बालोद : कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी (BJP MP Mohan Mandavi ) को लेकर बालोद जिले में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला है. भारतीय जनता पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने सांसद मोहन मंडावी को काला झंडा दिखाने संबंधित पोस्ट ग्रामीण व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल कर (Protest against MP in Balod ) दी. क्योंकि उन्हें लगता है कि भारतीय जनता पार्टी संगठन छोटे कार्यकर्ताओं को उपेक्षित कर रही है.लिहाजा उनके गांव में सांसद मोहन मंडावी का दौरा होने वाला था. जिसमें उन्होंने उनका विरोध करने का फैसला किया. इस संबंध में जब जानकारी अन्य कार्यकर्ताओं को लगी तो शिकायत थाने पहुंची. पुलिस ने पोस्ट वायरल करने वालों को देर रात गिरफ्तार कर लिया.बालोद थाने में धारा 151 के तहत मामला दर्ज किया गया. सोमवार शाम को सभी जमानत पर रिहा (party workers anger in balod ) हुए.
कहां का है मामला : पूरा मामला बालोद जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत सिवनी का है. जहां पर रामधुनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. 1 दिन पहले सांसद के गांव में मुख्य अतिथि बनकर आने की सूचना मिली.जिसके बाद उन्होंने कहा कि '' हमारा सांसद है हम कार्यकर्ता हैं. इन जनप्रतिनिधियों के लिए तन मन और धन लगाते हैं. यह हमारी उपेक्षा कर रहे हैं. ऐसा सोचकर उन्होंने काला झंडा दिखाने का फैसला किया. यह मैसेज सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया. उसके बाद पूरा ग्रामीण तंत्र एक्टिव हो गया. सांसद को काला झंडा दिखाने के विषय को लेकर थाने में शिकायत दर्ज की. जिसके बाद दो युवक कमलेश निषाद और बहुर नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया.
कार्यकर्ताओं का गुस्सा चरम पर : हवालात की हवा खाकर आए निष्ठावान कार्यकर्ता बहुर नेताम ने जानकारी देते हुए बताया कि " निष्ठा को ठेस पहुंचा है. अब तक भारतीय जनता पार्टी का झंडा उठाते आ रहे हैं. लेकिन सांसद ने हम कार्यकर्ताओं को उपेक्षित किया. हम हवालात भी गए. लेकिन भाजपा का कोई नेता हमें छुड़वाने तक नहीं आया. अनुसूचित जनजाति मोर्चा में मैं सदस्य हूं. मैं अपने पद से इस्तीफा दूंगा.हम जैसे कार्यकर्ताओं की कोई पूछ परख नहीं है.'' कमलेश निषाद ने भी कहा कि ''अब एहसास हुआ. हम जैसे कार्यकर्ताओं के लिए कोई आगे नहीं आता. हमारे विरोध की वजह सिर्फ मोहन मंडावी थे.''
कौन है विरोध करने वाले कार्यकर्ता : कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी जो कि भारतीय जनता पार्टी से विजय होकर आए हैं. उनके ही दो कार्यकर्ताओं ने उन्हें काला झंडा दिखाने का फैसला किया. आखिर यह फैसला क्यों किया यह भी एक बड़ा विषय है. आपको बता दें कि कमलेश निषाद और बहुर नेताम भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी को लेकर विगत 6 माह से सियासत जारी है. संगठन के लोग उन्हें कार्यक्रमों में साथ नहीं जाने देते केवल एक पूर्व विधायक प्रीतम साहू को अक्सर उनके कार्यक्रमों में देखा जाता है. उनसे जब इस विषय पर जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा '' काला झंडा दिखाए जाने और भाजपा कार्यकर्ताओं के गिरफ्तारी के संदर्भ में मुझे कोई जानकारी नहीं है मैं इस बारे में पता कर लेता हूं.''
क्या है बीजेपी ग्रामीण नेताओं का कहना : भारतीय जनता पार्टी के ग्रामीण मंडल अध्यक्ष प्रेम साहू ने कहा कि '' मुझे इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है. उनका ग्रामीण मामला है और इस आयोजन में ना मुझे बुलाया गया था. ना ही कार्यक्रम की जानकारी थी. सांसद के कार्यक्रमों में इस संगठन से जुड़े कोई लोग दिखाई नहीं देते हैं. कुछ ही प्रिय कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में उनका कार्यक्रम संपन्न होता है.सभी कार्यक्रमों में लगभग पूर्व विधायक प्रीतम साहू की सक्रियता बनी रहती है.
जानिए कौन थे कार्यक्रम में मौजूद : ग्राम पंचायत सिवनी में आयोजित रामधुनी प्रतियोगिता में भारतीय जनता पार्टी से अगर अतिथियों की बात करें तो सांसद मोहन मंडावी के साथ जिला पंचायत सदस्य कीर्तिका साहू, वरिष्ठ नेता जगदीश देशमुख, जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रेमलता साहू, जनपद सदस्य पूनम साहू, अशवन बारले, भोला राम साहू, माहेश्वरी ठाकुर सहित अन्य गांव के सरपंच एवं ग्रामीण मौजूद थे.balod latest news