बालोद में खेत देखने गए हेडमास्टर हाथी से तो बच गए लेकिन इससे नहीं बच सके

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Published : Jun 23, 2022, 3:33 PM IST

Updated : Jun 23, 2022, 5:17 PM IST

lightning in Balod

lightning in Balod: बारिश शुरू होते ही बालोद के लोगों को दोहरा खतरा उठाना पड़ रहा है. एक तरफ खेत की रखवाली ना करने पर हाथी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दूसरी तरफ घर से बाहर निकलने पर आकाशीय बिजली उनपर टूटकर गिर रही है.

बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में गुरुवार को बारिश के दौरान खेत की रखवाली एक हेडमास्टर को भारी पड़ गई. हाथियों से गन्ने की फसल को बचाने हेडमास्टर बारिश के बीच खेत पर गया था. इसी दौरान आकाशीय बिजली उनपर गिर गई. आसपास के लोगों ने तुरंत उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. 35 साल का कौशल कोठारिया राघोनवागांव के शासकीय स्कूल में हेडमास्टर के पद पर पदस्थ था. युवा हेडमास्टर की मौत से गांव और स्कूल में शोक का माहौल है. (Headmaster dies due to lightning in Balod)

हाथियों ने उजाड़ा खेत: बालोद जिले में गुरुवार सुबह से ही तेज गरज चमक के साथ बारिश हो रही है. कुछ जगहों से आकाशीय बिजली गिरने की भी सूचना है. मृतक हेडमास्टर कौशल कोठारिया का खेत चंदा हाथी के प्रभाव वाले क्षेत्र में आता है. बीते दिन हाथियों ने खेत में लगी गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचाया था. इसी का जायजा लेने और खेत की रखवाली करने कोठारिया अपने खेत गया था. इसी दौरान बिजली उन पर गिर गई. आकाशीय बिजली की चपेट में आने के बाद आसपास के लोग उन्हें संजीवनी एक्सप्रेस से जिला अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. तीन दिन पहले आकाशीय बिजली गिरने से चरवाहा सहित भेड़ बकरियों की भी मौत हो गई थी. (Chanda elephants in Balod)

सावधान..एक बार फिर आ गए हैं चंदा हाथी

इलाके में चंदा हाथियों का दल सक्रिय: पिछले सप्ताहभर से बालोद जिले के जंगली इलाकों में चंदा हाथियों का दल सक्रिय है. जो जंगल से लगे खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. गांववालों में फसल के नुकसान के साथ ही जान का खतरा भी बना हुआ है. लेकिन मजबूरी के कारण उन्हें खराब मौसम में भी अपने खेतों में जाकर रखवाली करनी पड़ रही है. जहां वे आकाशीय बिजली की चपेट में आ जा रहे हैं. (havoc of Chanda elephant in Balod )

जानिए क्या है आकाशीय बिजली, कैसे इससे बचें

आकाशीय बिजली (lightning) से हर साल देश में कई लोगों की मौत हो जाती है. आकाशीय बिजली (lightning) की चपेट में आने से बड़ी तादाद में मवेशी भी इसकी जद में आ जाते हैं. बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी इस प्राकृतिक आपदा से हर साल लगभग 100 लोगों की मौत होती है. कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. खास तौर पर बारिश के मौसम के ठीक पहले बिजली गिरने से लोगों के मारे जाने की घटनाओं में अधिकता देखी जाती है.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कैसे बचें: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) ने आकाशीय बिजली (lightning) जिसे गाज भी कहा जाता है. इससे बचने के लिए कुछ निर्देश दिए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान, खुले में काम करने वाले लोग आते हैं.

आपदा प्रबंधन विभाग (disaster management department) का कहना है कि आकाशीय बिजली (lightning) से थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए तो आसानी से बचा जा सकता है.

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • बिजली के खंभे और टावर के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • अगर आप खेत में है तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • उकड़ू बैठकर दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए .
  • लोहे समेत धातु से बने सामान साइकिल आदि से दूर रहना चाहिए.


    इसके अलावा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटीरियोलांजी (आईआईटीएम) पुणे ने दामिनी (Damini) नाम से एक ऐप डेवलप किया है. इसके माध्यम से आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी की जाती है. इस ऐप के माध्यम से जान माल के नुकसान से बचा जा सकता है.

छत्तीसगढ़ में ये इलाके हैं संवेदनशील: प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने कुछ जिलों को बिजली गिरने के लिए बेहद संवेदनशील जगहों के रूप में चिन्हित किया है. ये जिले इस तरह हैं.

  • कोरबा
  • रायगढ़
  • महासमुंद
  • बस्तर

इनके अलावा कुछ जिले मध्यम खतरे वाले क्षेत्र में शामिल है.

क्या होता है आकाशीय बिजली: आकाश में बादलों के बीच जब टक्कर होती है. यानी घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज निकलती है. ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. इस दौरान तेज कड़क आवाज सुनाई देती है. बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाले पीड़ित को अस्पताल ले जाएं: अक्सर ग्रामीण इलाकों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाले परंपरागत तरीके से इलाज करने की कोशिश की जाती है. जैसे गोबर में डुबा देना या गड्ढे में कमर से ऊपर तक गड़ा देना. लेकिन इससे मामला और बिगड़ जाता है. इसलिए आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाले को तत्काल अस्पताल ले जाना ही उचित होता है. जिससे उसकी जान बचाई जा सके.



Last Updated :Jun 23, 2022, 5:17 PM IST
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