छत्तीसगढ़ में भविष्य को लेकर चिंता में एमबीबीएस पास अभ्यर्थी, निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन हो सकती है महंगी

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Published : Jan 14, 2022, 7:53 PM IST

Updated : Jan 14, 2022, 9:38 PM IST

stir among MBBS pass candidates regarding admission

एमबीबीएस की परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है. एक तरफ सरकारी मेडिकल कॉलेज में काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो दूसरी ओर अभ्यर्थियों को इस बात की चिंता सताए जा रही है कि अगर उनका सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन किसी भी कारण से रुका तो उन्हें निजी कॉलेजों में दाखिला के लिए भारी-भरकम फीस जमा करना पड़ सकता है.

रायपुरः बारह जनवरी से देश भर में मेडिकल पीजी काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अभ्यर्थी अपने पसंद के कॉलेजों में भर्ती के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ के एमबीबीएस कर चुके डॉक्टरों को चिंता है कि अगर उनका एडमिशन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में नहीं हो पाया तो वे प्रदेश के निजी कॉलेज में भी आर्थिक परेशानियों के चलते एडमिशन नहीं ले पाएंगे.

एडमिशन को लेकर एमबीबीएस पास अभ्यर्थियों में हड़कंप

छत्तीसगढ़ के दो निजी मेडिकल कॉलेज ने फीस रेगुलेशन कमेटी को प्रस्ताव दिया है. इसमें कहा गया है कि इन कॉलेजों ने अपनी सालाना ट्यूशन फीस 35 लाख से 37 लाख रुपए तक किया जाय. पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में इस पढ़ाई के लिए प्रति वर्ष अधिकतम 10 लाख से 15 लाख रुपए तक की फीस निर्धारित है. ऐसे डॉक्टरों का कहना है कि निजी कॉलेजेज में दाखिला के लिए फीस का निर्धारण नहीं किया गया है. छात्रों ने प्रदेश के डीएमई सहित मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी पत्र के माध्यम से इस समस्या से अवगत कराया है.

पहले निर्धारित किया जाता है शुल्क
देशभर के प्रत्येक राज्य में सबसे पहले प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस निर्धारित की जाती है. उसके पश्चात रजिस्ट्रेशन और च्वाइस फीलिंग कराई जाती है लेकिन छत्तीसगढ़ में ARFC कमेटी द्वारा फीस निर्धारित किए बिना ही अभ्यर्थीयों से कॉलेज और ब्रांच की च्वाइस फीलिंग करा ली गई. अब अभ्यर्थी संशय में हैं कि अगर AFRC कमेटी प्राइवेट कॉलेजों के मेडिकल पीजी कोर्स की फीस निर्धारित नहीं की गई तो क्या उन्हें प्रस्तावित फीस देनी पड़ेगी?

छत्तीसगढ़ की 2 प्राइवेट कॉलेज श्री शंकराचार्य दुर्ग और रिम्स रायपुर में इसी साल पीजी क्लिनिकल कोर्स शुरू हुए हैं. दोनों प्राइवेट कॉलेज में 3 साल के कोर्स की ट्यूशन फीस के लिए 80 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक का प्रस्ताव भेजा गया है. अन्य राज्यों में 3 साल की फीस 25 लाख रुपए से 45 लाख के बीच में निर्धारित है.

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अन्य राज्यों के प्राइवेट कॉलेजेज के 3 साल के फीस

  • तेलंगाना 25 से 36 लाख
  • आंध्र प्रदेश 30 से 40 लाख
  • तमिलनाडु 35 से 40 लाख
  • महाराष्ट्र 28 से 30 लाख
  • मध्य प्रदेश 30 से 45 लाख
  • पंजाब 20 से 25 लाख
  • कर्नाटका 34 से 35 लाख

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छत्तीसगढ़ में शासकीय मेडिकल कालेज के पीजी कॉलेज में सीट

  • रायगढ़ -06सीट
  • राजनांदगांव-07
  • जगदलपुर-10 सीट
  • बिलासपुर-36 सीट
  • रायपुर-142 सीट

डीम्ड यूनिवर्सिटी को बनाया फीस का आधार
छत्तीसगढ़ में दो निजी कॉलेजों ने अपनी फीस का आधार जिस जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज सावंगी वर्धा को बनाया है, वह 125 एकड़ में फैला एक डीम्ड यूनिवर्सिटी है. इस कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा 2005 में मिला था और यह यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई माध्यम में सर्टिफाइड है. डीम्ड विश्वविद्यालय एक ऑटोनॉमस बॉडी होती है. वे अपनी फीस संरचना खुद तय करती है और संस्थान को अपनी डिग्री देने की अनुमति होती है.

जबकि निजी विश्वविद्यालय या कॉलेजों को यूजीसी के नियमों के मापदंड का पालन करना पड़ता है. छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा संचालक चिकित्सा शिक्षा से आग्रह किया है. जल्द से जल्द प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के पीजी सीट की फीस स्ट्रक्चर तय किय जाय. डीएमई ने शासन की अनुमति मिलते ही इसे जल्द लागू करने का आश्वासन दिया है. मुझे लगता है कि अगले एक-दो दिनों में यह फीस स्ट्रक्चर तय हो जाएगा. डॉ. गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से प्राइवेट कालेजों ने फीस स्ट्रक्चर भेजा है, वह बहुत ज्यादा है. जो भी फीस का निर्धारण किया जाए, उसे अन्य प्रदेशों के समकक्ष रखना चाहिए.

Last Updated :Jan 14, 2022, 9:38 PM IST
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