White peacock in kanan pendari zoo : सफेद मोर देखने उमड़ रहे पर्यटक

author img

By

Published : Oct 3, 2022, 2:58 PM IST

Updated : Oct 3, 2022, 6:59 PM IST

White peacock in kanan pendari zoo

White peacock in kanan pendari zoo कानन पेंडारी ज़ू में सफेद मोर का बच्चा अपनी खूबसूरती की छटा बिखेर रहा है. बच्चे को छोटे केज में रखा गया है. सफेद मोर बहुत ही रेयर होते हैं . इनकी संख्या भारत मे बहुत कम हैं.इसी वजह से कानन पेंडारी में सफेद मोर देखने के लिए पर्यटक उमड़ रहे हैं.

बिलासपुर : कानन पेंडारी जू में प्रजाति के रंग से अलग होने की वजह से सफेद मोर (White peacock in kanan pendari ) को देखने वालों का मन प्रसन्न हो रहा है. कानन ज़ू में इस बच्चें को मिलाकर अब तीन सफ़ेद मोर हो गए हैं. प्रबंधन जरूरत के हिसाब से इनका कुनबा बढ़ाने की सोच रहा है. छत्तीसगढ़ में पहली बार हेचरी के माध्यम से अंडे से निकले सफेद मोर के बच्चे को बड़ा किया गया है. बच्चे को पर्यटकों के देखने के लिए डिस्प्ले किया जा रहा है. सफेद मोर के बच्चे की खूबसूरती ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया है.

सफेद मोर देखने उमड़ रहे पर्यटक

कानन पेंडारी ज़ू (Kanan Pendari Zoo of bilaspur ) में डॉक्टर ने पहली बार प्रयोग किया और उन्हें सफलता भी मिली. सफेद मोर के अंडे को छोटे हेचरी में रखा और इसमें उनका प्रयोग सफल भी रहा. तीन माह पहले प्रबंधन ने सफेद मोर और सामान्य रंग वाले मोर के अंडे को हैचरी में रखा था. 23 दिन बाद इसमें से स्वस्थ्य चूजे निकले थे. अब ये चूजे तीन माह के हो गए (peacock birth through hatchery in Kanan Zoo) हैं.

डार्क रूम में चूजे किए गए शिफ्ट : हैचरी के माध्यम से निकले मोर के बच्चों को डार्क रूम में रखा गया था. इनकी देखरेख करने वाले अटेंडर और उसकी स्वास्थ्य की देखरेख करने वाले डॉ अजित पांडेय ही चूजों के करीब जाते थे. इन्हें संक्रमण के खतरों से बचाने के लिए ऐसा किया गया था. लेकिन अब ये बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं. संक्रमण का खतरा भी इनकी उम्र की वजह से टल गया है. इसलिए इन्हें पर्यटकों के लिए डिस्प्ले किया गया है.

कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में सफेद मोर का एक जोड़ा डिस्प्ले में रखा गया है. यहीं उनके लिए ब्रीडिंग की सुविधा भी तैयार की गई है. ब्रीडिंग के बाद होने वाले अंडे पर पहले मोर बैठकर बच्चे निकालने की कोशिश करते रहे हैं. लेकिन इससे हर बार असफलता ही हाथ लगी. इस विषय में बताते हुए कानन ज़ू के डारेक्टर विष्णुराज नायर ने बताया कि '' रांची जू में मिनी हैचरी के माध्यम से मोर के अंडों से बच्चे निकाले गए थे और उनका प्रयोग सफल रहा. रांची जू के डॉक्टरों से सलाह लेकर कानन में भी मोर के 5 अंडों को हेचरी में रखा गया था और दो अंडे से बच्चे निकाले गए हैं.

ये भी पढ़ें -कानन पेंडारी जू में नहीं है लंपी वायरस का खतरा

छत्तीसगढ़ में पहला प्रयोग : कानन जू प्रबंधन ने बताया कि '' मिनी हैचरी के माध्यम से अब तक मोर के बच्चे का प्रजनन छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ है. आगे भी जरूरत के हिसाब से किया जाएगा ताकि इनकी संख्या भी बनी रहे और इन्हें रखने में कोई दिक्कत ना हो.अन्य चिड़ियाघरों की डिमांड पर इनका प्रजनन किया जाएगा.

Last Updated :Oct 3, 2022, 6:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.