सारण में युवाओं ने मनवाया प्रतिभा का लोहा, श्वेता..आशीष और मनीष ने UPSC में लहराया परचम

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Published : Sep 25, 2021, 11:06 PM IST

Shweta Ashish Manish of Saran crack in UPSC exam

यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2020 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है. इसमें बिहार के बिहार के छात्रों ने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं. सारण के एकमा नगर पंचायत की श्वेता कुमारी समेत आशीष और मनीष ने भी सफलता हासिल की है. पढ़ें पूरी खबर..

सारण: संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की सिविल सर्विसेज 2020 की परीक्षा में बिहार के सारण जिला के एकमा नगर पंचायत की श्वेता कुमारी, मशरख के आशीष और दाऊदपुर के मनीष ने भी सफलता हासिल की है. आशीष को इस परीक्षा में 52 वीं रैंक और मनीष को 521 वीं रैंक हासिल हुआ है.

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बात दें कि इस बार यूपीएससी की परीक्षा में बिहार के छात्रों ने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं. कटिहार के शुभम कुमार ने टॉप किया है. उनके आलावा भी कई छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने बेहतर स्थान लाकर अपने जिले का नाम रोशन किया है. इसी कड़ी में सारण के एकमा नगर पंचायत की निवासी श्वेता कुमारी ने यूपीएससी में सफलता हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. देश की सबसे मुश्किल परीक्षा माने जाने वाले यूपीएससी को क्रैक कर श्वेता ने बता दिया है कि इरादे बुलंद हो तो कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है.

बात दें कि स्वेता कुमारी हंसराजपुर ग्राम निवासी स्वर्गीय अनिल सिंह की पुत्री हैं. उन्होंने सेल्फ स्टडी कर यूपीएससी क्वालीफाई किया है. स्वेता ने कहा कि यूपीएससी उतीर्ण होने के बाद काफी प्रसन्नता हो रही है. श्वेता के पिता के मौत के बाद उनकी मां ने ही पुरा सहयोग किया है. मां गीता सिंह ने कहा कि उसके पापा का सपना था कि बेटी यूपीएससी पास करे. आज बेटी ने उनका ये सपना पुरा किया है. श्वेता ने कहा कि वे लोगों की सेवा करके नया कीर्तिमान स्थापित करेंगी. श्वेता की सफलता से परिवार के लोग काफी खुश हैं.

वहीं, सारण जिले में कई अन्य होनहार युवाओं ने भी यूपीएससी की परीक्षा पास करके सारण जिले का परचम लहराया है. जिसमें मसरख के कोरिया के आशीष को 52वीं रैंक, तो दाउदपुर के बत्राहा निवासी मनीष को 521 वीं रैंक मिली है. आशीष बीएचयू के प्रोडक्ट हैं और इन्होंने यहां से बीटेक की पढ़ाई की है.

वहीं, छोटी उम्र से ही मनीष प्राइवेट ट्यूशन देते थे और इन पैसों से परिवार का भरण पोषण करते थे. साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी. कोरोना काल में इन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि अपने प्रथम प्रयास में ही मनीष ने सफलता प्राप्त करते हुये 581वां रैंक हासिल किया.

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