एक पिता का दर्द: 'मेरा बेटा सेना में जाने की तैयारी कर रहा था, एक शराबी की गलती ने छीन ली उसकी जिंदगी'

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Published : Nov 22, 2022, 10:09 AM IST

Updated : Nov 22, 2022, 10:31 AM IST

वैशाली सड़क हादसे में बेटे को खो चुके पिता की मांग

वैशाली सड़क हादसा (Vaishali road accident )में जान गंवाने वाले युवक चंद्रनाराणय के पिता ने सरकार से मार्मिक गुहार लगाई है. पीड़ित पिता ने कहा है कि यह दुर्घटना पुलिस वालों की लापरवाही का नतीजा है. शराबबंदी के पहले और बाद के समय में पुलिस वालों की संपत्ति खंगाली जाए. सरकार या तो पूरी तरह से शराबबंद करवा दे, या फिर छूट ही दे दे. पढ़ें पूरी खबर..

वैशालीः बिहार के वैशाली में रविवार को एक दर्दनाक ट्रक हादसे में 12 लोगों की इहलीला समाप्त हो गई. इस हादसे में अपने बेटे को खो चुके सेना के एक जवान ने बिहार सरकार से शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की गुहार (Victim father demand complete liquor ban ) लगाई है, या फिर फिर से शराब की छूट दे देने की बात कही है. अंदर से टूट चुके इस पिता का कहना है कि सरकार पुलिस वालों की संपत्तियों की जांच करवाए. शराबबंदी से पहले उनकी कितनी संपत्ति थी और शराबबंदी के बाद कितनी है?

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वैशाली सड़क हादसे में बेटे को खो चुके पिता की मांग

सेना में जाने की तैयारी कर रहा था चंद्रनारायणः दरअसल, ट्रक का ड्राइवर शराब पीए हुए था. इस कारण ट्रक ने बेकाबू होकर सड़क किनारे पूजा कर रहे लोगों को कुचल दिया और पीपल के पेड़ से जा टकराया. ट्रक के नीचे कई लोग दबे पड़े थे. जिन्हें बाद में निकाला गया. तबतक उन सभी की सांसे थम चुकी थी. इन्हीं लोगों में एक था चंद्र नारायण. 20 साल का चंद्रनारायण सेना में जाने की तैयारी कर रहा था. उसे सेना बहाली में भाग लेना था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. एक शराबी की गलती ने उसकी जिंदगी छीन ली और एक पिता जिंदगी भर का दर्द दे गया.

पुलिस की कार्यशैली पर उठाया सवालः हादसे में मारे गए चंद्रनाराणय के पिता ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है कि आखिर बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) के बाद भी कैसे शराब की बिक्री हो रही है और लोग शराब पी रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस वालों के बैंक बैलेंस और संपत्ति खंगाला जाए. हमलोग भी सेना में हैं. वर्दी पहनते हैं, लेकिन किसी से एक रुपया नहीं लेते. वहीं यहां पर पुलिस भर्ती ही होता है पैसा कमाने के लिए. यह हादसा पुलिस की लापरवाही का नतीजा है. अगर पुलिस गश्ती में रहती तो ट्रक को रोककर पूछती इतनी घनी आबादी में तेज रफ्तार में क्यों जा रहा है. अगर शराब पीकर चालक ट्रक चला रहा था तो पकड़ लेती, लेकिन पुलिस ऐसा नहीं करती है.

"सरकार शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लगाए या फिर छूट ही दे दे. यह हादसा पुलिस वालों की लापरवाही का नतीजा है. अगर पुलिस गश्ती तेज रफ्तार में जा रहे ट्रक को रोकती तो पता चल जाता कि ड्राइवर शराब पीये हुए है. आखिर सघन आबादी वाले इलाके से कोई क्यों इतनी तेज रफ्तार में ट्रक लेकर जाएगा. यहां पुलिस वाले वर्दी पहनते ही पैसा कमाने के लिए हैं. इनकी संपत्तियों की जांच होनी चाहिए'' - पीड़ित पिता

हादसा जिले के देसरी थाना क्षेत्र के नया गांव टोला गांव में रात करीब साढ़े आठ बजे हुई. यह गांव हाजीपुर-महनार राज्य राजमार्ग पर स्थित है. यहां महनार मोहद्दीनगर एसएच पर स्थित ब्रह्मस्थान के पास लोग भुइयां बाबा के पूजा के दौरान नेवतन पूजा कर रहे थे. इसी बीच एक अनियंत्रित ट्रक ने लोगों को कुचल दिया. इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हुई है. जिसमें 6 बच्चे भी शामिल हैं. हादसे में कई लोग घायल है. जिन्हें इलाज के लिए महनार सीएचसी ले जाया गया. जिसके बाद सभी को हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.

