वित्त वर्ष 2021-22में जारी टेंडरों में सड़क व रेलवे का दबदबा

author img

By

Published : Jun 24, 2022, 11:38 AM IST

Updated : Jun 24, 2022, 11:54 AM IST

सड़क व रेलवे का दबदबा

सरकार के पूंजीगत व्यय में सड़क, रेलवे और सिंचाई सेक्टरों सबसे बड़े लाभार्थी हैं क्योंकि पिछले साल केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी टेंडरों में से लगभग आधी टेंडर सड़कें और रेलवे से जुड़ी हैं. इंडिया रेटिंग्स रिसर्च की रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है.

नई दिल्ली : सड़क, रेलवे और सिंचाई क्षेत्र में सरकार के अपने पूंजीगत व्यय का आधा से ज्यादा हिस्सा खर्च करती है. पिछले वित्त वर्ष में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी टेंडरों में से लगभग आधी टेंडर सड़कें और रेलवे से जुड़ी हैं. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की प्रोजेक्ट ट्रैकर रिपोर्ट के अनुसार, जो इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण कंपनियों को दिए गए निष्पादन कार्य के क्षेत्र और राज्यवार डेटा को संकलित करती है, केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने 8900 बिलियन रुपये के टेंडर दिए, जो वित्त वर्ष 2020-21 में जारी निविदाओं की तुलना में 11 प्रतिशत ज्यादा है.

प्रोजेक्ट ट्रैकर रिपोर्ट का वित्त वर्ष 2022 संस्करण 250 अरब रुपये से अधिक मूल्य की निविदाओं के आंकड़ों के संकलिन पर आधारित है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल घोषित निविदाओं में सड़कों का हिस्सा 34% था, इसके बाद सिंचाई परियोजनाओं (22%), भवनों जिसमें अस्पताल और होटल (20%), रेलवे (8%), बिजली परियोजनाएँ (6%) शामिल हैं, जबकि बंदरगाहों, हवाई अड्डों, खदानों और अन्य औद्योगिक परियोजनाओं में पिछले साल घोषित शेष 10% निविदाएं हैं.

रिपोर्ट के अनुसार सड़कें, सिंचाई परियोजनाएं और भवन (अस्पताल और होटल सहित) पूर्ववर्ती वर्ष में घोषित निविदाओं की संख्या के साथ-साथ क्रमशः 39%, 25% और 17% हिस्सेदारी के साथ शीर्ष तीन क्षेत्र थे. वित्तीय वर्ष 2012 में 38% साल-दर-साल बढ़ने के बाद, वित्त वर्ष 2012 में कुल निविदा प्रवाह 11% सालाना बढ़कर 8,901 अरब रुपये का हुआ. कुल निविदाओं में से सड़कों, सिंचाई और अन्य रियल एस्टेट खंडों (अस्पतालों और होटलों सहित) ने संयुक्त रूप से मंगाई गई कुल निविदाओं में लगभग 78% का योगदान दिया.

निविदाओं में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र अव्वल : अर्थशास्त्री द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने पिछले वित्त वर्ष में जारी सभी निविदाओं का पांचवां हिस्सा लिया. जबकि उत्तर प्रदेश ने 888 अरब रुपये की निविदाएं जारी कीं, महाराष्ट्र 872 अरब रुपये पर मामूली रूप से कम था, दोनों ही पिछले साल जारी निविदाओं के 10% के लिए जिम्मेदार थे. टेंडर मुख्य रूप से भारतमाला एक्सप्रेसवे परियोजनाओं और स्वच्छ भारत मिशन योजनाओं से हैं. वहीं राजस्थान और मध्य प्रदेश क्रमशः 7% और 6% की हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर हैं.

पिछले साल जारी टेंडरों में सड़कों, रेलवे का दबदबा: आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में जारी कुल ऑर्डर टेंडरों में से सड़कों और राजमार्गों ने 40% टेंडर ऑर्डर जारी किए जबकि रेलवे ने 17% और पानी से संबंधित परियोजनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिसमें शामिल हैं पिछले वर्ष प्रदान की गई निविदाओं में सिंचाई और परियोजनाओं का योगदान 12% था. वित्त वर्ष 2020-21 में निविदाओं में सड़क का हिस्सा 27% था जबकि रेलवे के लिए 21% और सिंचाई और जल परियोजनाओं के लिए 10% हिस्सेदारी थी. रिपोर्ट के मुताबिक इन खंडों के अलावा, रेलवे, बिजली और अन्य औद्योगिक (गैस और तेल, बुनियादी रसायन और दूरसंचार सहित) खंडों से भी काफी निविदा जारी किए गए थे. हालांकि मंगाई गई समग्र निविदाओं में उनका केवल 18% का योगदान था. यह आंकड़े केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा COVID-19 महामारी हिट सीजन में ऑर्डर इनफ्लो बढ़ाने के लिए दिखाए गए प्रोत्साहन को दर्शाता है.

यह भी पढ़ें-Explainer: थोक मुद्रास्फीति 14 महीने से दहाई अंकों में क्यों ?

Last Updated :Jun 24, 2022, 11:54 AM IST

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.