बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से भिलाई स्टील प्लांट (BSP) को राहत मिली है. हाईकोर्ट ने लौह अयस्क का ट्रकों से परिवहन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने पर्यावरण प्रदूषण होने की दलील भी नहीं मानी है. अब BSP नारायणपुर की रावघाट परियोजना से लौह अयस्क का ट्रांसपोर्टेशन ट्रक से कर सकेगा.
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हाईकोर्ट में 2009 में लौह अयस्क का ट्रकों से परिवहन पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इसको लेकर साल 2009 में ही केंद्र सरकार ने क्लीयरेंस दे दिया था, लेकिन नक्सल समस्या के कारण एक रुपए का भी अयस्क सप्लाई नहीं हो सका. अब हाईकोर्ट से BSP को राहत मिल गई है.
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पर्यावरण प्रदूषण को लेकर लगाई गई थी याचिका
नारायणपुर के रावघाट से लेकर भिलाई तक 95 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा है. अब तक यहां 60 किलोमीटर तक की रेलवे लाइन बिछाई जा चुकी है, लेकिन करीब 35 किलोमीटर के हिस्से में रेल लाइन नहीं बिछ पाई है. BSP ने इसके लिए ट्रक से लौह अयस्क के ट्रांसपोर्टेशन की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी थी. इस पर केंद्र सरकार राजी हो गई थी, लेकिन पर्यावरण प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट में याचिक दायर कर दी गई थी.
रेल परियोजना पूरी होने तक ट्रक से कर सकेंगे ट्रांसपोर्टेशन
हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान BSP की ओर से वकील डॉ. सौरभ पांडेय ने तर्क दिया. अब तक इस परियोजना में 1900 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. इसमें 417 करोड़ नक्सलियों को रोकने, 900 करोड़ रुपये सामाजिक सुरक्षा और अन्य कामों पर खर्च हुए हैं. ऑयरन सप्लाई नहीं होने से जनता के पैसे की हानि हो रही है. कोर्ट ने रेल परियोजना पूरी तक लौह अयस्क का ट्रक से ट्रांसपोर्टेशन करने का निर्देश दिया.