वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत, दो महीने में दूसरी मौत

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Published : Dec 12, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Dec 12, 2021, 4:25 PM IST

वीटीआर में बाघिन की संदिग्ध मौत

वीटीआर में बाघिन की संदिग्ध मौत (Suspected Death of Tigress in VTR) से वन विभाग सकते में है. बाघों की गणना के दौरान कैमरा ट्रेप से की जा रही मॉनिटरिंग के साथ महज दो महीने में लगातार दो बाघों की मौत ने वन विभाग को सकते में डाल दिया है.

बेतिया: पश्चिम चंपारण के बगहा स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत (Tigress Dies in Valmiki Tiger Reserve) हो गई है. बढ़ते बाघों की संख्या के बीच यह दुखद खबर मंगुरहा वन क्षेत्र के मानपुर जंगल से आई है. जहां चकरसन गांव के पास बाघिन का शव बरामद किया गया है. बाघिन की मौत ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है.

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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के चकरसन मानपुर के खेत में बाघिन की लाश देखकर एक तरह से वहां हड़कंप मंच गया. सूचना मिलने के बाद खुद वीटीआर निदेशक सह मुख्य वन संरक्षक हेमकांत राय पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बाघिन के शव को सुरक्षित पाए जाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा है कि दो दिन पहले इसकी मौत होने की आशंका है. वहीं मृत बाघिन के शरीर पर कोई भी जख्म या चोट के निशान फिलहाल नहीं दिख रहा है.

वीटीआर में बाघिन की संदिग्ध मौत

वीटीआर निदेशक ने बताया कि बाघिन की उम्र करीब 10 साल के आसपास है. उसने दो बार बच्चों को जन्म भी दिया है. बाघिन के शरीर के सभी अंग सुरक्षित होने का दावा करते हुए उन्होंने इसकी सूचना एनटीसीए दिल्ली और रीजनल ऑफिस गोवाहाटी को भी दे दी है.

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वहीं, सूचना मिलते ही तत्काल रेंजर सुनील पाठक और मानपुर थानाध्यक्ष विकास तिवारी के अलावा वन विभाग के अधिकारियों का काफिला मौके पर पहुंचा. हालांकि घटना स्थल पर जहां बाघिन का शव पड़ा हुआ था, उसके एक किलोमीटर के दायरे में जवान और अधिकारी किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं दे रहे थे. जब जिला मुख्यालय बेतिया से सीएफ हेमकांत राय और डीएफओ अम्बरीष मल्ल दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे तो अधिकारी भी मृत बाघिन का शव देखकर दंग रह गए.

बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक हेमकांत राय ने प्रथम नजरिए में इसके स्वाभाविक और कुदरती मौत होने की जानकारी दी और रविवार को उसके पोस्टमार्टम में वेसरा रिपोर्ट रिजर्व कर देहरादून लैब भेजने की बात कही है. आपको बताएं कि देश भर में बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को खास गौरव प्राप्त है. जहां बाघों के रख-रखाव, अधिवास और हैबिटेट के कारण कुशल प्रशासक और बेहतर प्रबंधन में इनकी संख्या 50 पार किए जाने की संभावना है, लेकिन एक बार फिर 9 से 10 वर्ष आयु वाली बाघिन की मौत के बाद वन विभाग शोकाकुल है.

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Last Updated :Dec 12, 2021, 4:25 PM IST
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