Republic day 2023: छत्तीसगढ़ में पहली बार गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री लेंगे थर्ड जेंडर पुलिसकर्मियों से सलामी, जगदलपुर में फहरायेंगे तिरंगा
Updated on: Jan 25, 2023, 11:03 AM IST

Republic day 2023: छत्तीसगढ़ में पहली बार गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री लेंगे थर्ड जेंडर पुलिसकर्मियों से सलामी, जगदलपुर में फहरायेंगे तिरंगा
Updated on: Jan 25, 2023, 11:03 AM IST
पूरा भारत 26 जनवरी 2023 को गणतंत्र दिवस की 73वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. जिसकी तैयारियां पूरे भारत देश में जोर शोर से चल रही है. यह दिन बस्तर के लिए बेहद ही खास है, क्योंकि इस गणतंत्र दिवस 2023 में बस्तर एक नया इतिहास रचने को तैयार है. बस्तर में ध्वजारोहण के बाद पहली बार परेड मार्च पास्ट में थर्ड जेंडर के सुरक्षाकर्मी शामिल होंगे. जिनसे प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सलामी लेंगे. transgender police in republic day parade
बस्तर: बस्तर में नक्सलियों से लोहा लेने के लिए स्थानीय युवक-युवतियों की फोर्स की नियुक्ति की गई है. जिसे बस्तर फाइटर का नाम दिया गया है. इस बस्तर फाइटर के जवानों में पुरुष और महिलाओं के साथ ही थर्डजेंडर भी शामिल है. जिन्होंने कड़ी मेहनत करके इस मुकाम को पाया है. पुरुष और महिला जवानों के साथ थर्ड जेंडर भी कंधे से कंधा मिलाकर नक्सली मोर्चे पर तैनात हैं.
सीएम बघेल ध्वजारोहण कर परेड की लेंगे सलामी: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि "हर साल की भांति इस वर्ष भी प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गणतंत्र दिवस में ध्वजारोहण करने के लिए जगदलपुर के ऐतिहासिक लाल बाग मैदान में पहुंचेंगे. जिसके बाद वे ध्वजारोहण कर परेड में शामिल प्लाटून से सलामी लेंगे. लेकिन 2023 के परेड में खास बात यह है कि पहली बार मार्च पास्ट में थर्ड जेंडर भी शामिल होंगे."
"थर्डजेंडर को समाज में समान अधिकार": बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि "जो बस्तर के लिए इतिहासिक क्षण है. छत्तीसगढ़ में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ. थर्ड जेंडर के शामिल होने से समाज में समानता का संदेश जाएगा और थर्डजेंडर को समाज में समान अधिकार मिलेगा."
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बस्तर पुलिस का फैसला सराहनीय: दरअसल थर्ड जेंडर हमारे ही समाज का एक हिस्सा है. लेकिन समाज के लोग थर्ड जेंडर को हीन भावना से देखते हैं. उन पर गलत तरीके से टिप्पणी करते हैं. हमेशा से ही थर्ड जेंडर को नीचा दिखाने की कोशिश भी की जाती है. लेकिन बस्तर पुलिस के अधिकारियों द्वारा लिया गया यह निर्णय बेहद ही सराहनीय है.
बस्तर पुलिस की पहल से आ रहा बदलाव: इससे पहले भी बस्तर पुलिस समान अधिकार के लिए नए नए तरह के प्रयोग अपनाते नजर आई थी. बस्तर नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं और बीते कुछ वर्षों से लगातार छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा से जुड़े हैं. यही वजह है कि बीते वर्षों में सरेंडर नक्सली भी इस ऐतिहासिक और गरिमामय पल में प्लाटून का हिस्सा बनकर गणतंत्र दिवस में सलामी देते नजर आए थे.
