शेखपुरा सदर अस्पताल का डायलिसिस केंद्र किडनी मरीजों के लिए वरदान, समय और पैसों की हो रही बचत

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Published : Mar 28, 2022, 9:32 AM IST

डायलिसिस केंद्र

बिहार के शेखपुरा जिले के सदर अस्पताल में पांच बेड के डायलिसिस केंद्र की शुरुआत राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत की गई है. इसका उद्घाटन 28 अगस्त 2020 में हुआ था. इस केंद्र के खुलने से लोगों काे काफी सहूलियत हो रही है. मरीजों को समय और पैसे की बचत हो रही है. पढ़ें पूरी खबर.

शेखपुरा: बिहार के शेखपुरा जिले के सदर अस्पताल में दो साल पहले पांच बेड के डायलिसिस केंद्र (dialysis center in sheikhpura sadar hospital) की शुरूआत राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (National Dialysis Program) के तहत की गई थी. यह केंद्र किडनी के मरीजों एवं उनके परिजनों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां के किडनी के मरीजों को डायलिसिस के लिए बार-बार बिहारशरीफ या पटना जाना पड़ता था. इसमें समय भी अधिक लगता था और पैसे की खर्च होते थे. अब ऐसा नहीं करना पड़ता. सदर अस्पताल शेखपुरा में डायलिसिस केंद्र का उद्घाटन 28 अगस्त 2020 में किया गया था. उस समय से लेकर अभी तक लगभग 50 मरीजों का डायलिसिस किया गया है.

पहले जाना पड़ता था दूर, खर्च होते थे पैसे: पांच बेड वाले इस डायलिसिस केंद्र के लिए 6 कर्मियों की नियुक्ति की गई है. सेंटर मैनेजर उत्तम कुमार, टेक्नीशियन अभिषेक कुमार व सुशील कुमार, डॉ.पुरुषोत्तम कुमार, जीएनएम हेमंत कुमार यहां नियुक्त किये गये है. इनकी देखरेख में मरीजों का इलाज किया जाता है. डॉ.कुणाल कुमार (नेफ्रोलॉजिस्ट) के द्वारा भी यहां निरीक्षण का कार्य किया जाता है. बता दें कि किडनी खराब होने की स्थिति में उन्हें डायलिसिस कराने के लिए पटना या देश के अन्य शहरों में जाना पड़ता था. खासकर, डायलिसिस की आवश्यकता मरीजों को किडनी खराब होने पर पड़ती है. मरीजों को अब जिले में ही डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत इस जिले में लोगों की सुविधा के लिए केंद्र खोला गया है. अब यहां दूर-दूर से मरीज आने लगे हैं.

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डायलिसिस प्रक्रिया: किडनी खराब होने पर मरीजों के लिए डायलिसिस वह प्रक्रिया है, जिसके तहत किडनी के बदले कार्य किया जाता है. शरीर से उपयोगी पदार्थ और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में जब किडनी सक्षम नहीं रहता, तब डायलिसिस की प्रक्रिया अपनायी जाती है. सदर अस्पताल स्थित डायलिसिस केंद्र में होमोडायलिसिस की सुविधा भी है. इस प्रक्रिया के तहत शरीर के बाहर लगे मशीन से सुई की मदद से रक्त निकाला जाता है. रक्त को साफ कर पूरे शरीर के अंदर प्रवाहित किया जाता है. मरीजों के अनुसार अब जिले के किडनी के रोगियों को शहर से बाहर के अस्पतालों में डायलिसिस करवाने नहीं जाना पड़ता है. यहां निजी यूनिटों से भी अच्छी व्यवस्था है.

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नये-नये उपचार के संसाधनों तथा सुविधाओं से यह केंद्र लैस है. यूनिट सेंटर मैनेजर उत्तम कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत डायलिसिस सेंटर की स्थापना की गई है. इस सेंटर में पांच बेड की व्यवस्था है. यहां डब्ल्यूएचओ तथा भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी मानकों को पूरा किया गया है. संसाधनों से लैस यह केंद्र चालू होने पर शहरों के आसपास जिले के किडनी फेल्योर मरीजों को निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो रही है.

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