुर सहित अन्य जिलों को सिंचाई और पीने के पानी दिया जाता है. साथ ही भिलाई इस्पात संयंत्र की आपूर्ति भी करता है.

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प्राकृतिक संसाधनों के होने के बावजूद नहीं मिली पहचान

प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के कारण जिले में विकास की अपार संभावनाएं है. लेकिन जिला अपेक्षित विकास को अब तक तरस रहा है. बड़ी रेल लाइन की मांग सालों से की जा रही है. इसे स्वीकृति तो मिल गई पर अब तक धरातल पर काम नजर नहीं आ रहा. जिले में सुविधाओं के अभाव में उद्योग धंधों का विकास नहीं हो पाया. जिसके कारण रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो रहे.एक समय चावल,लाख,लकड़ी और वनोपज उद्योग के नाम पर जिले की पहचान हुआ करती थी,लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह पहचान भी अब खोने लगी है.

शिक्षा में भी पीछे

अगर बात शिक्षा की करें, तो उच्च शिक्षा के मामले में धमतरी पूरी तरह से रायपुर, भिलाई और अन्य बड़े शहरों पर निर्भर हो गया है. मेडिकल इंजीनियरिंग कॉलेज की सालों पुरानी मांग का अब तक लोग इंतजार कर रहे हैं. यही हाल ट्रांसपोर्ट नगर का भी है. इसके अलावा वनांचल क्षेत्रों के कई गांवों में पुल-पुलिया न होने के कारण लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.कई गांवों मे आजादी के बाद से अब तक सड़कें नहीं बन पाई है, वहां के लोग आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं.

पर्यटन की अपार संभावनाएं

जिले के मॉडमसिल्ली, सोंढुर, श्रृंगी ऋषि, सिहावा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए, तो प्रदेश के नक्शे में धमतरी को अलग पहचान मिल सकती है. गंगरेल बांध और आसपास अपेक्षित तो नहीं हो पाया, लेकिन कई काम ऐसे हुए है जिससे यहां पर्यटको की संख्या बढ़ी है. मौजूदा समय में वाटर स्पोटर्स, मानव एडवेंचर की सुवधिाओं के कारण बड़ी तादाद में गंगरेल बांध सैर करने पहुंच रहे है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में ट्रामा सेंटर की मांग लंबे समय से हो रही है. लंबे आंदोलन के बाद यहां बाईपास की स्वीकृति तो मिली, काम भी शुरू हुआ. लेकिन कछुआ की चाल से हो रहे निर्माण के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पहले और अब धमतरी जिला

धमतरी के जिला बनने के पहले और अब की स्थिति देखें तो जिला गठन से पहले धमतरी में एनीकट, स्टॉप डेम का अभाव था लेकिन अब जगह-जगह एनीकट और स्टॉप डेम सिंचाई के लिए है.अधिकतर किसानों के पास पंप कनेक्शन है. सरकारी स्कूलों की संख्या दोगुनी हो गई है. जिले में पर्याप्त राशन दुकानें है. जिले में सरकारी हैंडपंपों की संख्या में इजाफा हुआ है. जिला बनने से पहले पीएम सड़क के तहत महज 8 सड़के बनी थी. अब गांव-गांव सड़कों का जाल बिछाया गया है. दर्जनों गांव में बिजली नहीं पहुंची थी, लेकिन अब शत प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है .जिला बनने के बाद धमतरी को जो प्रमुख सुविधाएं मिली उनमें नहर सुविधा के जरिए धमतरी में सर्वाधिक सिंचित जिला बना. गंगरेल से 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन,वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, आदर्श मंडी, नगर पालिका को निगम का दर्जा मिला.

इन सुविधाओं की है आवश्यकता

हालांकि धमतरी में जो सुविधाएं होनी चाहिए थी, उससे वो अब भी अछूता है. ऐसे में अब भी जिले में बड़ी रेल लाइन, मेडिकल कॉलेज, औद्योगिक नगर, ट्रांसपोर्ट नगर हाइटेक बस स्टैंड, वनांचल क्षेत्र में गांव शुद्धीकरण पेयजल, शहर में ड्रेनेज सिस्टम सुधारना, सदर चौड़ीकरण, सुविधायुक्त स्टेडियम, बेरोजगारी दूर करने के उद्योगों की स्थापना, नगरी क्षेत्र में वनोपज पर आधारित उद्योगों की स्थापना, सिंचाई सुविधा का विस्तार शामिल है.

Last Updated :Oct 31, 2021, 6:31 PM IST
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