यूपी चुनाव 2022 : भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज, 170 से अधिक उम्मीदवारों के नाम फाइनल !

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Published : Jan 13, 2022, 12:04 AM IST

पीएम मोदी नड्डा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. सूत्रों के मुताबिक भाजपा 100 से अधिक नेताओं के टिकट फाइनल कर चुकी है. इसी बीच प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक बुलाई गई है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा 16 या 17 जनवरी को 177 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है. पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

नई दिल्ली : लगातार दो दिन से चल रही उत्तर प्रदेश को लेकर भारतीय जनता पार्टी में बैठक का आज दूसरा दिन था और पूरे दिन पार्टी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत तमाम वरिष्ठ नेता और केंद्रीय आलाकमान और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक चलती रही. बैठक में जहां पहले दिन चुनाव के माहौल पर चर्चा की गई थी वही बुधवार को यानी आज, गठबंधन को लेकर भी बातचीत की गई. साथ ही जो सबसे महत्वपूर्ण बात रही वह थी उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने पर हुई चर्चा. इसी बीच भाजपा के सूत्रों ने बताया है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक बुलाई गई है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक भाजपा यूपी के उम्मीदवारों की पहली सूची 16 या 17 जनवरी को जारी कर सकती है.

बीजेपी मुख्यालय में,दूसरे दिन भी पूरे दिन चली कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव लड़ने पर भी चर्चा की. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो बीजेपी योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ाने की तैयारी में है और बुधवार की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ की राय जानने की भी कोशिश की.

हालांकि पार्टी सूत्रों की मानें तो योगी का चुनाव लड़ना तो तय है लेकिन क्या वह अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे या फिर अपनी पुरानी सीट गोरखपुर ही जाना पसंद करेंगे, इस बात को लेकर भी पार्टी और मुख्यमंत्री के बीच चर्चा हुई. हालांकि, सीटों को लेकर फाइनल निर्णय भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में ही लिया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री भी मौजूद रहेंगे. सूत्रों की माने तो पार्टी के अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह ने क्षेत्रवार सीटों का ब्यौरा लिया और इन इलाकों की सर्वे रिपोर्ट पर भी चर्चा की.

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यही नहीं चुनाव आयोग की तरफ से तय की गई तारीखों में उत्तर प्रदेश में चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरू होकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक खत्म होना है. पार्टी ने इसी को ध्यान में रखते हुए नेताओं की रैलियां और बैठकों को भी समायोजित करने का निर्णय लिया है. सूत्रों की माने तो बैठक में स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान के जाने से होने वाले नफा-नुकसान पर भी चर्चा की गई साथ ही दलित और ओबीसी नेताओं को इन सीटों पर जहां से पार्टी के इन जाति के नेताओं ने पार्टी छोड़ी है, उन पर प्रचार-प्रसार में ज्यादा लगाए जाने पर भी चर्चा की गई.

2017 में पार्टी को 300 से ज्यादा सीटें मिली थीं और तब पार्टी के साथ कई छोटे दलों का गठबंधन हुआ था. जिनमें से एक ओपी राजभर की पार्टी भी थी जो अब भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं है. इसके अलावा स्वामी प्रसाद मौर्य भी पिछड़ी जाति के प्रभावी नेता माने जाते रहे हैं और उन्होंने भी अब पार्टी का दामन छोड़ दिया है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी इन नेताओं के विकल्प के तौर पर इन क्षेत्रों में किन नेताओं को आगे करेगी इस बात पर भी पार्टी में मंथन चल रहा है.

भाजपा के लिए जो बड़ी चुनौती होगी समाजवादी पार्टी. भाजपा के पिछले चुनाव की तर्ज पर समाजवादी पार्टी इस बार नए प्रयोग करने की कोशिश कर रही है, बीजेपी ने 2017 में छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन किया था. वहीं समाजवादी पार्टी गैर बीजेपी वोट बैंक को बिखराव से बचाने की कोशिश में जोर-शोर से जुट गई है. यही नहीं 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पुरानी सरकारों के खिलाफ मुद्दों को लेकर प्रचार-प्रसार आक्रामक ढंग से कर रही थी लेकिन इस बार मुद्दे अलग होंगे और पार्टी को अपनी सरकार की खूबियां गिनाना होगा. पार्टी के पास इस बार राम मंदिर निर्माण का मुद्दा है तो वहीं यूपी में रोडवेज और हाईवे और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जैसे विकास की कहानी भी है. इन सभी को लेकर कैसे सामंजस्य पार्टी को अपने प्रचार-प्रसार में बिठाना है इस बात पर भी बैठक में चर्चा की गई. साथ ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने घोषणा पत्र पर भी चर्चा की.

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सबसे अहम बात है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं पर अनर्गल बयानबाजी से बचने की भी अपने नेताओं को सलाह दी है. साथ ही पार्टी के सूत्रों की मानें तो दारा सिंह चौहान के पार्टी छोड़ने पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और राज्य के नेताओं के बीच काफी मंथन भी हुआ. सूत्रों के अनुसार बीजेपी इसे, नुकसान के तौर पर देख रही है. बहरहाल सूत्रों के मुताबिक यह बातें भी निकल कर सामने आ रही हैं कि ज्यादातर मंत्रियों के टिकट नहीं काटे जाएंगे लेकिन विधायकों में बड़ी संख्या में टिकट कटने की उम्मीद है. जिनकी पार्टी के इंटरनल सर्वे रिपोर्ट में नॉन पर फॉर्मल रिपोर्ट आई है, ऐसे विधायकों की संख्या 55 के करीब बताई जा रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कई और नेताओं के आने-जाने का सिलसिला लगा रहेगा.

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक बुलाई गई है और पार्टी 16 या 17 जनवरी को 177 लोगों की पहली सूची भी जारी कर सकती है.

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