दुर्गा उत्सव की तैयारी में जुटा कुम्हार परिवार, पुश्तैनी कला बचाने की जद्दोजहद

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Published : Sep 17, 2022, 10:46 PM IST

Updated : Sep 22, 2022, 4:40 PM IST

idol of Maa Durga

making idol of Maa Durga in raipur: दुर्गा पूजा की तैयारी को लेकर कुम्हार परिवार जुटा हुआ हैं. पूरा परिवार मिलकर दुर्गा मां की प्रतिमा बना रहा है. कुम्हार परिवार का कहना है कि मूर्ति बनाने के लिए सामान काफी महंगा हो गया है लेकिन पुश्तैनी धंधा को बचाने के लिए इस काम को कर रहे हैं. Durga idol making became very expensive

रायपुर: राजधानी सहित पूरे देश में 26 सितंबर से नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने जा रहा है. इस दौरान दुर्गा उत्सव का कार्यक्रम 9 दिनों तक चलेगा. दुर्गा उत्सव को लेकर रायपुरा के कुम्हार परिवार दुर्गा प्रतिमा के निर्माण कार्य में जुट गए हैं. दुर्गा प्रतिमा बनाने का काम कुम्हार परिवारों की तरफ से बीते कुछ महीनों से किया जा रहा है. दुर्गा प्रतिमा बनाने के काम में कुम्हार परिवार के सभी सदस्य जुट गए हैं. कुम्हार परिवार की माने तो इस कला को विलुप्त होने से बचाने के लिए प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है. महंगाई का असर भी दुर्गा प्रतिमाओं पर लगभग 20 से 25 प्रतिशत देखने को मिल रहा है. कोरोना को लेकर किसी तरह की गाइडलाइन नहीं होने के कारण कुम्हार 4 फीट से लेकर लगभग 14 फीट तक की दुर्गा प्रतिमा को मूर्त और अंतिम रूप देने में लगे हैं.
Durga idol making became very expensive

दुर्गा उत्सव की तैयारी में जुटा कुम्हार परिवार

पुश्तैनी धंधा विलुप्त ना हो जाए इसलिए मूर्तियों को गढ़ रहे हैं मूर्तिकार: दुर्गा प्रतिमा बनाने वाले मोहन चक्रधारी बताते हैं कि "बचपन से ही दुर्गा प्रतिमा के साथ ही अन्य दूसरी प्रतिमाओं का निर्माण वे करते हैं. आठवीं पढ़ने के बाद पढ़ाई छोड़कर अब सभी तरह की मूर्तियों को मूर्त रूप देने में लगे हुए हैं. इस काम में परिवार के अन्य सदस्य भी साथ देते हैं. बीते 2 सालों तक कोरोना की वजह से आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो चुकी थी. सरकार की तरफ से भी किसी तरह की कोई आर्थिक सहायता राशि कुम्हारों को नहीं मिलती है. इस साल कच्चे माल के दाम भी बढ़ गए है. जिसके कारण दुर्गा प्रतिमा की कीमत भी बढ़ जाएगी. मूर्ति बनाने के इस काम को परिवार के सभी सदस्य मिलजुल कर करते हैं. कुम्हारों का पुश्तैनी धंधा होने के कारण यह कला विलुप्त ना हो जाए इस वजह से मूर्तियों को मूर्त और अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. "making idol of Maa Durga in raipur

Potter family engaged in making idol of Maa Durga in raipur
दुर्गा उत्सव की तैयारी में कुम्हार

मेहनत और लागत के हिसाब से नहीं मिल पाती मूर्ति की कीमत: दुर्गा प्रतिमा निर्माण कार्य में लगे योगराज चक्रधारी बताते हैं कि "दादा परदादा के समय से मूर्ति बनाने का काम करते आ रहे हैं. प्रतिमा बनाने की इस काम में काफी मेहनत करनी होती है. मेहनत और लागत के हिसाब से उन्हें मजदूरी भी ठीक से नहीं मिल पाती. दुर्गा प्रतिमा के निर्माण में कच्चा सामान जैसे सुतली, रस्सी, पैरा, कील, लकड़ी का बत्ता के दाम भी बढ़ गए हैं. मूर्ति बनाने के इस काम में पूरे परिवार के साथ ही 4 से 5 मजदूर को भी लगाया जाता है. जिन्हें अलग से मजदूरी दी जाती है."

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परिवार के सभी सदस्य मिलकर देते हैं मूर्तियों को रूप: मूर्तिकार यशवंत चक्रधारी बताते हैं कि "वे पिछले 30 साल से मूर्ति बनाने का काम करते आ रहे हैं और इस काम को वह अकेले नहीं करते बल्कि पूरा परिवार इस काम में सहयोग करता है और दिन रात मेहनत करके इन प्रतिमाओं को मूर्त और अंतिम रूप दिया जाता है.मिट्टी से बने सामान और मिट्टी से बनी मूर्तियां बनाकर परिवार की रोजी रोटी और परिवार का पालन पोषण हो रहा है. मूर्तियों को मूर्त और अंतिम रूप मूर्तिकारों के द्वारा दिया जाता है.लेकिन उसके पहले कई तरह के काम मजदूरों से करवाए जाते हैं जिसके लिए उन्हें अलग से रोजी देनी होती है. "

  • 5 से 7 फीट की एक दुर्गा प्रतिमा बनाने में लागत, लगभग 13,500 रुपये
  • लकड़ी का बत्ता लगभग 2500 रुपये
  • श्रृंगार का सामान लगभग 2000 रुपये
  • कलर 2000 रुपये
  • मजदूरी 7000 रुपये

प्रतिमा निर्माण में कच्चा सामान का दाम पहले और अब: लकड़ी का बत्ता पहले 11 रुपये किलोग्राम था. जो आज बढ़कर 15 रुपए किलोग्राम हो गया है. पहले 1 किलोग्राम सुतली रस्सी 80 रुपए थी जो आज बढ़कर 150 रुपये किलोग्राम हो गया है. कील पहले 1 किलोग्राम 50 रुपये था जो आज बढ़कर 80 रुपये किलोग्राम हो गया. पहले एक ट्रैक्टर पैरा की कीमत 1000 रुपए था जो आज बढ़कर 2500 रुपये हो गया. पहले एक बोरी की कीमत 5 रुपए थी जो आज बढ़कर 20 रुपए पर पहुंच गई है. पहले एक बोरी पुट्टी की कीमत 120 रुपए थी जो आज बढ़कर 200 रुपए पर पहुंच गई है. इसी तरह सिक्स एमएम की 1 प्लाई बोर्ड की कीमत 500 रुपए थी जो आज बढ़कर 1000 रुपए पर पहुंच गई है.


Last Updated :Sep 22, 2022, 4:40 PM IST
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