कवर्धा में गजराज का आतंक, तोड़े घर रौंदी फसल

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Published : Sep 16, 2022, 12:22 PM IST

Updated : Sep 16, 2022, 5:04 PM IST

कवर्धा में गजराज का आतंक, तोड़े घर रौंदी फसल

elephants riot in kawardha forest area कवर्धा में हाथियों का आतंक नहीं थम रहा (kawardha forest area ) है. हाथियों ने यहां आधा दर्जन मकानों को तोड़ दिया. बोड़ला ब्लॉक के 5 से अधिक मकानों में हाथियों ने हमला करके राशन खा लिया. यहां के ग्रामीण अब दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं.

कवर्धा : जिले में नक्सलियों के बाद अब जंगली हाथियों का आतंक बड़ी मुसीबत बनकर सामने आ रहा (kawardha forest area ) है. पिछले एक साल में हाथियों का दल अपने परिवार के साथ जिले में 10 से अधिक बार दाखिल हुआ है. हर साल छोटे नुकसान के बाद हाथियों का दल मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park) या अचानकमार टाइगर रिजर्व (Achanakmar Tiger Reserve) में वापस चला जाता था. लेकिन इस बार पांच से अधिक मकानों को तोड़ कर हाथियों ने लाखों का नुकसान किया (elephants riot in kawardha forest area) है.

कहां हाथियों ने मचाया उत्पात : हाथियों का दल मंगलवार गुरुवार रात को मध्यप्रदेश से आकर जिले के बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत पंडरीपानी गांव से दाखिल हुआ. जहां दो मकानों मे तोड़फोड़ कर मकान में रखे अनाज को खा (elephants riot in bodla block of kawardha ) गया. इसके बाद हाथियों का दल दलदली गांव की ओर आगे बढ़ गया. जहां दलदली गांव में एक मकान में धावा बोला. किसी तरह परिवार ने घर से भागकर पास के सामुदायिक भवन में शरण ली. सुबह जब परिवार वापस लौटा तो उनका मकान हाथियों ने पूरी तरह से तोड़ डाला था. साथ ही घर पर जितना भी राशन था उसे हाथियों ने खा लिया. इसके बाद गांव की फसल को रौंदते हुए हाथी दल धनवाही गांव के रास्ते वापस एमपी के फेन अभ्यारण्य में चला गया.

वन विभाग के दावे खोखले : वन विभाग के हाथियों पर नजर रखने के दावे झूठे साबित हो रहे हैं. क्योंकी हाथियों का दल पिछले दिन तीन दिनों से जिले के पंडरीपानी, बम्हनतरा और दलदली समेत कई गांव में दाखिल होकर उत्पात मचा चुका है. लेकिन इनमें से एक भी गांव में मुनादी नही कराई गई. ना ही अब तक वनविभाग का अमला गांवों में आया है.

ग्रामीणों ने दी वन विभाग को जानकारी : हाथियों के उत्पात की जानकारी गांव वालों ने वनविभाग तक पहुंचाई.जिसके बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंची और नुकसान का आंकलन किया. जिसके बाद विभाग के अफसर अब मुआवजा देने की बात कह रहे हैं.

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सोया हुआ है वन विभाग : लेकिन बड़ी बात ये है कि 3 दिनों से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी वनविभाग ने किसी भी गांव में जाकर हाथियों की जानकारी नहीं दी. वहीं अब जब गांववालों ने हाथियों के बारे में बताया तो नुकसान की भरपाई करने की बात कही जा रही है. लेकिन यदि वनविभाग का यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में किसी भी ग्रामीण की जान हाथी ले सकते हैं. उसका जिम्मेदार कौन होगा ये कोई नहीं जानता.

Last Updated :Sep 16, 2022, 5:04 PM IST
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