बिलासपुर : जिले में नवरात्रि की विशेष धूम रहती है. पश्चिम बंगाल की तर्ज पर यहा प्रतिमाओं की साजसज्जा के साथ दुर्गा पूजा का पर्व मनाया जाता है. महंगी से महंगी और आकर्षक प्रतिमाओं को लाखों रुपए खर्च कर तैयार किए पंडाल और आकर्षक लाइट के बीच विराजीत किया जाता है. बिलासपुर में दुर्गा प्रतिमा के लिए पश्चिम बंगाल सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से मूर्तिकार यहां आकर प्रतिमाएं तैयार करते हैं, और उन्हें काफी ऊंची कीमत पर भी बेचते हैं. इस समय मूर्तिकार मां दुर्गा की प्रतिमाएं पूरी तरह से तैयार कर लिए हैं और उन्हें उन पंडालों तक पहुंचाने दुर्गा समिति के सदस्य भी अब पहुंचने लगे हैं. दुर्गा प्रतिमाओं में फाइनल टच देने के बाद सभी प्रतिमाएं पंडालों के लिए रवाना कर दी जाएंगी. शहर में पंडालों के माध्यम से 3 दिन मां दुर्गा विराजमान रहती हैं.Navratri 2022
ये भी पढ़ें -पांच पत्थर चढ़ाने से देवी होती हैं प्रसन्न, दशकों से जारी है परंपरा
बंगाली समाज की होती है विशेष दुर्गा पूजा : पश्चिम बंगाल में दुर्गा और काली पूजा की धूम जिस तरह रहती (Amba Mata puja vidhi on Durga pandal) है. उसी तरह बिलासपुर में भी दुर्गा और काली पूजा की धूम रहती है. यहा पश्चिम बंगाल से आकर रह रहे बंगाली समाज के लोग विशेष तरह की दुर्गा पूजा आयोजन करते हैं . बिलासपुर दुर्गा पूजा में पश्चिम बंगाल की झलक दिखाते हैं. बंगाली समाज के लोग शहर में कई अलग अलग जगह में दुर्गा पूजा का आयोजन कर प्रतिमा स्थापित करते हैं. वे बंगाल से मूर्तिकार तो बुलाते ही है साथ ही दुर्गा की विशेष पूजा के लिए बंगाल से ही पंडित बुलाते हैं जो बंगाली परंपरा के अनुसार पूजा करते हैं.