रेहू खाना है या कातला.. सब मिलेगा.. बस ऑर्डर कीजिए.. जिंदा निकालकर प्लेट में परोसा जाएगा
Updated on: Nov 30, 2022, 12:04 PM IST

रेहू खाना है या कातला.. सब मिलेगा.. बस ऑर्डर कीजिए.. जिंदा निकालकर प्लेट में परोसा जाएगा
Updated on: Nov 30, 2022, 12:04 PM IST
राजधानी पटना में मांसाहारी भोजन के शौकीनों की तादाद (Non Vegetarian In Patna) लगातार बढ़ रही है. ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे भी अपनाए जा रहे हैं. भीड़ से अलग दिखने के लिए नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं. मछली के शौकीनों के लिए खुशखबरी है. अब ताजी मछली तलाब से सीधे उनके प्लेट तक पहुंचाने की तैयारी कर ली गई है. प्रयोग को ग्राहक भी खूब पसंद कर रहे हैं. पढे़ं पूरी खबर..
पटना: राजधानी पटना में नॉनवेज खाने वाले की (Good News For Fish Eaters In Patna) कमी नहीं है. लोगों के मिजाज और जायका को देखते हुए अलग-अलग तरह के प्रयोग भी किए जा रहे हैं. कोरोना संकट के बाद लोग जंक फूड के बजाय ताजा भोजन पसंद कर रहे हैं. ताजे भोजन के लिए इको फ्रेंडली रेस्टोरेंट भी ग्राहकों की पसंद बनती जा रही है. नॉनवेज खाने के शौकीन चिकन, मटन, मछली और अंडा खाना पसंद करते हैं. चिकन और मटन के कई ढावे और रेस्टोरेंट्स पटना में खुल चुके हैं लेकिन मछली के शौकीनों के लिए विकल्प का अभाव है. ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट में बर्फ वाली मछली परोसी जाती है. लेकिन पटना में एक ऐसा भी रेस्टेरोंट है जहां तालाब से सीधे आपके प्लेन में लजीज मछली का जायका मिलेगा.
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पटना में नॉनवेज खाने वाले शौकीनों की तादाद बढ़ी : पेशे से इंजीनियर रंजीत कुमार ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ मछली के व्यवसाय में आना मुनासिब समझा. रंजीत कुमार ने एक अनोखा प्रयोग किया. उनके मन में विचार आया कि क्यों ना हम ग्राहकों को तालाब से मछली उनके सामने निकालें और उनके सामने ही फ्राई करें और फिर उन्हें परोसें. रंजीत 3 साल पहले इस कॉन्सेप्ट को लेकर आगे बढ़े थे, शुरुआती दौर में तो इन्हें संघर्ष करना पड़ा लेकिन धीरे-धीरे ताजी मछली के स्वाद को लोगों ने पसंद करना शुरू कर दिया. जिंदा मछली खाने वालों के लिए फ्रेश फिश ढाबा पहली पसंद बन चुका है.
सिविल इंजीनियर की नौकरी छोड़ खोला ढाबा : राजधानी पटना के गोला रोड में स्थित ढाबे को बिल्कुल इको फ्रेंडली बनाया गया है. एक ओर आपको एयर कंडीशन में बैठने की व्यवस्था दी गई है तो दूसरी तरफ आप के लिए झोपड़ी का विकल्प भी खुला है. आप कोई भी मछली की फरमाइश कर सकते हैं और आपके सामने मछली को तालाब से निकालकर काटा जाता है और फिर आपके प्लेट में तलकर परोसा भी जाता है. मछली बनाने की पद्धति भी पारदर्शी है. किचन में पकती फिश को आप देख सकते हैं कि किस तरीके से मछली को काटा जा रहा है और कैसे बनाया जा रहा है. मछली तैयार करने के दौरान शुद्धता और सफाई का खास ख्याल रखा जाता है.
'मैं इस व्यवसाय में इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर आया हूं. 20 साल नौकरी करने के बाद मुझे लगा कि कुछ नया करना चाहिए. मेरे मन में ख्याल आया कि चिकन और मटन से अलग कुछ करना चाहिए. मैंने ताजी मछली को लोगों के प्लेट तक पहुंचाने के लिए योजना बनाई, हम बर्फ वाली मछली यूज नहीं करते हैं. ग्राहक के सामने मछली तालाब से निकालते हैं और सब कुछ उनके सामने होता है. ग्राहकों में विश्वास पैदा करने के लिए हमने किचन को भी खुला रखा है.' - रंजीत कुमार, होटल संचालक
'जायके का ध्यान रखते हैं. ताजी मछली को बगैर किसी मसाले के सरसों में बनाया जाता है. फ्राई मछली के बाद मेन कोर्स में हम अलग तरह के स्वाद की मछली परोसते हैं. ग्रिल मछली को भी लोग खूब सराह रहे हैं.' - मुकेश, हेड कुक
मछली के बहु विकल्प लोगों को खूब आकर्षित कर रहे हैं : मछली खाने वाले शौकीन ढाबे तक पहुंच रहे हैं. ढाबे में ज्यादातर वैसे लोग पहुंचते हैं जो मछली के अलग-अलग वैरायटी खाना चाहते हैं. अभय बताते हैं कि यहां मछली बिल्कुल अलग कांसेप्ट के साथ तैयार किया जाता है और हम जो विकल्प चुनते हैं, वह मछली हमें परोसी जाती है. डॉ राजीव भी मछली के शौकीन हैं. इनका मानना है कि ताजी मछली स्वास्थ्य के लिए बढ़िया होता है और हम लोग इसलिए यहां आते हैं. हर किस्म की ताजी मछली मिल जाती है. स्वाद भी लजीज होता है.
