वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के 9 KM दायरे में खनन पर रोक, खनन विभाग ने जारी किया आदेश

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Published : Mar 18, 2021, 5:33 PM IST

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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के इको सेंसिटिव जोन में खनन पर पूरी पाबंदी लगा दी गई है. अब वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के 9 किलोमीटर के दायरे तक किसी भी प्रकार का खनन नहीं होगा. जंगल से जीरो से 9 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी प्रकार के खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है.

बेतिया: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के इको सेंसिटिव जोन में खनन पर पूरी पाबंदी लगा दी गई है. अब वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के 9 किलोमीटर के दायरे तक किसी भी प्रकार का खनन नहीं होगा.

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खान एवं भूतत्व विभाग बिहार सरकार के निदेशक रामेश्वर पांडेय ने पश्चिम चंपारण के डीएम को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के इको सेंसिटिव जोन में हो रहे अवैध खनन पर पूर्णतः रोक लगाई जाए. पत्र में खनिज विकास पदाधिकारी, जिला खनन कार्यालय को कहा गया है कि इको सेंसिटिव जोन में अविलंब खनन पर रोक लगाई जाए और इसकी सूचना मुख्यालय सहित प्रमंडल एक और प्रमंडल दो को उपलब्ध कराई जाए.

देखें रिपोर्ट

इको सेंसिटिव जोन में हो रहा था खनन
गौरतलब है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन निदेशक हेमकांत राय ने जिला खनन पदाधिकारी को पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया था कि जंगल के इको सेंसिटिव जोन में खनन हो रहा है. 2017 से वन निदेशक लगातार पत्राचार कर रहे थे. उन्होंने खान एवं भूतत्व विभाग को भी पत्र भेजा था. जिसके आलोक में विभाग द्वारा डीएम और खनन पदाधिकारी बेतिया को इको सेंसिटिव जोन में खनन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया.

835 वर्ग किलोमीटर का है इको सेंसिटिव जोन
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 890 वर्ग किलोमीटर है. इसे बचाने के लिए केंद्र सरकार ने 835 वर्ग किलोमीटर का इको सेंसेटिव जोन भी बनाया है. जंगल से जीरो से 9 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी प्रकार के खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. खनन माफिया तमाम कानून को ठेंगा दिखाते हुए जंगल में लगातार खनन कर रहे हैं. सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉली बालू का खनन प्रतिदिन होता है. बालू घाटों पर वर्चस्व को लेकर माफियाओं में गोलीबारी तक होती है.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के अनुसार 1725 वर्ग किलोमीटर तक किसी भी प्रकार के खनन पर पूर्णतः रोक है. तमाम बंदिशों के बावजूद टाइगर रिजर्व में खनन माफिया लगातार अवैध खनन कर रहे हैं. खनिज संपदा की लूट जारी है. इससे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रभावित हो रहा है.

गौनाहा के मानपुर, दोहरम नदी और बगहा के हरनाटाड़ सहित दर्जनों जगहों पर खनन हो रहा था, जिस पर प्रतिबंध लगाया गया है. अब देखने वाली बात होगी कि खनन विभाग बिहार सरकार का यह पत्र कितना कारगर होता है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के इको सेंसिटिव जोन में खनन पर प्रतिबंध लग पाता है या खनन माफियाओं का अवैध खनन बदस्तूर जारी रहता है.

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