Republic Day 2023 : तस्वीरों में देखिए छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने संविधान निर्माण में निभाई अहम भूमिका
Updated on: Jan 25, 2023, 8:47 PM IST

रायपुर : आजादी की लड़ाई में पूरे देश के कई वीरों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. भारत के वीर सपूतों ने अंग्रेजों की यातनाएं सहने के बाद भी हार नहीं मानी.जिसका परिणाम ये हुआ कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ.लेकिन इस आजादी की लड़ाई में छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों का भी योगदान किसी से कम नहीं था. उस समय के अविभाजित मध्यप्रदेश में ऐसे कई वीर हुए जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के आगे घुटने नहीं टेके.आजादी की मांग के लिए कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलनों का हिस्सा बने रहे. अगर भारत के संविधान की बात करें तो 26 जनवरी साल 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ. संविधान निर्माण में देशभर से कई विभूतियों ने योगदान दिया. इनमें छत्तीसगढ़ की माटी जो तब मध्यप्रदेश हुआ करती थी. वहां के भी माटीपुत्रों ने भी योगदान दिया. छत्तीसगढ़ से संविधान निर्माण परिषद में पंडित रविशंकर शुक्ल, डॉक्टर छेदीलाल बैरिस्टर, घनश्याम सिंह शुक्ल जैसे महान लोगों ने अपनी सहभागिता दी. छत्तीसगढ़ की रियासती जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए पं. किशोरी मोहन त्रिपाठी, कांकेर के रामप्रसाद पोटाई निर्वाचित किए गए थे. इन सभी विभूतियों ने संविधान निर्माण और देश के निर्माण में अहम योगदान दिया. आज हम आपको तस्वीरों के जरिए ऐसे ही कुछ स्वतंत्रता सेनानियों से रूबरु कराने जा रहे हैं.
