सरगुजा: छत्तीसगढ़ के पहले हमर क्लिनिक की शुरुआत अंबिकापुर से हुई है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसका आगाज किया. सिंहदेव ने हमर क्लीनिक से जुड़ी जानकारियां दी. उन्होंने इस दौरान यह भी संकेत दिए कि शाम की ओपीडी पर अब भी विचार चल रहा है. डॉक्टर एक बार की ड्यूटी चाह रहे हैं. लेकिन शाम की ओपीडी भी शहरी क्षेत्र में जरूरी है. Chhattisgarh first Hummer clinic in Ambikapur
बेवजह बड़े अस्पताल जाने की जरूरत नहीं: वर्षों से देखा गया कि जिला अस्पताल में लोड काफी अधिक रहता है. भीड़ इतनी अधिक होती है कि संभालना मुश्किल हो जाता है. बीमारियों के सीजन में बेड कम पड़ जाते हैं. जबकि इस भीड़ में बहुत से ऐसे मरीज होते हैं, जिन्हें जिला अस्पताल आने की जरूरत ही नहीं होती. वो छोटे से स्वास्थ्य केंद्र में अपना इलाज करा सकते हैं. लेकिन उपलब्धता नहीं होने की वजह से जिला अस्पताल आना उनकी मजबूरी होती थी.
शाम को चालू रहेगी ओपीडी: अब हमर क्लीनिक के माध्यम से मरीज अपने घर के आस पास ही इलाज और जांच करा सकेंगे. हमर क्लीनिक में ही जांच का सेम्पल लिया जायेगा और सेम्पल की जांच के बाद रिपोर्ट ऑनलाइन उसी हमर क्लिनिक से दे दी जायेगी. इसके साथ ही हमर क्लीनिक में एक एमबीबीएस डाक्टर, नर्स, सहित अन्य स्टाफ रहेंगे. शुरुआत में बताया गया कि हमर क्लिनिक में सुबह के अतिरिक्त शाम को भी ओपीडी चालू रहेगी. शाम 5 से रात 8 बजे तक हमर क्लिनिक में लोग ओपीडी का लाभ ले सकेंगे. लेकिन डॉक्टर इसके लिये तैयार नही हैं लिहाजा मंत्री ने विचार करके रास्ता निकालने के संकेत दिये हैं.
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प्राइवेट क्लीनिक से आजादी: स्वास्थ्य मंत्री ने भी माना कि शहरी जीवन ग्रामीण जीवन से अलग होता है शहर में लोग दिन भर व्यस्त रहते हैं. अपने काम से फ्री होने के बाद शाम को ही ज्यादातर लोग डॉक्टर के पास जाना पसंद करते हैं. ऐसे में प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिक में शाम को भारी भीड़ भी देखी जाती है. प्राइवेट में जाकर लोग पैसे खर्च करते हैं. हमर क्लीनिक की सुविधा से अब शहरी लोग शाम को भी शासकीय सुविधा देने का प्रयास है, डॉक्टर कह रहे हैं की उनसे एक बार ही 6 घंटे काम लिया जाये, ऐसे में क्या किया जा सकता है इस पर चर्चा होगी.
75 लाख का बजट: एक एक क्लीनिक के लिए लगभग 75 लाख रुपये का बजट केंद्र सरकार से मिल रहा है. इसलिए इसे बेहद आकर्षक और सुविधाजनक बनाया जा रहा है. यहां जुम्बा क्लासेस, योगा, जैसी सुविधाओं के लिये भी विकल्प रखे गए हैं. अस्पताल में साफ सफाई गार्डेनिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि शहरी लोग यहां आकर बेहतर अनुभव करें. सुव्यवस्थित वेटिंग एरिया भी बनाया जा रहा है. 5 साल तक केंद्र सरकार इसका खर्च देगी लेकिन 5 साल बाद राज्य सरकार को ही सारे खर्चे वहन करने पड़ेंगे.