गौरेला पेंड्रा मरवाही: एकलव्य छात्रावास के बच्चों की जान से खिलवाड़ !

author img

By

Published : Aug 6, 2022, 11:11 PM IST

children of tribal Eklavya hostel

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय डोगरिया के 24 छात्र छात्राओं की एक साथ तबीयत बिगड़ने के बाद जिला अस्पताल लाया गया. लेकिन एकलव्य आवासीय विद्यालय की लापरवाही का यह आलम है कि सुबह 11:00 बजे से अब तक सभी छात्र छात्राएं भूखे प्यासे बैठे रहे.

गौरेला पेंड्रा मरवाही: आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की अव्यवस्था एक बार फिर सामने आई है. जिले में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय डोगरिया के 24 छात्र छात्राओं की एक साथ तबीयत बिगड़ने के बाद जिला अस्पताल लाए गए थे. लेकिन सुबह 11:00 बजे से अब तक जिला अस्पताल में सभी छात्र छात्राएं भूखे प्यासे बैठे हैं. बिना छात्रावास अधीक्षक के बच्चे अस्पताल में परेशान होते रहे हैं.

लापरवाह आदिवासी विकास विभाग: विभाग की जिम्मेदारी आदिवासियों के उत्थान की है. लगातार अपनी अव्यवस्थाओं के लिए कुख्यात हो गया है. ताजा मामला एकलव्य आवासीय विद्यालय डोंगरिया का है. जहां आवासीय विद्यालय में रहने वाले 25 बच्चों की तबीयत खराब होने के बाद आज जिला अस्पताल लाया गया. सुबह 11:00 बजे से जिला अस्पताल पहुंचे छात्र छात्राएं शाम 8:00 बजे तक परेशान होते रहे. इस दौरान बच्चे खाने-पीने से लेकर अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी परेशान रहे.

यह भी पढ़ें: BREAKING NEWS: गौरेला पेंड्रा मरवाही के एकलव्य आवासीय विद्यालय में 25 बच्चे बीमार

बच्चों ने रो रोकर बताई आपबीती: अपना दर्द बताते बताते छात्राओं की आंखें नम हो जाती थी. दर्द एवं तकलीफ के साथ आज दिनभर की परेशानी बच्चों की आंखों से आंसू बनकर बहने लगी. मीडिया को सामने देख बच्चे अपना दर्द छुपा नहीं सके और फफक फफक कर रोने लगे.

पिछले कई दिनों से बच्चे थे अस्वस्थ: किसी तरह ढाढस बंधा कर जब उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था. सिर दर्द पेट दर्द एवं बुखार की शिकायत होने के बाद आज सभी 24 छात्र-छात्राओं को जिला अस्पताल लाया गया. जहां सुबह 11:00 बजे से अब तक वे परेशान होते रहे. सुबह 11:00 बजे से पहुंचे मासूम छात्र छात्राओं को पहले कोविड जांच के नाम पर बिठाया गया. जांच रिपोर्ट आने तक डॉक्टर लंच में चले गए. इस तरह बच्चे शाम 5:00 बजे तक दूसरी पारी का इंतजार करते रहे. 5:00 बजे के बाद जब डॉक्टर पहुंचे तब छात्र-छात्राओं की जांच शुरू हुई. इस तरह बच्चे लगभग 9 घंटे दर्द एवं तकलीफ से जूझते हुए परेशान होते.

यह भी पढ़ें: गौरेला पेंड्रा मरवाही में रेत माफिया का वन विभाग की टीम पर हमला

मीडिया के पहुंचने के बाद पहुंचा प्रशासन: मामले की जानकारी जिला अस्पताल पहुंचे स्थानीय लोगों ने मीडिया को दी. जिसके बाद मीडिया की टीम पहुंची और प्रशासन भी हरकत में आया. आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त अपनी पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. उनके पीछे तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे. छात्र-छात्राओं से मिलने एवं बात करने के बाद तहसीलदार ने ड्यूटी रजिस्टर चेक किया, तो कई डॉक्टर उपस्थित ही नहीं थे.

अनुपस्थित डॉक्टरों पर होगी नियमानुसार कार्रवाई: सहायक आयुक्त से जब पूरे मामले पर बात की गई, तो उन्होंने इसे छात्रावास प्रबंधन की लापरवाही भी माना. एएनएम के भरोसे 25 बच्चों को एक साथ भेज दिया गया. ना तो छात्रावास अधीक्षक उनके साथ हैं, ना ही स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई. मामले पर उन्होंने जांच एवं कार्यवाही की बात की है. वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है कि बच्चों की हालत अभी ठीक है. कोविड की जांच चल रही थी इसलिए जांच एवं चिकित्सा में विलंब हो गया. अनुपस्थित डॉक्टरों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.