भुइयां बाबा की पूजा कर रहे थे लोगः स्थानीय लोगों ने बताया कि 'महनार मोहद्दीनगर एनएच पर स्थित ब्रह्मस्थान के पास लोग भुइयां बाबा के पूजा के दौरान नेवतन पूजा कर रहे थे. मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा थी. इस दौरान हाजीपुर की ओर से आ रही तेज रफ्तार ट्रक ने वहां खड़े कई लोगों को कुचल दिया. इसके बाद अनियंत्रित ट्रक पीपल के पेड़ से टकरा गई. काफी देर तक चालक उसी में फंसा रहा. कुछ लोग ट्रक के अंदर भी दब गए थे. ऐसा लग रहा था कि चालक नशे में ट्रक चला रहा था.

बोनट में फंसा था एक शवः स्थानीय लोगों के मुताबिक, एक शव ट्रक के बोनट में काफी देर तक फंसा रहा. जिसे काफी मशक्कत के बाद निकाला गया. कई शव इधर उधर बिखरे पड़े थे. हादसे के बाद से इलाके में अफरा-तफरी मच गई. मौके पर हर तरफ सड़क खून से लाल हो गया था. इसके बाद किसी ने भीड़ में से पुलिस को सूचना. थोड़ी देर बार पुलिस पहुंची और शव को निकाला गया और उस्पताल भेजा गया.

ड्राइवर के खून में मिला 45 प्रतिशत अल्कोहलः ब्लड सेंपल की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि ट्रक के ड्राइवर के खून जांच में 45 फीसदी अल्कोहल के मिले हैं. ड्राइवर फुल टल्ली होकर शराबबंदी वाले बिहार में ट्रक ड्राइव कर रहा था. इससे उसका बैंलेंस बिगड़ गया और वो सड़क किनारे पूजा कर रहे लोगों को रौंदता हुआ पीपल के पेड़ से टकरा गया. यह हादसा इतना भीषण था कि ट्रक के अगले हिस्से में मानव अंग चिपके हुए थे.

राष्ट्रपति ने जताया शोक : वैशाली सड़क हादसे पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शोक जताया है और घायलों के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना की है. राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में हुई सड़क दुर्घटना में बच्चों समेत कई लोगों के हताहत होने की खबर अत्यंत पीड़ादायक है. मैं इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति गहन शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं तथा घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान : प्रधानमंत्री मोदी ने गहरा दुख जताया. साथ ही मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और प्रत्येक घायल व्यक्ति को 50,000 रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. पीएम मोदी ने ट्विटर पर इस घटना को लेकर दुख जताते हुए लिखा वैशाली, बिहार में दुर्घटना दुखद है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. वहीं घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.

सीएम नीतीश ने भी जताया दुख: इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि जो घायल हुए हैं, उनका उचित इलाज किया जाए और प्रत्येक मृतक के परिजनों के बीच मानदंडों के अनुसार शीघ्र अनुग्रह राशि का वितरण किया जाए.

बिहार में ओवरस्पीडिंग से सबसे ज्यादा हदसाः पिछले वर्ष बिहार में सड़क हादसों के कुल 9553 मामले सामने आये. 7660 की मौत हुई. दो पहिया वाहनों से हुई दुर्घटनाओं में 2749 लोग घायल हुए और 2657 की मौतें हुईं. वहीं ट्रक की टक्कर से 126 लोग मारे गए तो बस से हुई दुर्घटना 71 की मौत हुई. एसयूवी, कार और जीप से हुई दुर्घटनाओं में 504 लोगों की मौतें हुईं. आंकड़े के अनुसार बिहार में सबसे ज्यादा हादसा ओवरस्पीडिंग के कारण होते हैं. एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार एक वर्ष में बिहार में ओवरस्पीड की वजह से 2886 हादसे हुए, जिसमें 2284 लोगों की मौत हो गयी. वहीं की वजह से शराब 51 हादसे हुए, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गयी. रांग साइड के 1134 मामले में 903, मोबाइल फोन की वजह से 113 हादसे में 92 और अन्य कारणों से 5369 हादसे में 4369 लोगों की मौत हो गयी.

Last Updated :Nov 22, 2022, 10:31 AM IST
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