अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में किया इजाफा, इस वजह से उठाया कदम

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Published : Sep 22, 2022, 8:56 AM IST

अमेरिकी फेडरल रिजर्व

अमेरिका में अर्तव्यवस्था (US economy) को प्रभावित करने वाली मुद्रास्फीति (inflation) एक बड़ी समस्या बन कर सामने आई, जिससे निपटने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने तीसरी बार ब्याज दरों को आक्रामक तौर पर 0.75 प्रतिशत तक (interest rates increased) बढ़ा दिया है.

न्यूयॉर्क: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने बेतहाशा महंगाई पर नियंत्रण के लिए ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की है. लगातार तीसरी बार वृद्धि के बाद बैंक का बेंचमार्क फंड दर बढ़कर 3% से 3.25% तक हो गया है. 2023 तक ब्याज दरों के 4.6 फीसदी तक जाने का अनुमान है. इसका असर भारत सहित पूरी दुनिया पर पड़ने की आशंका है. इस फैसले से अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोंस में 220 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई, यह 30,500 अंक के नीचे आ गया.

यूएस फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि आज की बैठक में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने अपनी नीतिगत ब्याज दर में 3/4 प्रतिशत अंक की वृद्धि की है, जिससे लक्ष्य सीमा 3-3.25 प्रतिशत हो गई. उन्होंने कहा कि हम अपने नीतिगत रुख को आगे बढ़ा रहे हैं, जो मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत पर वापस लाने के लिए पर्याप्त प्रतिबंधात्मक होगा. न्यूज एजेंसी सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार यह नई बढ़ोतरी लाखों अमेरिकी व्यवसायों और मकान मालिकों के लिए घरों, कारों और क्रेडिट कार्ड जैसी चीजों के लिए उधार लेने की लागत को बढ़ाकर आर्थिक पीड़ा का कारण बन सकती है.

अमेरिका में उपभोक्ता मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली रूप से घटकर 8.3 प्रतिशत रह गई, जो जुलाई में 8.5 प्रतिशत थी, लेकिन यह लक्ष्य 2 प्रतिशत से कहीं अधिक है. कई वरिष्ठ शीर्ष बैंकरों ने हाल ही में कहा था कि ब्याज दरों में एक और बढ़ोतरी आसन्न है. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में यूएस इकोनॉमिक्स के अनुसार, ब्याज दरें बढ़ाना एक मौद्रिक नीति साधन है जो आम तौर पर अर्थव्यवस्था में मांग को दबाने में मदद करता है, जिससे मुद्रास्फीति दर में गिरावट आती है.

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फेडरल रिजर्व द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध जबरदस्त मानवीय और आर्थिक कठिनाई पैदा कर रहा है. युद्ध और संबंधित घटनाएं मुद्रास्फीति पर अतिरिक्त दबाव बना रही हैं और वैश्विक आर्थिक गतिविधियों पर असर डाल रही हैं. समिति मुद्रास्फीति जोखिमों के प्रति अत्यधिक चौकस है. इसमें कहा गया है कि समिति लंबे समय में अधिकतम रोजगार और मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत पर हासिल करना चाहती है.

इन लक्ष्यों के समर्थन में, समिति ने संघीय निधि दर के लिए लक्ष्य सीमा को 3 से 3-1/4 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया और अनुमान लगाया कि लक्ष्य सीमा में चल रही वृद्धि उचित होगी. इसके अलावा, समिति ट्रेजरी प्रतिभूतियों और एजेंसी ऋण व एजेंसी बंधक-समर्थित प्रतिभूतियों की अपनी होल्डिंग्स को कम करना जारी रखेगी, जैसा कि मई में जारी किए गए फेडरल रिजर्व की बैलेंस शीट के आकार को कम करने की योजना में वर्णित है. समिति मुद्रास्फीति को उसके 2 प्रतिशत लक्ष्य पर वापस लाने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है.

बयान के अनुसार, समिति आर्थिक दृष्टिकोण के लिए आने वाली सूचनाओं के प्रभावों की निगरानी करना जारी रखेगी. समिति मौद्रिक नीति के रुख को उपयुक्त के रूप में समायोजित करने के लिए तैयार होगी यदि जोखिम उभरता है, जो समिति के लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न कर सकता है. समिति के आकलन में सार्वजनिक स्वास्थ्य, श्रम बाजार की स्थितियों, मुद्रास्फीति के दबावों और मुद्रास्फीति की उम्मीदों, और वित्तीय व अंतर्राष्ट्रीय विकास पर रीडिंग सहित सूचनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को ध्यान में रखा जाएगा.

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