कोविड में बिहार सरकार ने किया दूसरे राज्यों से बेहतर काम, CM प्रतिदिन लेते हैं रिपोर्ट- संजय झा

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Published : Sep 15, 2021, 9:36 AM IST

मंत्री संजय झा

सुपौल के प्रभारी मंत्री संजय झा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ पीड़ितों की मदद करने का निर्देश दिया. इस दौरान उन्होंने सरकार की जमकर प्रशंसा की और लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की.

सुपौल: बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री (Water Resources Minister) और सुपौल के प्रभारी मंत्री संजय झा (Sanjay Jha) ने समाहरणालय जिला पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने जिले में बाढ़ से आयी आपदा और फसल की क्षति की जानकारी ली. वहीं अधिकारियों को निर्देश दिया कि आपदा पीड़ितों की मदद करें, इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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बैठक के बाद मंत्री संजय झा ने कहा कि अभी वैश्विक महामारी कोरोना से पूर्ण रूप से छुटकारा नहीं मिला है. कोरोना संक्रमण काल में नीतीश सरकार ने अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर काम किया है. चाहे ट्रेसिंग, टेस्टिंग या फिर वैक्सीनेशन हो, बिहार सरकार ने प्रदेश में बेहतर काम किया है. कोई ऐसा दिन नहीं है, जब मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर चर्चा नहीं की हो.

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सुपौल में यहां के प्रशासन ने भी बेहतर काम किया है. लेकिन जिले में वैक्सीन के प्रथम और द्वितीय डोज लेने वाले की संख्या में काफी अंतर है. इसके लिए उन्होंने सभी लोगों को आगे की अपील की और कहा कि कोरोना से बचने का मात्र एक उपाय वैक्सीन है. ऐसे में सभी लोगों को दोनों डोज लेना चाहिए, ताकि आपका जिला कोरोना मुक्त हो सके.

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''कोविड में बिहार सरकार ने बेहतर काम किया है. वैक्सीनेशन से लेकर कोविड टेस्ट तक में बिहार का काम सराहनीय है. कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज समय लेना आवश्यक है. कुछ लोग कोविड का दूसरा डोज लेने में लापरवाही बरत रहे हैं. कोविड से बचने के लिए वैक्सीनेशन सबसे बेहतर उपाय है.'' -संजय झा, जल संसाधन मंत्री

बता दें कि बीते तीन माह के दौरान बिहार के 26 जिलों के 69 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ (Bihar Flood) से प्रभावित हुई. लाखों किसानों की फसलें नष्ट हो गईं. वहीं खेत में पानी भर जाने के चलते लाखों किसान धान की फसल नहीं लगा पाए. बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई में अब बिहार सरकार (Bihar Government) मिशन मोड में जुट गई है. प्रभारी मंत्री जिले के डीएम के साथ बैठक करने में लगे हैं.

बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान के आंकलन के लिए सभी जिलों के डीएम को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. जिले के प्रभारी मंत्री डीएम के साथ बैठक कर आंकलन कर रहे हैं कि किसानों को बाढ़ से कितनी क्षति हुई है और उन्हें कितना मुआवजा दिया जाना चाहिए.

दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि दो दिनों के अंदर सभी जगह बैठक कर रिपोर्ट तैयार किया जाए. इसके पीछे वजह यह थी कि पिछले दिनों सीएम ने बाढ़ की समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई विभाग ने जिलों में बाढ़ से हुए नुकसान का जो आंकड़ा दिया था उसमें भारी अंतर था. इसके चलते नीतीश ने बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम को सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था.

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