गौरेला पेंड्रा मरवाही : कुछ समय पहले फिल्म पुष्पा आई थी जिसमें हीरो बड़ी होशियारी से लकड़ियों की तस्करी करता है. सरकारी अमले को धता बताता है.कुछ इस तरह का वाक्या छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व में देखने को मिला. जहां ठीक इसके उलट टाइगर रिजर्व के निचले अधिकारी कर्मचारी जिन्हें टाइगर रिजर्व के सुरक्षा का जिम्मा मिला (Wood smuggling in Marwahi ) है. वह खुद ग्रामीणों को आगे करके राष्ट्रीय कृत वनों की अवैध कटाई और तस्करी में लिप्त हैं.
कहां का है मामला : मामला अचानकमार टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है. जहां से सटा मरवाही वन मंडल का केंवची वनवृत्त (ATR marwahi forest area ) आता है. इससे ठीक लगा अचानकमार टाइगर रिजर्व का रंजकी बफर जोन का इलाका है. जहां जाने के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व में दो मजबूत बैरियर लगाए हैं . जिसमें प्रवेश करने और निकलने के लिए बाकायदा आने जाने वालों की एंट्री होती है. बफर जोन का यह इलाका इतना बीहड़ और दुर्गम है कि इस जंगल में मोटरसाइकिल के अलावा अन्य वाहन से जाना मुश्किल है. फिर भी मामला कुछ ऐसा था जिसे स्वयं देखकर जानने की और फिर दुनिया को दिखाने की जरुरत थी.
ईटीवी भारत की टीम ने की पड़ताल : ETV भारत की टीम अचानक मार्ग टाइगर रिजर्व की रंजकी बफर जोन इलाके की ओर निकल पड़ी. जहां दरियाबूट और बीड़ी पानी नामक जंगल हैं. दो जांच चौकी और 7 पहाड़ी नालों को पार कर कुछ पैदल कुछ मोटरसाइकिल से हम उस स्थान पर पहुंचे. जहां 24 तारीख की रात मरवाही वन मंडल ने दबिश देकर 4 ग्रामीणों को बाकायदा टेंट लगाकर मचान बनाकर राष्ट्रीय कृत वृक्षों की अवैध कटाई और चिराई करते पकड़ा था. ग्रामीणों के माध्यम से घटना दिनांक का वीडियो हमारे हाथ लगा तो हम इसकी सच्चाई जानने 2 दिन बाद घटनास्थल तक पहुंचे थे.
कैसे हो रही थी पेड़ों की कटाई : मामला कुछ इस तरह था कि अचानकमार टाइगर रिजर्व रंजकी वन क्षेत्र का है.जहां डिप्टी रेंजर सुल्तान अली और बीट गार्ड गोविंद सिंह रौतेल कुछ ग्रामीणों को आगे रखकर जंगलों की अवैध कटाई और लकड़ी तस्करी कर रहे थे. जिसे गांव के ही मुखबिर की सूचना के बाद मरवाही वन मंडल की टीम ने दबिश देकर पकड़ा. हम पूरी सच्चाई जानने ग्राउंड जीरो पर पहुंचे तो हमारे रोंगटे खड़े हो गए. चारों तरफ घनघोर जंगल जहां दिन के दोपहरी में शाम का अंदाजा हो रहा था. पहुंच मार्ग इतना दुर्गम की सामान्य चाल से व्यक्ति नहीं चल सकता. ऐसे में बफर जोन का कर्मचारी ग्रामीणों को आगे कर बड़ी घटना को अंजाम दे रहा था. मौके पर जो नजारा दिखा वो वन सुरक्षा की पोल खोल रहा था. बेतरतीब तरीके से पेड़ काटे गए थे. पेड़ों के ठूंठ इस बात की गवाही दे रहे थे कि किस तरह से उनके सीने को आरियों से छलनी किया गया है. बकायदा टेंट लगाकर पिकनिक के जैसा माहौल बनाया गया था.घनघोर जंगल को मैदान बनाने के काम में ग्रामीण जोरों शोरों से लगे थे.
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ATR प्रबंधन ने साधी चुप्पी : अब टाइगर रिजर्व प्रबंधन का कोई भी अधिकारी मामले पर कोई भी अधिकृत बयान नहीं दे रहा हैं . फोन पर हुई बातचीत के अनुसार 4 ग्रामीणों को आरोपी सिद्ध करते हुए जेल दाखिल कर दिया है जबकि बोसी डिप्टी रेंजर एवं बीट गार्ड से मामले में जवाब मांगा गया (Deputy Ranger and beat guard accused of smuggling) है.