बालोदः साल 2018 के विधानसभा चुनाव के समय बालोद (Balod) जिला मुख्यालय से लगे पाकुरभाट (pakurbhat) में स्ट्रॉंग रूम बनाया गया था, जहां मतगणना की गई थी. उस दौरान खनिज संस्थान न्यास निधि (Mineral Institute Trust Fund) से ग्राम झलमला से पाकुरभाट तक लगभग 27 लाख रुपए की लागत से स्ट्रीट लाइट (Street lights) लगवाए गए थे. जिसमें विधानसभा चुनाव के लगभग 3 माह तक इन लाइटों की रोशनी से पूरा क्षेत्र जगमगाता रहा.
वहीं, ढाई साल बाद स्ट्रीट लाइट बस नाम के ही लगे हुए हैं. लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं जा रहा है. बताया जा रहा है कि, जगतरा ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर यह कार्य किया गया था.
ज़िला पंचायत से होगा सारा काम
इधर, विद्युत विभाग (electrical department) के अधिकारी टी.एल.सहारे ने बताया कि स्ट्रीट लाइट लगी है. तो उसे चलना जरूर चाहिए. मैंने तो अभी अभी पद ज्वाइन किया है. मैं स्ट्रीट लाइट (Street lights) को देखता था. तो मुझे ऐसा लगता था कि मानो यहां स्ट्रीट लाइट जली ही नहीं है. कुछ महीने तक इन स्ट्रीट लाइट को जलाया गया था, हालांकि अब इसे जिला पंचायत संसाधन केंद्र के मेले से जलाया जा रहा था. लेकिन अब इसे ला पुनः कैसे चालू किया जाए इसके लिए स्थानीय पंचायत में जिला पंचायत के माध्यम से कार्य किए जा सकते हैं.
ज़िम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
वहीं, इस पूरे मामले में जिम्मेदार किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दे रहा. स्थानीय पंचायत से ही जिला पंचायत एवं खनिज संस्थान न्यास निधि के प्रभारी जो इस कार्य को अंजाम दिए थे. उनके द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक इन स्ट्रीट लाइट को जलाने का प्रयास करना चाहिए. क्योंकि स्ट्रीट लाइट वालों से धमतरी मुख्य मार्ग की शोभा बढ़ाता है. हालांकि बंद हो जाने से महज से आज के समय में प्रदर्शनी बनी हुई है.
पैसे की कमी बताकर कई जगहों में नहीं हुआ मेंटनेंस
बालोद जिला खनिज संस्थान न्यास निधि (Mineral Institute Trust Fund) से कई ऐसे कार्य किए गए हैं, जो कि बाद में सफेद हाथी साबित हुए हैं. या तो उन कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं की गई या फिर बाद में उन्हें मेंटेनेंस के लिए फंड की कमी बता दिया गया.