ब्राजील के डेफ ओलंपिक में दमखम दिखाएंगे वैशाली के रितिक आनंद, दिल्ली में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद हुआ चयन

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Published : Mar 21, 2022, 5:23 PM IST

hrithik Anand selected for Deaflympics in Brazil

ब्राजील में होने वाले डेफ ओलंपिक (Deaf Olympics In Brazil) में वैशाली के रितिक आनंद का चयन हुआ है. पहले भी रितिक डेफ वर्ल्ड कप में दो सिलवर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय होने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं. रितिक से डेफ ओलंपिक में गोल्ड मेडल की उम्मीद जताई जा रही है. क्या है रितिक की पूरी कहानी जानिए इस रिपोर्ट में.

वैशाली: राष्ट्र कवि दिनकर ने लिखा था जब हिना सहती है प्रहार.. बनती ललनाओं का श्रृंगार.. मानव जब जोर लगता है पत्थर पानी बन जाता है. इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ किया है वैशाली (Hrithik Anand Of Vaishali) के एक लाल ने. हाजीपुर के रहने वाले 18 वर्षीय रितिक आनंद का चयन डेफ ओलंपिक के लिए किया गया है. दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में कई राज्यो के बैडमिंटन खिलाड़ियों का ट्रायल हुआ था. जिसमें रितिक आनंद (Hrithik Anand Selected For Deaflympics In Brazil) का चयन हुआ है.

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डेफ ओलंपिक में रितिक आनंद का चयन: रितिक भले ही बोल और सुन नहीं सकते हैं लेकिन उन्होंने अपनी कमजोरी को कभी खुदपर हावी होने नहीं दिया. 1 मई 2022 से 15 मई 2022 तक ब्राजील में बैडमिन्टन का डेफ ओलंपिक होना है. जिसमें रितिक आनंद को भारत का नेतृत्व करने का मौका मिलेगा. रितिक आनंद का खेल सफर इतना सुनहरा है कि उनसे ब्राजील से गोल्ड मेडल लाने की संभावना बेहद प्रबल है. रितिक इससे पहले ताइपे में हुए डेफ के वर्ल्ड कप में 2 सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. साथ ही अपने सेगमेंट के तीनों प्रारूप में गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं.

लोगों ने रितिक को दी शुभकामनाएं: रितिक के चयन के बाद वैशाली जिले के बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल, सचिव जय प्रकाश, कोषाध्यक्ष दीपक जायसवाल, विपुल कुमार, कुंदन सिंह, पुष्कर सिन्हा व रजनीश कुमार ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. इस विषय मे रितिक आनंद के पिता उदय कुमार ने बताया कि वो फिजीकल फिटनेस के लिए बैडमिंटन खेलने आते थे. तब साथ मे रितिक भी आता था. बैडमिंटन में उसकी जिज्ञासा जगी और वह खेलने लगा.

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गोल्ड मेडल की जगी आस: इसी बीच नेशनल प्लेयर संतोष कुमार की रितिक पर नजर पड़ी तो उन्होंने उसे ट्रेंड किया. उदय कुमार आगे बताते है रितिक के चयन से काफी उत्साह का माहौल है. उसके गोल्ड मेडल जीतने की पूरी संभावना है जिसके लिए वह दिल्ली में रहकर लगातार मेहनत कर रहा है. वहीं रितिक के गुरु और नेशनल प्लेयर संतोष कुमार ने बताया कि रितिक का फिटनेस लेवल बहुत बढ़िया है. वह निश्चित रूप से गोल्ड मेडल लाएगा.

"रितिक बोल ओर सुन नहीं सकता है इसलिए उसको खास तौर से प्रशिक्षण दिया गया है. सब कुछ उसके सामने करके बताना पड़ता था. लेकिन उसकी खासियत है कि वह बहुत जल्दी सीख लेता था. जिले में काफी खिलाड़ी अच्छा कर रहे हैं. 10 खिलाड़ी तो ऐसे है जिन्होंने अपने आप को बैडमिंट में साबित किया है."- संतोष कुमार, रितिक के गुरु व नेशनल प्लेयर

बोले रितिक आनंद के पिता: वहीं रितिक के पिता ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है. रितिक इससे पहले भी सिल्वर मेडल जीत चुका है. फिजिकल फिटनेस के लिए बैडमिंटन खेलने आते थे. मेरे साथ रितिक भी आता था. वहीं से उसने बैडमिंटन खेलना सीखा. चीन में आयोजित विश्व डेफ बैंडमिटन प्रतियोगिता 2019 में वैशाली का लाल रितिक आनंद ने बालक वर्ग के डबल और मिक्स डबल में दो सिल्वर मेडल जीत चीन के ताइपे में तिरंगा लहरा कर अपने देश का नाम रोशन किया.

बेहद कम संसाधन में वैशाली जिले के खिलाड़ी बैडमिंटन के खेल में लगातार अपने हुनर का जलवा बिखेर रहे हैं. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अगर छोटे शहरों में भी खेल को प्रोत्साहन देने की व्यापक व्यवस्था हो तो निश्चित तौर पर कई विश्वस्तरीय खिलाड़ी और भी देश के छोटे-छोटे शहरों से निकल कर सामने आ सकते हैं.

डेफ ओलंपिक: डेफलिम्पिक्स हर चार साल में आयोजित किया जाता है और ओलंपिक के बाद इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाला बहु-खेल आयोजन है. 1924 में पेरिस में पहला खेल आयोजित किया गया था. यह विकलांग एथलीटों के लिए पहली बार अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन था.

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